Uttar Pradesh

Lucknow-II

cc/1199/2013

ARCHANA SAXENA - Complainant(s)

Versus

H.P. INDIA SALES LTD - Opp.Party(s)

21 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,द्वितीय लखनऊ
2 A राणा प्रताप मार्ग मोती महल लान लखनऊ
 
Complaint Case No. cc/1199/2013
 
1. ARCHANA SAXENA
LUCKNOW
...........Complainant(s)
Versus
1. H.P. INDIA SALES LTD
BANGLORE
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani PRESIDENT
 HON'BLE MR. Govardhan Yadav MEMBER
 HON'BLE MRS. Geeta Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय लखनऊ

परिवाद संख्या-1199/2013

अर्चना सक्सेना                          -परिवादिनी
बनाम
एच0पी0 इंडिया सेल्स प्रा0लि0 एवं एक अन्य  -विपक्षीगण  
समक्ष
श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष
श्री गोवर्द्धन यादव,   सदस्य
श्रीमती गीता यादव,  सदस्य

द्वारा श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष

  निर्णय

परिवाद अन्तर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986

परिवाद पत्र के अनुसार, परिवादिनी का कथन, संक्षेप में, यह है कि उसने विपक्षी सं0 2 के माध्यम से दि0 30.12.12 को रू08400/-नकद देकर एच0पी0 लेस जेट प्रिटंर माडल सं0 1020 लिया, जिसकी एक वर्ष की वारन्टी थी । माह फरवरी 2013 में उक्त प्रिटंर डेड हो गया । परिवादिनी ने इसकी शिकायत विपक्षी सं0 1 से किया। परिवादिनी विपक्षी सं0 1 के अधिकृत सर्विस सेंटर में गयी । सर्विस सेंटर नेे प्रिंटर का तार मुफ्त में बदल दिया और प्रिटंर उसे वापस कर दिया, उसके बाद उक्त प्रिंटर ने दि0 25.10.13 से सही कार्य करना बंद कर दिया। परिवादिनी ने पुनः इसकी शिकायत सर्विस सेंटर में किया। परिवादिनी को पता चला कि प्रिटंर में कुछ निर्माणीय त्रुटि है । ऐसा करके विपक्षी सं0 1 ने सेवा में कमी  किया  है,जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षी सं0 1 से उक्त प्रिटंर के बदले उसी कीमत का नया प्रिटंर दिलाये जाने अथवा उसकी कीमत रू0 8400/- मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु       रू010,000/-एवं वाद व्यय हेतु रू05500/- दिलाये  जाने  की  प्रार्थना  किया  है।विपक्षी सं0 1 ने अपने वर्जन/साक्ष्य में लिखा है कि विपक्षी सं0 1 कंपनीज एक्ट ,1956 के प्रावघान से आच्छादित है। विपक्षी सं0 1 की ओर से कोई कमी नहीं की गयी है न ही उन्होंने व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है। परिवादिनी ने मिथ्या तथ्यों पर वर्तमान परिवाद संस्थित कर दिया है जो कि निरस्त होने योग्य है।विपक्षी को नोटिस जारी की गयी। नोटिसोंपरान्त भी विपक्षी सं0 2 न तो उपस्थित हुये और न ही उन्होंने प्रतिवाद पत्र दाखिल किया है । विपक्षी सं0 1 ने अपना वर्जन/साक्ष्य दाखिल किया है लेकिन वे भी उपस्थित नहीं है।परिवादिनी ने परिवाद पत्र के समर्थन में अपना शपथपत्र दाखिल किया है एवं परिवाद पत्र/शपथपत्र के साथ अभिलेखीय साक्ष्यों की छायाप्रतियाॅ दाखिल किया है।विपक्षी सं0 1 की ओर से ैचपतजीप डवनसप ने अपना शपथपत्र दाखिल किया है।
मंच ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को श्रवण किया एवं पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया।
परिवादिनी का तर्क है कि उसने विपक्षी सं0 2 के माध्यम से दि0 30.12.12 को रू0 8400/-नकद देकर  एच0पी0  लेसजेट प्रिटंर माडल सं0 1020 लिया, जिसकी एक वर्ष की वारन्टी थी । माह फरवरी 2013 में उक्त प्रिटंर डेड हो गया । परिवादिनी ने इसकी शिकायत विपक्षी सं0 1 से किया। परिवादिनी विपक्षी सं0 1 के अधिकृत सर्विस सेंटर में गयी । प्रयासोंपरान्त भी उक्त प्रिटर ठीक न हो सका, जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षी सं0 1 से उक्त प्रिटंर के बदले उसी कीमत का नया प्रिटंर दिलाये जाने अथवा उसकी कीमत रू0 8400/- मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु       रू010,000/-एवं वाद व्यय हेतु रू05500/- दिलाये  जाने  की  प्रार्थना  किया  है।उपरोक्त पर्यवेक्षणोंपरान्त मंच का यह अभिमत है कि प्रथम दृष्टया विपक्षी द्वारा सेवा में कमी प्रतीत होती है। ऐसा करके विपक्षी ने व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है।। ऐसी स्थिति में मंच के समक्ष परिवादी के कथनों पर विश्वास करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है। परिवादी ने बार-बार विपक्षी से संपर्क किया है। परिवादी को विपक्षी के पास जाने आदि में भाग-दौड़ करनी पड़ी है, इससे स्वतः स्पष्ट है कि निश्चित रुप से परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्ट हुआ है,  फलस्वरुप परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0 1 को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि सेे छः सप्ताह के अंदर परिवादिनी            को  उक्त  विवादित  प्रिटंर  की  कीमत  का  प्रिटंर  दें  औरयदि यह संभव न हो तो उसकी कीमत रू08400/-मय ब्याज दौरान वाद व आइंदा बशरह 9 (नौ) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर के साथ अदा करंे। इसके अतिरिक्त विपक्षी सं0 1 परिवादी को मानसिक क्लेश हेतु रू010000/- तथा रू05000/-वाद व्यय अदा करगें, यदि विपक्षी उक्त निर्धारित अवधि के अंदर परिवादी को यह धनराशि अदा नहीं करते है तो विपक्षी सं0 1 को , समस्त धनराशि पर उक्त तिथि  से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर के साथ अदा करना पड़ेगा।

(गीता यादव)     (गोवर्द्धन यादव)   (संजीव शिरोमणि)       
   सदस्य            सदस्य            अध्यक्ष

            दिनांक  21 जुलाई 2015

 

 
 
[HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Govardhan Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Geeta Yadav]
MEMBER

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