न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय लखनऊ
परिवाद संख्या-315/2014
छंउपजं ैींतउं -परिवादिनी
बनाम
भ्मूसमजज च्ंबांतक प्दकपं ैंसमे च्अजण्स्जकण्
।दंदवजीमत -विपक्षीगण
समक्ष
श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष
श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य
श्रीमती गीता यादव, सदस्य
द्वारा श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष
निर्णय
परिवाद अन्तर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986
परिवाद पत्र के अनुसार, परिवादिनी का कथन, संक्षेप में, यह है कि उसने दि0 1.2.14 को एक एच0पी0 का लैपटाॅप माडल सं0 2000-2डी49टीयू पोर्टेबिल लैपटाॅप आॅनलाइन विपक्षी सं0 2 से बुक कराया। विपक्षी सं0 2 का सेलर दि0 4.2.13 को परिवादी को उक्त लैपटाॅप दे गया और परिवादिनी ने विपक्षी सं0 2 को रू0 24993/-का नकद भुगतान कर दिया। उक्त लैपटाॅप क्रय करने के दो सप्ताह बाद दि0 16.2.14 को खराब हो गया, जिसकी स्क्रीन में यह मेसेज आ रहा था विन्डोज आर नाॅट जेनयून। विपक्षी ने परिवादी को पायरेटेड विन्डोज दिया जिस कारण कुछ प्रोग्राम नहीं खुल रहे थे। परिवादिनी उक्त लैपटाॅप को विपक्षी सं0 1 के सर्विस सेंटर ले गयी , किन्तु उसे
सर्विस सेंटर में उक्त लैपटाॅप को बनाने से मना कर दिया गया और लैपटाॅप उसे वापस कर दिया। दि0 25.2.14 को उक्त लैपटाॅप का साफ्टवेयर ठीक काम नहीं कर रहा था। परिवादिनी फिर दि0 20.8.14 को विपक्षी सं0 1 के सर्विस सेंटर लैपटाॅप लेकर गयी । विपक्षी ने उक्त लैपटाॅप को ठीक करने और उसमें मूल साफ्टवेयर डालने हेतु रू014500/-की माॅग किया। परिवादिनी ने यह पैसा देने हेतु मना कर दिया। विपक्षी ने ऐसा करके सेवा में कमी किया है और व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है, जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षीगण से उक्त लैपटाॅप के बदले उसी कीमत पर दूसरा नया लैपटाॅप दिलाये जाने अथवा उसकी कीमत रू0 24993/-मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु रू015000/-एवं वाद व्यय हेतु रू07500/- दिलाये जाने की प्रार्थना किया है।
विपक्षी सं0 1 ने अपने वर्जन/साक्ष्य में लिखा है कि विपक्षी सं0 1 कंपनीज एक्ट ,1956 के प्रावघान से आच्छादित है। विपक्षी सं0 1 की ओर से कोई कमी नहीं की गयी है न ही उन्होंने व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है। परिवादिनी ने मिथ्या तथ्यों पर वर्तमान परिवाद संस्थित कर दिया है जो कि निरस्त होने योग्य है।
विपक्षी को नोटिस जारी की गयी। नोटिसोंपरान्त भी विपक्षी सं0 2 न तो उपस्थित हुये और न ही उन्होंने प्रतिवाद पत्र दाखिल किया है । विपक्षी सं0 1 ने अपना वर्जन/साक्ष्य दाखिल किया है लेकिन वे भी उपस्थित नहीं है।
परिवादिनी ने परिवाद पत्र के समर्थन में अपना शपथपत्र दाखिल किया है एवं परिवाद पत्र/शपथपत्र के साथ अभिलेखीय साक्ष्यों की छायाप्रतियाॅ दाखिल किया है।
विपक्षी सं0 1 की ओर से ैचपतजीप डवनसप ने अपना शपथपत्र दाखिल किया है।
मंच ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को श्रवण किया एवं पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया।
परिवादिनी का कथन, संक्षेप में, यह है कि उसने दि0 1.2.14 को एक एच0पी0 का लैपटाॅप माडल सं0 2000-2डी49टीयू पोर्टेबिल लैपटाॅप आॅनलाइन विपक्षी सं0 2 से बुक कराया। विपक्षी सं0 2 का सेलर दि0 4.2.13 को परिवादी को उक्त लैपटाॅप दे गया और परिवादिनी ने विपक्षी सं0 2 को रू0 24993/-का नकद भुगतान कर दिया। लैपटाॅप आरम्भ से ही खराब था , जिसमें पायरेटेड साफ्टवेयर विन्डोज लगा था। परिवादिनी सर्विस सेंटर भी गयी , किन्तु वहाॅ उससे मूल साफ्टवयर आदि डालने हेतु पैसे की माॅग की गयी , जिसे देने से परिवादिनी ने मना कर दिया, जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षीगण से उक्त लैपटाॅप के बदले उसी कीमत पर दूसरा नया लैपटाॅप दिलाये जाने अथवा उसकी कीमत रू0 24993/-मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु रू015000/-एवं वाद व्यय हेतु रू07500/- दिलाये जाने की प्रार्थना किया है।
उपरोक्त पर्यवेक्षणोंपरान्त मंच का यह अभिमत है कि प्रथम दृष्टया विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी प्रतीत होती है। ऐसा करके
विपक्षी ने व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है चूॅकि विपक्षी सं0 1 ने जवाबदावा दाखिल तो किया है परंतु उसके कथनों एवं साक्ष्य से उसे लाभ प्राप्त नहीं होता हैै। मंच के समक्ष परिवादी के कथनों पर विश्वास करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है। परिवादिनी ने बार-बार विपक्षी से संपर्क किया है। परिवादिनी को विपक्षी के पास जाने आदि में भाग-दौड़ करनी पड़ी है, इससे स्वतः स्पष्ट है कि निश्चित रुप से परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्ट हुआ है, फलस्वरुप परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0 1 को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि सेे छः सप्ताह के अंदर परिवादी को विवादित लैपटाॅप की कीमत का नया लैपटाॅप दें , यदि यह संभव न हो तो उसकी कीमत रू024993/- मय ब्याज दौरान वाद व आइंदा बशरह 9 (नौ) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर के साथ अदा करंे। इसके अतिरिक्त विपक्षी सं0 1 परिवादी को मानसिक क्लेश हेतु रू015000/- तथा रू05000/- वाद व्यय अदा करगें, यदि विपक्षी सं0 1 उक्त निर्धारित अवधि के अंदर परिवादी को यह धनराशि अदा नहीं करते है तो विपक्षी सं0 1 को , समस्त धनराशि पर उक्त तिथि से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर के साथ अदा करना पड़ेगा।
(गीता यादव) (गोवर्द्धन यादव) (संजीव शिरोमणि)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 22 जुलाई 2015