1
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 218 सन् 2009
प्रस्तुति दिनांक 25.11.2009
निर्णय दिनांक 03/04/2019
- रामकैलाश राय पुत्र स्वo छत्रधारी राय निवासी ग्राम- उमरी श्री, पोस्ट- गोमाडिह, थाना- गम्भीरपुर, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।
बनाम
- एच.डी.एफ.सी. जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड जरिए शाखा प्रबन्धक शाखा कार्यालय प्रथम तल (फर्स्ट फ्लोर) सरन चेम्बर 2, 5 पार्क रोड लखनऊ।
- गिरीशचन्द श्रीवास्तव (जी.सी. श्रीवास्तव) मo नंo 36 गुरूटोला शहर आजमगढ़।
..............................................................................विपक्षीगण।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
परिवादी ने अपने परिवाद पत्रमें यह कहा है कि वह कमाण्डर जीप संख्या यू.पी. 50 एफ./3277 का स्वामी है। परिवादी ने अपने जीप का 2,90,000/- रुपये का बीमा कराया था। जिसका कवर नोट नम्बर वी.सी.-6-1387180 है और उसकी वैधता 29.09.2008 से 28.09.2009 तक थी। कमाण्डर प दिनांक 03.08.2009 को दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। जिससे काफी क्षति हुई। क्षतिपूर्ति हेतु परिवादी ने विपक्षी से क्लेम संख्या 280814/09.03.2009 विपक्षी संख्या 01 को दिया। विपक्षी संख्या 02 सर्वेयर नियुक्त किया गया, जिसने अपना आकलन दिया। विपक्षी संख्या 01 ने विपक्षी संख्या 02 के सर्वे के आधार पर 8,326/- रुपये की क्षतिपूर्ति परिवादी को दिया। जबकि परिवादी को जीप की मरम्मत में 32,000/- रुपया खर्च करना पड़ा था। जिसकी रसीद संलग्न है। सर्वे रिपोर्ट विपक्षी संख्या 02 ने विलम्ब से प्रस्तुत किया है। विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी से
2
5,000/- रुपये की मांग किया था, लेकिन परिवादी ने नहीं दिया। अतः उसने गलत रिपोर्ट लगा दिया। सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने पश्चात् परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 व 02 से सम्पर्क किया और उसने कहा कि क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाए। दुर्घटना होने के कारण परिवादी की जीप काफी दिनों तक खड़ी रही। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को 72,000/- रुपया मय 12% वार्षिक ब्याज के साथ अदा करे।
परिवाद पत्र के समर्थन में परिवादी द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 5/1 विपक्षी संख्या 01 को दिनांक 09.09.2009 को दिए गए प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2 इन्श्योरेन्स की छायाप्रति, कागज संख्या 5/3 रसीद रजिस्ट्री, कागज संख्या 5/4 फाइनल सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी की ओर से जवाबदावा कागज संख्या 20/1 प्रस्तुत कर परिवाद प्रत्र के कथनों से इन्कार किया गया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी की जीप संख्या यू.पी.50एफ./3277 का पूर्ण बीमा विपक्षी संख्या 01 कम्पनी द्वारा किया गया था। सूचना पर सर्वे कराया गया। परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराये गए बिल-बाउचर पर दुकान का एवं लेबर खर्च के पर्चे पर मिस्त्री का कोई भी रजिस्ट्रेशन नम्बर नहीं लिखा गया है। परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी से नाजायज तरीके से आर्थिक लाभ लेने के लिए बढ़ा-चढ़ा कर बातें कही गयी हैं। परिवादी द्वारा उपलब्ध करायी गयी बिल बाउचर एवं लेबर खर्च के सत्यापन हेतु सर्वेयर नियुक्त किया गया। सर्वेयर ने वर्णित वाहन का फोटो लिया। इसके उपरान्त निष्पक्ष तरीके से नुकसान की सीमा का आकलन करके रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जो क्षतिपूर्ति है उसे विपक्षी संख्या 01 ने अदा कर दिया है।
3
विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
बहस के दौरान कोई पक्ष उपस्थित नहीं था। अतः पत्रावली व उस पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया गया।
उभय पक्षों ने यह स्वीकार किया है कि वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुई थी और सर्वेयर नियुक्त किया गया था। सर्वेयर की रिपोर्ट एक मान्य रिपोर्ट होती है। जब तक कि उसका सही ढंग से खण्डन न कर दिया जाए। चूंकि इस परिवाद के अवलोकन से स्पष्ट है कि जो सर्वेयर ने क्षति का ऑकलन किया था उसे बीमा कम्पनी ने अदा कर दिया है। परिवादी द्वारा ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट हो कि उसने किसी साक्ष्य के माध्यम से सर्वेयर की रिपोर्ट को खण्डित किया हो। उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार परिवाद खारिज किए जाने योग्य पाया जाता है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 03/04/2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)