राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-1307/2024
बृज भूषण पुत्र श्री अवध बिहारी
बनाम
एच0डी0एफ0सी0 बैंक
दिनांक: 04.09.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री राम किंकर उपाध्याय को सुना।
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, अयोध्या द्वारा परिवाद संख्या-112/2021 बृज भूषण बनाम प्रबन्धक एच0डी0एफ0सी0 बैंक में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.04.2024 के विरूद्ध विलम्ब से योजित की गयी है।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने निर्णय में निम्न तथ्य उल्लिखित किए गए:-
''यह परिवाद परिवादी बृज भूषण ने प्रबन्धक एच0डी0एफ0सी0 बैंक शाखा कुमारगंज के विरूद्ध इस आयोग में दि0 02.09.2021 को चेक की मूल धनराशि 2,80,000/-रू0 तथा उस पर वर्तमान समय तक का देय ब्याज व हर्जाना तथा मुकदमा खर्चा सहित कुल रू0 4,80,000/- विपक्षी से दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
इस आयोग द्वारा दि0 10.09.2021 को परिवाद अंगीकृत किया गया।
नोटिस के उपरान्त विपक्षी की तरफ से दि0 21.10.2021 को जवाबदावा प्रस्तुत किया गया। पत्रावली दि0 08.03.2022 से परिवादी साक्ष्य हेतु नियत है परन्तु परिवादी की तरफ से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया न ही विपक्षी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद पत्र के कथनों का खण्डन ही किया गया है। इस आयोग द्वारा दि0 25.04.2024 को परिवादी के साक्ष्य का अवसर समाप्त करते हुए पत्रावली आदेश हेतु दि0 30.04.2024 नियत की गयी।
परिवादी विगत कई तिथियों से अनुपस्थित है। परिवादी आज भी अनुपस्थित है। ऐसा प्रतीत होता है कि परिवादी को परिवाद चलाने में कोई
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रूचि नहीं है इसलिए परिवाद परिवादी की अनुपस्थित एवं साक्ष्य के अभाव में निरस्त किये जाने योग्य है।''
तदनुसार जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद परिवादी की अनुपस्थिति एवं साक्ष्य के अभाव में निरस्त किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने, सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी को पर्याप्त समय दिए जाने के उपरान्त भी न तो परिवादी द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत किया गया तथा न ही विपक्षी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद पत्र के कथनों का खण्डन किया गया तथा परिवादी विगत कई तिथियों से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख उपस्थित भी नहीं हुआ। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधिसम्मत है तथा यह कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.04.2024 के विरूद्ध लगभग चार माह से अधिक की अवधि के पश्चात् प्रस्तुत अपील में हुए विलम्ब को क्षमा किये जाने हेतु पर्याप्त आधार नहीं है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1