जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्री हुकमीचंद जैन पुत्र श्री मदन लाल जैन, निवासी- मकान नं. 15-16, वीर लोकाषाह काॅलोनी, फायसागर रोड, अजमेर (राजस्थान) 305001
प्रार्थी
बनाम
1. एचडीएफसी स्टेण्डर्ड लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए षाखा प्रबन्धक, षाखा कार्यालय इण्डिया स्क्वायर, द्वितीय फलोर इण्डिया मोटर सर्किल, कचहरी रोड, अजमेर (राजस्थान)305001
2. एचडीएफसी स्टेण्डर्ड लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, रजिस्टर्ड आॅफिस, रमन हाउस, एचटी पारेख मार्ग, 169, बेकवे रिक्लेमेषन, चर्चगेट, मुम्बई-400020
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 508/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्य प्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री संजय मंत्री, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 26.08.2016
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से दिनंाक 13.3.2006 को रू. 5,00,000/- की एचडीएफसी यूनिट लिंक्ड यंगस्टार प्लान बीमा पाॅलिसी संख्या 10495049 बीस वर्ष के लिए प्राप्त की । जिसकी रू. 6250/- त्रैमासिक प्रीमियम थी । उक्त बीमा पाॅलिसी के अन्तर्गत हैल्थ राईडर बेनिफिट्स भी षामिल थे । जिसके तहत प्रार्थी को कोई क्रिटीकल बीमारी हो जाने पर रू. 5,00,000/- देय थे । अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बीमा पाॅलिसी देने से पूर्व उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया था ।
प्रार्थी का आगे कथन है कि प्रार्थी जब अपने सपरिवार सहित भाई से मिलने मुम्बई गया हुआ था तब दिनांक 15.7.2013 की रात मुम्बई में ही प्रार्थी को अचानक चैस्ट पैन हुआ । तब उसे दिनंाक 16.7.2013 को अरिहन्त हार्ट क्लिीनिक एण्ड नर्सिग होम, बोरीवली, मुम्बई में दिखलाया गया । जहां सम्पूर्ण जांच के बाद उसे पी.डी. हिन्दूजा नेषनल हाॅस्पीटल, मुम्बई के लिए रैफर किया गया । जहां प्रार्थी की एंजियोग्राफी की गई, क्योंकि प्रार्थी के हृदय में चार ब्लाॅकेज पाए गए थे । प्रार्थी एंजियोग्राफी करवा कर दिनंाक 19.7.2013 को अजमेर आ गया । दिनंाक 22.7.2013 को प्रार्थी के चैस्ट में पुनः दर्द होने पर उसे तत्काल अहमदाबाद ले जाकर दिनंाक 23.7.2013 को हार्टकेयर ऐसोसिएट्स के डा. अनिल जैन को दिखाया गया किन्तु उसके परिजनों को सन्तुष्टी नहीं मिलने पर साॅल अस्पताल, अहमदाबाद दिखलाया, जहां उसे दो स्टेंट लगाए गए । साल अस्पताल में अपना इलाज कराने से पूर्व इसकी सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दी गई और बीमा पाॅलिसी के तहत देय एक्स्ट्रा हैल्थ बेनिफिट के रूप में राषि रू. 5,00,000/- दिलाए जाने हेतु वांछित खानापूर्ति करते हुए आवेदन किया । किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनंाक 16.8.2013 के द्वारा परिवाद की चरण संख्या 10 में वर्णित कारण के आधार पर क्लेम देने से इन्कार कर दिया । तत्पष्चात् उसने 21.8.2013 के पत्र द्वारा क्लेम पर पुर्निवचार करने का निवेदन किया । इस पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी से ईसीजी व म्द्रलउम रिर्पोट की मांग की तो उसने पत्र दिनंाक 17.9.2013 के द्वारा उक्त दस्तावेजात में से ईसीजी रिपोर्ट भी भिजवा दी गई। किन्तु रिपोर्ट नहीं दी जाने के कारण भेजने में असमर्थता बतलाई । इसके बाद अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनंाक 26.9.2013 के क्लेम खारिज करने के निर्णय को बराकरार रखते हुए क्लेम अदा करने से इन्कार कर दिया । प्रार्थी ने इसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी की सेवा में कमी दर्षाते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब में प्रार्थी द्वारा परिवाद की चरण संख्या 1 व 3 में वर्णित तथ्यों को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि बीमा पाॅलिसी की षर्त संख्या 17 के अन्तर्गत क्लेम देय नहीं होना पाया गया और क्लेम खारिजी की सूचना प्रार्थी को जरिए पत्र दिनांक 16.8.2013 के द्वारा दे दी गई थी । प्रार्थी द्वारा क्लेम पर पुनर्विचार किए जाने की प्रार्थना किए जाने पर प्रार्थी से इसीजी तथा इन्जाईम की रिपोर्ट मांगी गई थी । किन्तु प्रार्थी ने वांछित दस्तावेजात उपलब्ध नहीं कराए गए । अन्त में परिवाद खारिज होना दर्षाया ।
3. प्रार्थी पक्ष का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि उसके द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से परिवाद में वर्णित बीमा पाॅलिसी 20 वर्ष केे लिए प्रतिमाह रू. 6250/- की देय किष्त पर प्रभावी थी । बीमा कम्पनी द्वारा उक्त पाॅलिसी दिए जाने से पूर्व प्रार्थी का स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया गया था तथा फिट पाने पर ही पाॅलिसी जारी की गई थी । पाॅलिसी लेने के 7 वर्ष बाद दिनंाक
15.7.2013 को प्रार्थी के मुम्बई में चैस्ट पैन होने के कारण दिनंाक 16.7.2013 को उसे अरिहन्त हार्ट क्लिीनिक एण्ड नर्सिग होम, बोरीवली, मुम्बई में दिखाया गया था तथा सम्पूर्ण मेडिकल जांच के बाद उसे पी.डी. हिन्दूजा नेषनल हाॅस्पीटल, मुम्बई के लिए रैफर किया गया था । यहां पर उसकी एंज्योग्राफी किए जाने पर हृदय में 4 ब्लोकेज पाए गए । प्रार्थी एज्योग्राफी करवा कर दिनांक 19.7.2013 को अजमेर आ गया था । दिनंाक 27.7.2013 को पुनः चैस्ट में दर्द होने पर तत्काल अहमदाबाद ले जाया गया । जहां दिनांक 23.7.2013 को उसे हार्टकेयर ऐसोसिएट्स के डा. अनिल जैन को दिखाया गया किन्तु उसके परिजनों को सन्तुष्टी नहीं मिलने पर साॅल अस्पताल, अहमदाबाद दिखाया जहां उसे दो स्टेंट लगाए गए । साॅल अस्पताल ले जाने की सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दी गई और बीमा पाॅलिसी के तहत देय एक्स्ट्रा हैल्थ बेनिफिट के रूप में राषि रू. 5,00,000/- दिलाए जाने हेतु निवेदन किया । किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनंाक 16.8.2013 के जरिए प्रार्थी को क्रिटिकल बीमारी की क्लेम राषि देने से इन्कार किया है, यह अनुचित व निराधार है । ऐसा कर अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने सेवा में कमी का परिचय दिया है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।
4. अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से प्रार्थी द्वारा पाॅलिसी लिए जाना स्वीकार किया किन्तु पाॅलिसी की षर्त संख्या 17 के अन्तर्गत उक्त बीमारी ऐसी षर्त को सन्तुष्ट नहीं करती थी तथा उक्त उपचार उक्त ष्षर्त के अन्तर्गत नहीं आता था । अतः प्रार्थी का दावा सही रूप से निरस्त किया गया है । उनकी ओर से इस संबंध में त्मअपेपवद च्मजपजपवद छवण् 211ध्2009;छब्द्ध त्मसपंदबम स्पमि प्देनतंदबम बव स्जक टे डंकींअंबींतलं पर अवलम्ब लिया गया ।
5 हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली पर में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत विनिष्चय में प्रतिपादित न्यायिक दृष्टान्त का भी आदरपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6 इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से दिनंाक 13.3.2006 को रू. 5,00,0.00/- की एचडीएफसी यूनिट लिंक्ड यंगस्टार बीमा पाॅलिसी संख्या 10495049 प्राप्त की। यह पाॅलिसी 20 वर्ष के लिए ली गई जिसकी किष्त रू. 6250/- प्रतिमाह देय थी । मुख्य विवाद का बिन्दु मात्र यह है कि क्या प्रार्थी को हुई बीमारी क्रिटिकल बीमारी होने के कारण बीमा पाॅलिसी की षर्तो के अधीन थी। बीमा कम्पनी ने प्रार्थी की बीमारी को बीमा पाॅलिसी की षर्त संख्या 17 के अन्तर्गत बीमित एवं देय नहीं माना है । ं
7. हमें इस संबंध में सर्वप्रथम प्रार्थी की बीमारी व क्लेम से संबंधित दस्तावेजात पर निगाह डालनी होगी । पत्रावली में उपलब्ध अरिहन्त हार्ट क्लिीनिक एण्ड नर्सिग होम, बोरीवली, मुम्बई की प्रिस्क्रिप्षन स्लिप दिनंाक 16.7.2013 के अनुसार प्रार्थी ने इस क्लिनिक में दिनांक 16.7.2013 को दिखाया है । जहां डायग्नोसिस के रूप में उसके ब्ीमेज च्ंपद व प्ेबीमउपब भ्मंतज क्पेमंेम होने का उल्लेख किया गया है तथा इस बीमारी का इलाज प्रारम्भ करते हुए उसे विभिन्न दवाईयां लेने की सलाह दी गई है । इसी क्लिनिक के अन्य रेंफरेंस पत्र दिनंाक 18.7.2013 के अनुसार मरीज(प्रार्थी)को हिन्दूजा अस्पताल में रेफर किया गया है । इस पत्र के अन्तर्गत मरीज को ब्ंेम व िनदेजंइसम ंदहपदं का होना बताया गया है। उसे एन्ज्योग्राफी की सलाह भी दी गई है । हिन्दूजा अस्पताल की डिस्चार्ज समरी /रिकार्ड दिनांक 17.7.2013 के अनुसार प्रार्थी की ब्वतवदंतल ।दहपवहतंचील की गई है तथा फोलोअप के लिए उसे माह बाद दिखाने की सलाह दी गई है । इस अस्पताल में एन्ज्योग्राफी के दौरान उसके हृदय से संबंधित विभिन्न टेस्ट किए गए है तथा क्लिनिकल डायग्नोसिस के अनुसार उसको ब्वतवदंतल ।तजमतल क्पेमंेम बताई गई है । डाक्टर अनिल जैन के क्लिनिक की भर्ती पर्ची दिनांक
23.7.2013 के अनुसार प्रार्थी को ंदहपदं से पीड़ित बताया गया है व दिनंाक
24.7.2012 को साॅल अस्पताल, अहमदाबाद की विभिन्न पर्चियों के अनुसार प्रार्थी की एन्ज्योप्लास्टी की गई है व इस संबंध में विभिन्न जांचें की गई है । इसी अस्पताल की डिस्चार्ज समरी दिनांक 26.7.2013 के अनुसार प्रार्थी के थ्पदंस क्पंहदवेपे दृ न्देजंइसम ।दहपदंए ब्वतवदंतल ।तजमतल क्पेमंेम. क्वनइसम टमेेमस क्पेमंेमए ैनबबमेेनिस ंदहपवचसंेजल ूपजी ेजमदजपदह जव स्।क् ंदक त्ब्। कवदम ।
8. इस प्रकार उपरोक्त चिकित्सालयों/चिकित्सकों की रिपोर्ट तथा दिए गए उपचार को देखते हुए प्रार्थी ंदहपदं व हृदय की बीमारी से पीड़ि़त हुआ है। उसकी सर्वप्रथम एन्ज्योग्राफी की गई । इसके बाद एन्ज्योप्लास्टी करते हुए उसके हृदय के आस पास ैजमदज डाले गए । कहा जा सकता है कि यह बीमारी हृदयघात अर्थात हार्टअटेक से संबंधित थी ।
9. हार्ट अटैक का डिक्षनरी मिनिंग देखें तो इसके अनुसार-
भ्मंतज ।जजंबा. जीम कमंजी व िं चवतजपवद व िीमंतज उनेबसम ंे ं तमेनसज व िंद पदंकमुनंजम इसववक ेनचचसल ंे मअपकमदबमक इल ंद मचपेवकम व िजलचपबंस बीमेज चंपदए दमू मसमबजतवबंतकपवहतंचीपब बींदहमे ंदक इल मसमअंजपवद व िजीम बंतकपंब मद्रलउमण्
10. इस प्रकार उपरोक्त स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि प्रार्थी न्देजंइसम ंदहपदं के फलस्वरूप हार्ट अटैक की बीमारी से पीडित रहा है ।
11. अब अगला बिन्दु यह है कि क्या यह बीमारी ली गई पाॅलिसी की षर्त संख्या 17 की परिधि से बाहर है ? पाॅंलिसी की षर्त संख्या 17 में एक्स्ट्रा हैल्थ बेनिफिट को निम्ननानुसार बताया गया है -
श् ैमबण् 17;बद्ध ीमंतज ।जजंबाण् ज्ीम कमंजी व िं चवतजपवद व िीमंत उनेबसम ंे ं तमेनसज व िंद पदंकमुनंजम इसववक ेनचचसल ंे मअपकमदबमक इल ंद मचपेवकम व िजलचपबंस बीमेज चंपदण् छमू मसमबजतवबंतकपवहतंचीपब बींदहमे ंदक इल मसमअंजपवद व िजीम बंतकपंब मद्रलउमेण्श्
12. उपरोक्त प्रावधान के अनुसार प्रार्थी का प्रकरण व उसकी बीमारी भी हार्ट अटैक से संबंधित थी , जैसा कि प्रस्तुत अभिलेख से स्पष्ट है । फलस्वरूप जिस प्रकार बीमा कम्पनी ने प्रार्थी की बीमारी के अन्तर्गत हुए खर्चे के क्लेम को उक्त पाॅलिसी की ष्षर्त संख्या 17 को सन्तुष्ट नहीं करते हुए जो क्लेम खारिज किया गया है, वह उचित नहीं है व उनकी सेवा में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार का परिचायक है ।
13. फलतः प्रार्थी का परिवाद मंच की राय में स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
14. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम की राषि रू. 5,00,000/- मय 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित क्लेम खारिज करने की दिनांक से तदायगी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 26.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य अध्यक्ष