जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री प्रकाष नानकानी , निवासी- 115/06, सुखाड़िया नगर, पारब्रह्मा काॅलोनी, मलूसर रोड़, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. मैनेजर/प्रबन्धक, एचडीएफसी स्टण्र्डड लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लि,,
’’ बी’’ बिंग, पांचवी मंजिल, इक्यूरा टोयटा ष्षो रूम के पीछे,माईण्डस्पेस, लिंक रोड़, मलाड़(वेस्ट), मुम्बई- 400064
2. मैनेजर/प्रबन्धक, एचडीएफसी स्टण्र्डड लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लि, स्कावयर, दूसरी मंजिल, इंडिया मोटर सर्किल, मचहरी रोड़, अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 276/2011
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री जितेन्द्र सिंह षेखावत, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री संजय मंत्री, अधिवक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 02.12.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसके द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से 3 वर्ष के लिए दिनांक 18.9.2006 को प्राप्त यूनिट लिंक्ड यंग स्टार पाॅलिसी संख्या 10714807 प्राप्त की गई थी । दिनंाक 2.3.2009 को हार्ट अटैक के कारण जब वह अस्पताल में भर्ती रहा तो उक्त बीमा पाॅलिसी की प्रीमियम राषि जमा नहीं करवा पाया और स्वास्थ्य ठीक होने के उपरान्त उसने उक्त बीमा पाॅलिसी को रिन्यूअल करवाया । जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने दिनांक 14.7.2009 के पत्र से उक्त पाॅलिसी को दिनंाक 18.6.2008 से नवीनीकृत कर दिया । तत्पष्चात् उसने हार्ट अटैक में खर्च हुए इलाज का क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किया । जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक 29.1.2001 के द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया कि प्रार्थी दिनंाक 18.9.2006 से ।बनजम डप् च्तपवत पीड़ित था और उसने इस तथ्य को छिपाया था । प्रार्थी का कथन है कि हार्ट अटैक की बीमारी उक्त बीमा पाॅलिसी में कवर होती है तथा बीमा पाॅलिसी जारी किए जाते समय उसे उक्त बीमारी से ग्रसित होने की कोई जानकारी नहीं थी । इस प्रकार बीमा कम्पनी ने उसका क्लेम खारिज कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना करते हुए परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर प्रारम्भिक आपत्तियों में दर्षाया है कि प्रार्थी द्वारा क्लेम प्रस्तुत किए जाने पर यह तथ्य उजागर हुआ कि प्रार्थी की पाॅलिसी जून, 2009 में प्रीमियम जमा नहीं कराने के कारण लैप्स हो गयी थी जिसे प्रार्थी ने दिनंाक 14.7.2007 को रिवाईव करवाई थी और रिवाईव करवाते हुए भरे गए प्रपोजल फार्म में अपने स्वास्थ्य से संबंधित तथ्यों यथा ।बबनजम डएप्ए नामक बीमारी की जानकारी होने बाबत्, को छिपाया था । मदवार जवाब प्रस्तुत करते हुए उपरोक्त तथ्यों को ही दोहराते हुए परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में अनीष अग्रवाल, वृत्त प्रमुख का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थी का प्रमुख तर्क रहा है कि उसके द्वारा ली गई प्रष्नगत पाॅलिसी को रिन्युवल करवाने बावजूद चाहे गए क्लेम को इस आधार पर गलत रूप से खारिज किया गया है कि प्रार्थी ने पाॅलिसी रिन्युवल के समय ।बनजम डप् च्तपवत नामक बीमारी को छिपाया । जबकि प्रार्थी को ऐसी बीमा पाॅलिसी करवाते समय इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी। बीमा कम्पनी को पाॅलिसी जारी करते समय पूरा अवसर था कि वह डिक्लेयर किए गए तथ्यों की जांच करवा लेती । पाॅलिसी रिन्युवल करते समय बीमा कम्पनी की ओर से प्रार्थी को ष्षर्तो व नियमों का वर्णन हिन्दी में नहीं बताया गया । प्रार्थी की ओर से बीमा प्रपोजल फार्म नहीं भरा गया है । प्रार्थी से खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए थे ।बीमा कम्पनी के एजेण्ट द्वारा ही पाॅलिसी के समस्त कागजात भरे गए थे । प्रार्थी ने तत्समय अपनी समस्त परिस्थितियों से बीमा कम्पनी के एजेण्ट को अवगत करा दिया था । प्रार्थी का उक्त रिन्युअल के संबंध में मेडिकल चेकअप करवाया गया था जो कि अज्ञापक था । इस प्रकार उनकी प्रमुख दलील रही है कि खारिज किया गया क्लेम बीमा कम्पनी की सेवा में कमी व लापरवाही का परिचायक है । इस कारण प्रार्थी उसे हुई आर्थिक, मानसिक व ष्षरीरिक क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है ।ं परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । अपने तर्को के समर्थन में प्रार्थी की ओर से लिखित बहस भी पेष की गई है ।
4. अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से प्रमुख रूप से तर्क प्रस्तुत किया गया कि क्लेम प्रस्तुत किए जाने पर यह तथ्य सामने आया कि प्रार्थी की पाॅलिसी वर्ष, 2009 में प्रीमियम जमा नहीं कराने के कारण लैप्स हो गई थी जिसे प्रार्थी ने दिनांक 14.7.2007 को रिवाईयव करवाया था । उसने रियाईवल फार्म में अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को सहीं रूप में नहीं भरा । स्वयं प्रार्थी द्वारा सहीं तथ्यों के छिपाए जाने के कारण तत्समय हालांकि पाॅलिसी रिवायवल करते समय जारी कर दी गई थी। किन्तु बाद में जानकारी होने पर पाया गया कि उसके द्वारा बीमारी से संबंधित तथ्यों को छिपा कर गलत तथ्य अंकित करते हुए कपटपूर्ण तरीके से बीमा कम्पनी को धोखा देने की नियत से एवं अप्रार्थी को आर्थिक हानि पहुंचाने के दुराष्य से पाॅलिसी प्राप्त की गई है । अतः सही रूप से क्लेम खारिज किया गया है । अपने तर्को के समर्थन में निम्न न्यायिक विनिष्चयों पर अवलम्ब लिया गया है:-
1. ।प्त् 2008 ैब्ण्424 च्ण्श्रण्ब्ींबाव ंदक ।दत टे स्प्ब्ए
2. प्ट;2014द्धब्च्श्र 132;छब्द्ध च्ंतउरपज ज्ञंनत टे स्प्ब्ए
3. प्ट;2014द्ध ब्च्श्र 658 ;छब्द्ध स्प्ब् टे छममसंउ ैींतंउं ए
4. 2009ण् ;प्टद्धैब्ण्08ण् ैंजूंदज ज्ञंनत टे छमू प्दकपं प्देनतंदबम ब्व स्जकए
5ण् त्मअपेपवद च्मजपजपवद छवण् 3794.3796ध्2007 स्प्ब् टे ।दनचंउं ंइक व्ते
6ण् त्मअपेपवद च्मजपजपवद छवण् 2130ध्2007 स्प्ब् टे ैनतमदकतं ैींदांत
7ण् छब्श्रण्2010ण्304;छब्द्ध स्प्ब् टे ैउज ठींहदलं
8. ब्च्श्रण्2008ण्51;छब्द्ध स्प्ब् टे ज्ञतपेींद ब्ींदक ैींतंउं
9. छब्श्रण्2012ण्414;छब्द्ध स्ंस ब्ींदक टे स्प्ब्
10ण् छब्श्रण्2013ण्659;छब्द्ध त्ंरमेी ैींतंउं टे स्प्ब्
11ण् छब्श्रण्2012ण्245;छब्द्ध न्दपजपमक प्दकपं प्देनतंदबम टे ैउज ज्ञंदजं ळनचजं
12ण् छब्श्रण्2009ण्625;छब्द्ध स्प्ब् टे डण् ठींअंदप
13ण्प्प्ण्2014 ब्च्श्र 190 स्प्ब् टे ब्ण् टमदांजंतंउमकन
5. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत विनिष्चयों में प्रतिपादित न्यायिक दृष्टान्तों का भी अवलोकन कर लिया गया है ।
6. चूंकि प्रार्थी के क्लेम को अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा उनके पत्र दिनंाक 8.1.2010 द्वारा खारिज किया गया है तथा इस पत्र में उनके द्वारा पूर्व में प्रार्थी के पक्ष में दिनंाक 18.9.2006 को जो पाॅलिसी जारी की गई थी तथा दिनांक 18.6.2008 को इसके कालातीत होने के बाद दिनंाक 14.7.2009 को प्रार्थी द्वारा उसके स्वास्थ्य के संदर्भ में भरे गए व्यक्तिगत विवरण के आधार पर रिवायव की गई है । उक्त व्यक्तिगत विवरण में उसके द्वारा अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं बीमारी के बारे में पूछे गए प्रष्नों का उत्तर दिया गया था तो इसमें हार्ट संबंधी बीमारी का कोई उल्लेख नहीं किया गया है । अतः इस आधार पर उनके द्वारा प्रार्थी के क्लेम को निरस्त किया गया है । कहने का तात्पर्य यह है कि जब प्रार्थी की पाॅलिसी दिनंाक 14.7.2009 को रिवायव की गई है तो तत्समय उसके द्वारा अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी बाबत् तथ्यों में हार्ट से संबंधित बीमारी का कोई खुलासा नहीं किया गया है । प्रार्थी ने हार्ट अटेक होने के कारण जो क्लेम प्रस्तुत किया गया है उसे बीमा कम्पनी द्वारा उक्त आधार पर निरस्त किया गया है ।
7. प्रार्थी पक्ष द्वारा एचडीएफसी स्टैण्डर्ड लाईफ इन्ष्योंरेस की यूनिट लिंक्ड यंग स्टार पाॅलिसी संख्या 10714807 रू. 1,00,000/- की समइन्ष्योर्ड राषि पर प्राप्त की थी । इस पाॅलिसी के संबंध में भरे गए प्रपोजल फार्म में प्रार्थी द्वारा समस्त तथ्यों का उल्लेख उसकी जानकारी के अनुसार किया गया था व जांच के बाद प्रार्थी को उक्त पाॅलिसी जारी की गई थी । समय समय पर इस पाॅलिसी की किष्तंे जमा होती रही । दिनंाक 18.6.2008 को कतिपय किष्तों के जमा नहीं होने के कारण यह पाॅलिसी कालातीत हुई तथा बाद में दिनांक 14.7.2009 को उक्त किष्तंे भरी जाकर इसे रिवायवल करवाया गया । रिवावयल के समय पाॅलिसी होल्डर द्वारा कतिपय पाॅलिसी के अन्तर्गत पूछे गए प्रष्नों में पाॅलिसी होल्डर द्वारा नकारात्मक उत्तर दिया गया है कि उसे पूर्व में किसी प्रकार की बीमारी जिनमें हार्ट से संबंधित बीमारी, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप इत्यादि को सम्मिलित किया गया है । यहां यह उल्लेखनीय है कि जो प्रष्नगत पाॅलिसी प्रार्थी द्वारा प्राप्त की गई है तथा पाॅलिसी बाण्ड के रूप में एनेक्सचर -आर बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत हुआ है, में इस पाॅलिसी की षर्त संख्या 17 में एक्स्ट्रा हैल्थ बेनिफिट, जिनमे (सी) हार्ट अैटक को भी सम्मिलित किया गया है तथा पाॅलिसी धारक को इस बीमारी से पीडित़ होने पर हुए खर्चे की अदायगी पाॅलिसी के क्लेम के तहत देय होगी । प्रार्थी ने स्वयं को दिनांक 2.3.2009 को हार्ट अटैक से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती करवाया जाना बताया है तथा इसी के अनुरूप क्लेम प्रस्तुत किया गया है। इस बीमारी के संबंध में जो प्रलेख प्रस्तुत हुए हंै, में स्थानीय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के कार्डियोलोजी विभाग में प्रार्थी को दिनंाक 2.3.2009 को सीने में दर्द(चैस्ट पेन) के कारण भर्ती करवाया गया है। जिसका इलाज किया गया है जो बीमारी से संबंधित डिस्चार्ज टिकिट, जांचों के प्रतिवेदन, चिकित्सक की पर्चिया इत्यादि प्रस्तुत हुई है , में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि प्रार्थी हार्ड की बीमारी से पूर्व से पीड़ित रहा हो । ऐसा प्रकट होता है कि प्रार्थी को दिनंाक 2.3.2009 को अचानक सीने में दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया है तथा बाद में यह दर्द हार्ट अटैक के रूप में सामने आया है ।
8. स्वीकृत रूप से उसकी प्रष्नगत पाॅलिसी में एक्ट्रा बेनिफिट के अन्तर्गत हार्ट अटैक भी सम्मिलित था किन्तु उसके लिए कम से कम यह अपेक्षित था कि वह ऐसी बीमारी से पीड़ित होने पर इस तथ्य की जारी बीमा कम्पनी को बाद में पाॅलिसी रिवायवल कराते समय भरे गए प्रपोजल फार्म में इसका उल्लेख करता । उसने इस तथ्य का पाॅलिसी रियावल करवाते समय कोई उल्लेख नहीं किया जबकि वह दिनंाक 2.3.2009 को उक्त प्रष्नगत हार्ट अटैक की बीमारी से पीडित हुआ था तथा उसने इस संबंध में क्लेम प्रस्तुत किया है। उसके द्वारा इस महत्वपूर्ण तथ्य को निष्चित रूप से छिपाया है । उसका यह प्रतिवाद कतई स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है कि वह अनपढ़ था अथवा अंग्रेजी नहीं जानता था अथवा फार्म बीमा एजेण्ट द्वारा भरा गया है । बीमा एजेण्ट ने जो तथ्य प्रपोजल फार्म या पाॅलिसी रिवायावल करते समय बीमित के संबंध में भरे हैं वे निष्चित रूप से पाॅलिसी होल्डर से प्राप्त जानकारी के आधार पर भरे हंै । इस प्रकार बीमित ने उक्त महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया है । हम इस संदर्भ में अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्तुत नजीरों में प्रतिपादित उन सिद्वान्तों से आदरपूर्वक सहमत है जिसमें ऐसे महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाना बीमा पालिसी की षर्तो का उल्लंघन उचित बताया गया है ।
9. सार यह है कि जिस प्रकार बीमा कम्पनी ने उक्त प्रतिवाद लेते हुए प्रार्थी का क्लेम निरस्त किया है, में किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी का परिचय नहीं दिया गया है । फलतः मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद अस्वीकार होकर खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि
-ःः आदेष:ः-
10. प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
आदेष दिनांक 02.12.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
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(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष