Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/32/2012

Shri Rahul Gupta - Complainant(s)

Versus

HDFC Ergo General Insurance Company - Opp.Party(s)

10 Jun 2016

ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षी को आदेशित किया जाये कि वह परिवादी को क्षतिग्रस्‍त मारूति वैगन आर कार की बीमित धनराशि अंकन 2,25,000/- रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित अदा करे। क्षतिपूर्ति की मद में 1,00,000/- रूपया और  परिवाद व्‍यय की मद में 15000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी मारूति वैगन आर कार सं0-यू0ए0 4सी. /6723 का पंजीकृत स्‍वामी है। दिनांक 25/12/2010 से 24/12/2011 तक की अवधि हेतु यह कार विपक्षी से  बीमित थी बीमा राशि 2,25,000/- रूपया है। बीमा पालिसी सं0- 2311200050681000000 है। दिनांक 14/5/2011 को सम्‍भल से  मुरादाबाद आते समय साईकिल सवार को बचाने के प्रयास में रेलवे क्रासिंग के पास साईकिल सवार  को  बचाने के प्रयासमें अनियन्त्रित होकर आगे  खड़े ट्रैक्‍ग्‍र से टकराकर साइड में गढ़ढे में पलट गई। कार के दाहिने पहिये में पंक्‍चर हो गया, कार पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्‍त हो गई। दुर्घटना के समय कार को परिवादी का भाई शोभित गुप्‍ता चला रहा था परिवादी भी साथ में था। भाग्‍यवश परिवादी और उसके भाई को गम्‍भीर चोटें नहीं आई। दुर्घटनाग्रस्‍त कार को परिवादी ने मैसर्स सेन्‍ट्रो मोटर वर्कशाप रामपुर रोड, मुरादाबाद पहुँचवाया, अगले दिन दुर्घटना की लिखित सूचना थाना कटघर को दी और विपक्षी के टोल फ्री नवम्‍बर पर विपक्षी को भी दुर्घटना की सूचना दी गई। विपक्षी ने सर्वेयर श्री वी0पी0 महेश्‍वरी को नियुक्‍त किया उन्‍होंने दुर्घटनाग्रस्‍त कार का सर्वे किया उसके फोटो लिऐ और कार का एस्‍टीमेट प्राप्‍त किया। परिवादी के अनुसार सर्वेयर ने कार की आर0सी0, वाहन चला रहे शोभित गुप्‍ता के ड्राईविंग लाईसेंस की नकल भी ली और क्‍लेम फार्म परिवादी से भरवाया। परिवादी ने सर्वेयर को उनके द्वारा मांगे गऐ  समस्‍त प्रपत्र उपलब्‍ध करा दिये। काफी समय तक जब परिवादी को क्‍लेम नहीं मिला तो विपक्षी उसने के एजेन्‍ट से सम्‍पर्क किया। एजेन्‍ट ने बताया कि कम्‍पनी ने आपका दावा अस्‍वीकृत कर दिया है उसने दावा अस्‍वीकृति के पत्र दिनांकित 17/11/2011 की प्रति भी परिवादी को उपलब्‍ध कराई। परिवादी ने दावा अस्‍वीकृत किऐ जाने से अस्‍न्‍तुष्‍ट होकर विपक्षी को  नोटिस भिजवाया जिसके जबाब में विपक्षी ने पुन: रिप्‍यूडिऐशन लेटर की  नकल परिवादी को भेजी। परिवादी का आरोप है कि विपक्षी ने उसका दावा अस्‍वीकृत कर सेवा में कमी की है उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षी से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादी ने दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में थाना कटघर पर दिनांक 15/7/2011 को प्राप्‍त कराई गई लिखित रिपोर्ट, बीमा सर्टिफिकेट, कार रिपेयर के एस्‍टीमेट दिनांकित 16/5/2011, कार की आर0सी0,  शोभित गुप्‍ता के ड्राईविंग लाईसेंस, रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 17/11/2011, विपक्षी को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस, नोटिस के जबाब  में विपक्षी की ओर से प्राप्‍त रिप्‍यूडिऐशन लेटर तथा कोरियर की  रसीद की फोटो प्रतियों को दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज  सं0-3/7 लगायत 3/19 हैं।
  4.   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/4  दाखिल हुआ जिसमें परिवादी की कार दिनांक 25/12/2010 से  24/12/2011  तक की अवधि हेतु विपक्षी से बीमित होने से तो इन्‍कार  नहीं किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। विपक्षी की ओर से अग्रेत्‍तर कहा गया कि इस फोरम को परिवाद की  सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है क्‍योंकि विपक्षी इस फोरम के क्षेत्राधिकार  में नहीं रहता, परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ कथित दुर्घटना के 24 घन्‍टे के अन्‍दर विपक्षी को दुर्घटना की सूचना नहीं दी गई  और ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई जैसा परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में अभिकथन किया है। विपक्षी की ओर से यह भी कहा गया कि परिवादी द्वारा थाने पर दी गई कथित लिखित सूचना की जी0डी0 एन्‍ट्री की  नकल दाखिल नहीं की गई है। परिवादी द्वारा दाखिल एस्‍टीमेट बिना स्‍पाट सर्वे कराऐ कार को खुलवा देने के पश्‍चात् बनाया गया है जो संदिग्‍ध है। सर्वेयर की जॉंच में पाया कि गाड़ी में हुऐ नुकसान परिवाद में उल्लिखित घटना से सम्‍बन्धित नहीं है और क्‍लेम की गई धनराशि मैनीपुलेटेड है। उक्‍त कारणों से रिप्‍यूडिऐन लेटर दिनांकित 17/11/2011 द्वारा परिवादी का क्‍लेम असवीकृत किया जा चुका है। प्रतिवाद पत्र में यह भी कहा गया  कि सर्वे के समय कार के अनेकों पार्टस गाड़ी से अलग थे, कार चलने योग्‍य नहीं थी और कार की बाडी पर स्‍क्रेच का कोई निशान तक नहीं था लगभग ढ़ाई वर्ष पूर्व इसी गाड़ी का टोटल लॉस के आधार पर यूनाईटेड इंडिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से परिवादी क्‍लेम ले चुका है, उक्‍त कारणों से  परिवाद को विपक्षी ने सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/4  दाखिल किया।
  6.   विपक्षी की ओर से बीमा कम्‍पनी के सहायक मैनेजर लीगल श्री आनन्‍द मिश्रा का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/3   दाखिल हुआ। विपक्षी के साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ रिप्‍यूडिऐशन लेटर और इसे भेजे जाने की कोरियर की रसीद को बतौर संलग्‍न दाखिल किया  गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-14/5 लगायत 14/7 हैं।
  7.   विपक्षी की ओर से सर्वेयर श्री वी0पी0 महेश्‍वरी की सर्वे रिपोर्ट कागज सं0-24/1 लगायत 24/5 की नकल भी दाखिल की गई।
  8.   दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
  9.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  10.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद कथनों को दोहराते हुऐ कहा कि अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के माध्‍यम से परिवादी ने परिवाद कथनों को सिद्ध किया है। विपक्षी द्वारा क्‍लेम गलत तरीके से अस्‍वीकृत किया गया उनका यह भी कथन है कि विपक्षी के सर्वेयर द्वारा दी गई सर्वे रिपोर्ट कागज सं0-24/1 लगायत 24/5 में जिन कारणों से दुर्घटना संदिग्‍ध बताई गई है उनके आधार पर बीमा क्‍लेम अस्‍वीकृत नहीं किया जाना चाहिए था उन्‍होंने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  11.   विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने सर्वे रिपोर्ट के अन्तिम पृष्‍ठ (पत्रावली का कागज सं0-24/5) पर कालम सं0-9 में उल्लिखित तथ्‍यों  की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि परिवादी द्वारा स्‍पाट  सर्वे नहीं कराया जाना और वर्कशाप में बिना मुआयना कराऐ गाड़ी को खुलवा दिया जाना दुर्घटना को संदिग्‍ध बनाता है। उन्‍होंने रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांक 17/11/2011 को सही बताया और परिवाद को सव्‍यय  खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  12.   विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी कहा कि दुर्घटना के 24  घण्‍टे के अन्‍दर बीमा कम्‍पनी को दुर्घटना की सूचना नहीं दी गई उन्‍होंने पत्रावली में अवस्थित तहरीरी रिपोर्ट की नकल कागज सं0-3/7 की ओर  भी हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि दिनांक 15/6/2011 को  थाना कटघर में प्रार्थना पत्र दिया जाना भी संदिग्‍ध है क्‍योंकि परिवादी ने  थाने की जी0डी0 की नकल दाखिल नहीं की जो इस प्रार्थना पत्र के थाने में प्राप्ति का प्रमाण होता। विपक्षी के  विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार जी0डी0 की नकल प्रस्‍तुत न किया जाना दुर्घटना की रिपोर्ट थाना कटघर में दिऐ जाने को संदिग्‍ध बनाता है। विपक्षी की ओर से परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  13.   परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में कहा है कि दुर्घटना दिनांक 14/5/2011 को हुई थी। नकल प्रार्थना पत्र कागज सं0-3/7 के अवलोकन से प्रकट है कि दुर्घटना से अगले दिन परिवादी ने थाना कटघर पर इस दुर्घटना की लिखित सूचना दी थी। प्रार्थना पत्र दिऐ जाने तथा उसमें उल्लिखित तथ्‍यों का उल्‍लेख यदि थाने की जी0डी0 में नहीं किया गया है तो इसके लिए परिवादी को जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अन्‍यथा भी विपक्षी  के सर्वेयर ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि परिवादी ने दुर्घटना की रिपोर्ट थाना कटघर, जिला मुरादाबाद में दर्ज कराई थी। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सर्वेयर श्री वी0पी0 महेश्‍वरी को दुर्घटनाग्रस्‍त गाड़ी का सर्वे दिनांक 17/5/2011 को एलाट हुआ था दुर्घटना दिनांक 14/5/2011 की है। यदि परिवादी ने विपक्षी को सूचित नहीं किया होता तो विपक्षी द्वारा सर्वेयर नियुक्‍त करने का कोई प्रश्‍न नहीं था। प्रकट है कि परिवादी के यह कथन सत्‍य  हैं कि उसने टोल फ्री नवम्‍बर  पर विपक्षी को दुर्घटना की सूचना दिनांक 15/5/2011 को दी थी।
  14.   सर्वे रिपोर्ट के कालम सं0-8 (पत्रावली का कागज सं0-24/3 व 24/4) के अवलोकन से प्रकट है कि सर्वेयर ने सर्वे रिपोर्ट में उल्लिखित गाड़ी के  अनेक पार्टस यथा विन्‍ड स्‍क्रीन, दरवाजों के शीशे, वोनट, एसेम्‍बली, आगे  और पीछे के बम्‍पर, दाहिनी डैड लाइट, रेडिएटर, गेयर वाक्‍स, स्‍टेयरिंग इत्‍यादि टूटे हुऐ पाऐ थे। सर्वेयर ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में ‘’ observations & Findings “ में उक्‍त आइटम्‍स डैमेज होने का  कारण  “ Due to impact ‘’  बताया है। सर्वेयर ने कार चला रहे परिवादी को दुर्घटना में हल्‍की चोटें आने  की भी पुष्टि की है और उन्‍होंने दुर्धटना मध्‍यम प्रकृति की होना पाया है। सर्वे रिपोर्ट के अन्तिम पृष्‍ठ पर कालम सं0-9 में उल्लिखित तथ्‍य यथा सर्वे के समय गाड़ी में स्‍टीरियो, ए0सी0, पैनल, कूलेन्‍ट, आयल न पाया जाना और कार की वाडी पर स्‍क्रैच मार्कस न होना तथा गाड़ी की हैड  लाइट, एयर क्‍लीनर, अल्‍टीनेटर, कूल एण्‍ड बोल्‍ट इत्‍यादि गाड़ी में लगे  होने न पाया जाना हमारे विनम्र अभिमत में दुर्घटना को संदिग्‍ध मानने के युक्तियुक्‍त कारण दिखाई नहीं देते। पत्रावली  पर  उपलब्‍ध  साक्ष्‍य  सामग्री और सर्वे रिपोर्ट में उल्लिखित   ‘’ observations & Findings ‘’ के  दृष्टिगत यह  माने जाने का कारण है कि परिवाद में अभिकथित दुघटना घटी थी और उसमें परिवादी की  कार में नुकसान हुआ था।
  15.   दुर्घटना  थाना कटघर जिला मुरादाबाद के क्षेत्रान्‍तर्गत हुई थी अत: परिवाद हेतुक जनपद मुरादाबाद में उत्‍पन्‍न हुआ। चॅूंकि परिवाद हेतुक जनपद मुरादाबाद के क्षेत्राधिकार में उत्‍पन्‍न हुआ है अत: इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार है।  
  16.   जहॉं तक विपक्षी की ओर से दिऐ गऐ इस तर्क का प्रश्‍न है कि  लगभग ढ़ाई वर्ष पूर्व परिवादी ने  ‘’ टोटल  लॉस ‘’  में  यूनाईटेड  इण्डिया  इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड से क्‍लेम लिया था इस आधार पर वर्तमान घटना संदिग्‍ध है, यह तर्क स्‍वीकार किऐ जाने योग्‍य नहीं है। यदि पूर्व में परिवादी की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्‍त हुई थी तब परिवादी ने तत्‍समय अपनी बीमा कम्‍पनी  से बीमा दावा मांग कर ऐसा कार्य नहीं किया जो वर्तमान घटना को संदिग्‍ध बनता हो।  
  17.   सर्वेयर ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में क्षति का आंकनल 45,539/- रूपया  किया है यह आंकलन सकारण है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने  बीमा सर्टिफिकेट में उल्लिखित बीमित राशि 2,25,000/- रूपया दिलाऐ जाने की  मांग परिवाद में की है किन्‍तु परिवादी ने गाड़ी की रिपेयर में  हुऐ खर्चे का कोई बिल पत्रावली में दाखिल नहीं किया। परिवादी द्वारा  पत्रावली पर कागज संख्‍या-3/9 लगायत 3/12 के माध्‍यम से धनराशि का  जो विवरण दिया है सह मात्र एस्‍टीमेट है जैसा कि परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के पैरा सं0-6 में स्‍वयं स्‍वीकार किया है। जब परिवादी खर्चे के बिल ही प्रस्‍तुत नहीं कर पाया है तब उसके द्वारा रिपेयर की मद में  2,25,000/- रूपया की मांग करना उचित नहीं कहा जा सकता। विपक्षी के सर्वेयर द्वारा संस्‍तुत 45,539/-रूपया की धनराशि परिवादी को दिलाया  जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं। इस धनराशि पर परिवादी को परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि  हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी दिलाया जाना न्‍यायोचित  होगा। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य  है।

 

 

  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 45,539/- (पैंतालीस हजार पाँच सौ रूापया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के  पक्ष में और विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी परिवाद  व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का  अधिकारी होगा।  समस्‍त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से  एक माह के भीतर की जाय। 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     10.06.2016           10.06.2016        10.06.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.06.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      10.06.2016          10.06.2016         10.06.2016

 

 

 

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