Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/123/2014

Shri Shakeel Chaudhary - Complainant(s)

Versus

HDFC Bank Ltd. - Opp.Party(s)

25 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/123/2014
 
1. Shri Shakeel Chaudhary
R/0 Mohd. Ali Road. Iqbal Manjil. Naagfani, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. H.D.F.C Bank Ltd.
Add:- Office Chaddha Complex, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 25 Jul 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 9,000/- रूपये दिलाऐ जाय। क्षतिपूर्ति की मद में 5,000/- रूपये और परिवाद व्‍यय परिवादी ने  अतिरिक्‍त मांगा है।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी सं0-1 की चडढ़ा काम्‍पलैक्‍स, मुरादाबाद स्थित शाखा में परिवादी का एक खाता संख्‍या- 03031530008444 है जिसमें परिवादी ने ए0टी0एम0 कार्ड की सुविधा भी ले रखी है। दिनांक 25/7/2013 को परिवादी अपने खाते से रूपया  निकालने के लिए वाजिद नगर, मुरादाबाद स्थित विपक्षी सं0-2 की  ए0टी0एम0 मशीन पर गया उसने दो बार में क्रमश:10000/- - 10000/- रूपया निकाले। तीसरी बार जब 10,000/- रूपया पुन: निकालने के लिए  उसने ए0टी0एम0 मशीन को आपरेट किया तो 10,000/- रूपये स्‍थान   पर मशीन से केवल 1,000/-रूपये निकले। इसके बावजूद तीसरे ट्रांजक्‍शन  पर परिवादी के खाते से 10,000/-रूपया डेविट हुऐ। परिवादी ने विपक्षीगण को सूचना दी। विपक्षीगण ने जॉंच कराकर उचित कार्यवाही का आश्‍वासन दिया। विपक्षी सं0-1 ने पत्र दिनांक 23/8/2013 के माध्‍यम से मामले में  अग्रेत्‍तर कार्यवाही करने से इस आधार पर इन्‍कार कर दिया कि परिवादी ने ट्रांजक्‍शन विपक्षी सं0-1 के ए0टी0एम0 से नहीं किया बल्कि ट्रांजक्‍शन   उसने विपक्षी सं0-2 की ए0टी0एम0 मशीन से किया है। परिवादी ने  विपक्षीगण को कानूनी नोटिसभी भिजवाया, किन्‍तु नोटिस प्राप्ति के  बावजूद विपक्षीगण ने परिवादी की शिकायत का निराकरण नहीं किया।  परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की  प्रार्थना की।
  3. परिवाद के  समर्थन  में  परिवादी द्वारा  विपक्षी सं0-1   की  ओर  से  प्रा्प्‍त पत्र दिनांकित 23/8/2013 और  दिनांक 25/7/2013 को परिवादी  द्वारा ए0टी0एम0  द्वारा किऐ  गऐ  ट्रांजक्‍शन   की  स्लिप की  नकलों को  दाखिल किया,  यह  प्रपत्र पत्रावली के  कागज सं0-3/5   लगायत 3/7  हैं।  परिवादी ने  विपक्षीगण को भेजे गऐ  कानूनी  नोटिस की  नकल भी  दाखिल की, जो  पत्रावली का  कागज सं0-3/9  है।
  4. विपक्षी सं0-1  की  ओर  से  प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1  लगायत  8/2   दाखिल  हुआ  जिसमें  यह  तो  स्‍वीकार किया  है   कि  उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1  की  शाखा  में   परिवाद  के  पैरा  सं0-1   में  उल्लिखित  परिवादी का  खाता है,  किन्‍तु  परिवादी के  इस कथन  से  इन्‍कार  किया गया  कि  दिनांक 25/7/2013 को  किऐ  गऐ। परिवादी को  तीसरे  ट्रांजक्‍शन  पर  विपक्षी सं0-2   के  ए0टी0एम0   से  10,000/-  रूपये के  स्‍थान   पर 1,000/- रूपये निकले थे।  अतिरिक्‍त  कथनों  में  कहा   गया है   कि   दिनांक 25/7/2013 को  परिवादी  ने  विपक्षी सं0-2  की वाजिद नगर   स्थित ए0टी0एम0 से  कुल 4 ट्रांजक्‍शन  किऐ  थे  जिनमें से  3 बार  उसने 10000/-रू0 – 10,000/- रू0  और  चौथी बार   18,000/-  रूपया निकाले। इस  प्रकार परिवादी ने  48,000/-  रूपया ए0टी0एम0   से  आहरित किया।  परिवादी की  शिकायत  पर तुरन्‍त  कार्यवाही करते हुऐ जॉंच  की गई।  विपक्षी  सं0-2  से  भी  जानकारी की  गई।   विपक्षी  सं0-2  के  रिकार्ड  के  अनुसार  तीसरे ट्रांजक्‍शन   में  भी  परिवादी  ने  10,000/-  रूपया आहरित किऐ  थे जिसकी  सूचना  तत्‍काल  परिवादी  के  मोबाइल  नम्‍बर  पर  एस0एम0एस0  द्वारा दे  दी  गई  थी।  अतिरिक्‍त  यह  कहते हुऐ  कि यदि परिवादी को  कम  धनराशि  प्राप्‍त  हुई  जैसा कि  वह  कहता है  तो  इसके लिए  उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 उत्‍तरदाई  नहीं है,   परिवाद  खारिज  किऐ  जाने की   प्रार्थना की  गई।
  5. परिवाद पत्र  के साथ   परिवादी खाते के  स्‍टेटमेन्‍ट   की  कापी बतौर संलंग्‍नक   दाखिल की  गई  जो  पत्रावली का  कागज सं0-8/3 है।
  6. विपक्षी सं0-2   की  ओर  से   प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1  लगायत 10/3   दाखिल  हुआ   जिसमें  परिवाद कथनों  से  इन्‍कार  करते  हुऐ   कहा  गया  कि  उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-2   के  विरूद्ध परिवादी को कोई वाद  कारण  उत्‍पन्‍न   नहीं हुआ, परिवादी  की ओर  से  प्राप्‍त कानूनी  नोटिस  का  जबाव दिनांक 02/12/2013  को भेज   दिया गया  था जिसे परिवादी ने  जानबूझकर दाखिल  नहीं किया। अग्रेत्‍तर  कथन   किया  गया  कि  परिवादी का यह कथन  असत्‍य  है  कि  तीसरे ट्रांजक्‍शन्‍स परिवादी को 10,000/- रूपये  के स्‍थान   पर  ए0टी0एम0  से  केवल 1,000/-रूपया  प्राप्‍त  हुऐ  थे बल्कि  सही  बात  यह  है  कि परिवादी को  प्रत्‍येक  ट्रांजक्‍शन  पर  पूरी धनराशि ए0टी0एम0  से  मिली। यह  भी  कहा   गया  कि   दिनांक 25/7/2013  को  ए0टी0एम0   से  अन्‍य  ग्राहको द्वारा  भी  धनराशि  निकाली  गई,  किन्‍तु  किसी  की  भी  शिकायत  प्राप्‍त   नहीं  हुई, उक्‍त  कथनों  के  आधार  पर  परिवाद को  सव्‍यय   खारिज किऐ  जाने  की  प्रार्थना  की  गई  और  साथ  ही  साथ  अधिवक्‍ता  फीस  और  क्षतिपूर्ति  के  रूप में  55,000/-   रूपया परिवादीसे दिलाऐ जाने  का  अनुरोध  किया  गया।
  7. परिवादी ने  अपना  साक्ष्‍य  शपथ  पत्र कागज सं0-13/1  लगायत  13/3 दाखिल किया।
  8. विपक्षी सं0-1  की ओर  से   उनके शाखा  प्रबन्‍धक   श्री अंकित कुमार खुल्‍लर   का  साक्ष्‍य   शपथ  पत्र  कागज  सं0-15/1  लगायत   15/2   दाखिल   हुआ।
  9. विपक्षी  सं0-2   की  ओर  से  उनके  विधि  प्रबन्‍धक श्री मौ0 शहजाद ने संलग्‍नकों  सहित  अपना  साक्ष्‍य   शपथ  पत्र कागज सं0-14/1  लगायत   14/2  दाखिल   किया। इसके  साथ  बतौर  संलग्‍नक  परिवादी  द्वारा दिनांक 25/7/2013 को  किऐ  गऐ  ट्रांजक्‍शन,  दिनांक 02  दिसम्‍बर,2013  को   परिवादी को भेजे गऐ  जबाव नोटिस और दिनांक26/7/2013 की  ए0टी0एम0 लॉगबुक की फोटो प्रतियों को  दाखिल  किया गया  है,  यह  संलग्‍नक  पत्रावली  के   कागज सं0-14/3  लगायत 14/7  हैं।
  10. विपक्षी सं0-1  की  ओर  से  सूची कागज सं0-17  के  माध्‍यम   से  परिवादी के  दिनांक 26/7/2013 के  स्‍टेटमेंट  की  नकल  दाखिल की  गई।
  11. विपक्षी सं0-2   की ओर  से  लिखित  बहस  दाखिल  हुई। अन्‍य  किसी पक्ष  ने  लिखित बहस  दाखिल नहीं की।
  12. हमने  विपक्षी सं0-1   के  विद्वान  अधिवक्‍ता   के  तर्कों को  सुना और  पत्रावली का  अवलोकन  किया।  अन्‍य   कोई  पक्ष बहस  हेतु  उपस्थित नहीं हुऐ।
  13. परिवाद कथनों के अनुसार परिवादी का  बचत  खाता विपक्षी सं0-1 – एच0डी0एफ0 सी0 बैंक में  था।ए0टी0एम0 कार्ड इसी बैंक द्वारा परिवादी को  दिया गया  था।  वाजिद नगर स्थित ए0टी0एम0 मशीन जिससे   दिनांक 25/7/2013 को परिवादी ए0टी0एम0 कार्ड द्वारा अभिकथित ट्रांजक्‍शन करना बताता है  वह  विपक्षी सं0-2 आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक की है। प्रकटहैकि परिवादी को शिकायत  आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक के  ए0टी0एम0 से है।  एच0डी0एफ0सी0 बैंक, जिसमें परिवादी का  खाता है, का कोई  रोल   आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक की  ए0टी0एम0 मशीन के संचालन में  नहीं है।  चॅूंकि  परिवादी का  खाता एच0डी0एफ0सी  बैंक में  है  और  कथित रूप  से पैसा आई0सी0आई0सी0आई0 की ए0टी0एम0 मशीन से  कम  निकलना बताया है  ऐसी  दशा   में  II (2016) सी0पी0जे0-613 (एन0सी0), चैनाराम  बनाम  ओरियन्‍टल बैंक ऑफ कामर्स की निर्णयज विधि में  मा0  राष्‍ट्रीय  उपभोक्‍ता  विवाद  प्रतितोष आयोग,  नई  दिल्‍ली  द्वारा  दी  गई  व्‍यवस्‍थानुसार   परिवादी   विपक्षी  सं0-2  का  ‘’ उपभोक्‍ता ‘’ नहीं  है।  परिवाद  फोरम   में  पोषणीय   नहीं  है।
  14. उपरोक्‍त  विधि  व्‍यवस्‍था  के  दृष्टिगत परिवाद खारिज  होने  योग्‍य  है।

 

परिवाद खारिज  किया जाता है।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      25.07.2016           25.07.2016        25.07.2016

 

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 25.07.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      25.07.2016          25.07.2016         25.07.2016

 

 

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