Rajasthan

Ajmer

CC/333/2016

AMIT JOTIYANI - Complainant(s)

Versus

H T C INDI LTD - Opp.Party(s)

FIROJ KHAN

22 Dec 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/333/2016
 
1. AMIT JOTIYANI
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. H T C INDI LTD
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 22 Dec 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,     उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

अमित ज्योतियानी पुत्र श्री धनसिंह ज्योतियानी, जाति-कोली, निवासी- गली नं.3, तानाजीनगर, भजनगंज-अजमेर-305001
                                             -        प्रार्थी


                           बनाम 

1. प्रबन्धक, एचटीसी  इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड, जी-4, बीपीटीपी पार्क एवेन्यू, सेक्टर-30, एनएच-8 के पास, गुडगांव-122002(हरियाणा) फोन नं. 0124-4129800
2. प्रबन्धक, निहाल इन्फोटेक(एचटीसीमोबाईल सर्विससेन्टर) एस.एल.भवन , आर्यसमाज मार्ग, डा. तेला क्लिनिक के पास, केसरगंज,अजमेर-305001(राजस्थान) मों.नं. 9214489998
   
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 333/2016

                           समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य
                           उपस्थिति
                1.श्री ओम नारायण पालड़िया, अधिवक्ता, प्रार्थी
                2. अप्राथीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं  

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 12.01.2017
 
1.             संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 के अधिकृत सर्विस सेन्टर सेे दिनांक 15.10.2014 को  एचटीसी कम्पनी का मोबाईल  माॅडल संख्या भ्ज्ब् क्मेपतम 816 कनंस  ेपउ रू. 23,000/- में क्रय किया । जिसकी एक वर्ष की वारण्टी दी गई । क्रय किए जाने के कुछ समय बाद ही  सैट के हैंग होने व नेटवर्क  नहीं आने की षिकायत उत्पन्न होने पर  उसने अप्रार्थी  संख्या 1 की सलाहनुसार अप्रार्थी संख्या 2 को दिनंाक 30.9.2015 को  दिखाया। इस पर अप्रार्थी सांख्या 2 ने  सोफ्टवेयर की समस्या बताते हुए जाॅबषीट संख्या 151छ।390028615 बनाकर देते हुए अगले दिन सैट ले जाने को कहा । जब वह दिनांक 1.11.2015 को सैट लेने गया तो उसमें समस्या यथावत थी । इस पर उसने सैट लेने से इन्कार किया तो अप्रार्थी संख्या 2 ने जाॅबषीट संख्या 151छ।400088792 बना कर दी । दिनंाक 23.10.2015 को अप्रार्थी संख्या 2 के बुलावे पर जब वह सैट को लेने गया तो उसने पाया कि उसका टच  पैड टूटा हुआ है, उसने इसकी षिकायत की तो अप्रार्थी संख्या 2 ने  जयपुर  भेजने की बात कहते हुए तीसरी जाॅबषीट संख्या 151छ।30082095  बना कर दी ।  एक माह तक जब अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई तो उसने स्वयं  अप्रार्थी संख्या 2 से सम्पर्क कर सैट की जानकारी चाहने पर अप्रार्थी संख्या 2 ने सैट का जयपुर से नही ंआना बताया । इस प्रकार अप्रार्थीगण ने उसे त्रुटिहीन मोबाईल सैट विक्रय कर सेवा में कमी कारित की है । परिवाद पेष करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.         अप्रार्थीगण बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुए और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थीगण के विरूद्व क्रमषः दिनांक16.8.2016 एवं 20.102016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
3.         प्रार्थी  के  विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया है कि  अप्रार्थी संख्या 1 के अधिकृत सर्विस सेन्टर सेे दिनांक 15.10.2014 को  एचटीसी कम्पनी का मोबाईल  माडल संख्या भ्ज्ब् क्मेपतम 816 कनंस  ेपउ रू. 23,000/- में क्रय किया  जिसकी एक वर्ष की वारण्टी दी गई । क्रय किए जाने के कुछ समय बाद ही  सैट के हैंग होने व नेटवर्क  नहीं आने की षिकायत उत्पन्न होने पर  उसने अप्रार्थी  संख्या 1  के टोलफ्री नम्बर पर षिकायत की और उसकी सलाहनुसार अप्रार्थी संख्या 2 को दिनंाक 30.9.2015 को  दिखाया। अप्रार्थी संख्या 2 ने  सोफ्टवेयर की समस्या बताते हुए जाॅबषीट संख्या 151छ।390028615 बनाकर दी जब वह दिनांक 1.11.2015 को सैट लेने गया तो उसमें समस्या यथावत थी । इसकी षिकायत किए जाने पर  अप्रार्थी संख्या 2 ने जाॅबषीट संख्या 151छ।400088792 बना कर दी । दिनंाक 23.10.2015 को अप्रार्थी  संख्या 2 के पास सैट को लेने गया तो उसने देखा  कि उसकी टच  पेड टूटा हुआ है, उसने इसकी षिकायत की तो अप्रार्थी संख्या 2 ने  जयपुर  भेजने की बात कहते हुए तीसरी जाॅबषीट संख्या 151छ।30082095  बना कर दी ।  एक माह तक जब अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई तो उसने स्वयं  अप्रार्थी संख्या 2 से सम्पर्क कर सैट की जानकारी चाहने पर अप्रार्थी संख्या 2 ने सैट का जयपुर से नही ंआना बताया ।  इस प्रकार अप्रार्थीगण ने उसे त्रुटिहीन मोबाईल सैट विक्रय कर सेवा में कमी  के साथ साथ अनुचित व्यापार व्यवहार किया  है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।      
4.      हमने प्रार्थी  के तर्क  सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।  
5.    प्रार्थी  ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों  की पुष्टि अपने  षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा- प्रष्नगत मोबाईल सैट किए जाने के बिल  संख्या 17854 दिनंाक 15.10.2014,जाॅबषीट  दिनंाक 23.10.2015 जिसमें प्रष्नगत सैट के टचपैड के टूटने  इत्यादि की समस्या का अंकन है,  की फोटोप्रतियों से की है । यह सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है। 
6.               प्रार्थी  के कथन एवं प्रार्थी  द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए  अप्रार्थीगण के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी  के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । अप्रार्थीगण द्वारा  प्रार्थी को प्रष्नगत मोबाईल जो उसके द्वारा  3 बार दुरूस्ती हेतु दिए जाने पर भी उस को दुरूस्त  नहीं कर सेवा में कमी कारित की है साथ ही अनुचित व्यापार व्यवहार अपनाया है  । ऐसी स्थिति में प्रार्थी  का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थीगण के विरूद्व एक पक्षीय  स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि:

                               :ः- आदेष:ः-
  7.    (1)     प्रार्थी अप्रार्थीगण से जरिए बिल संख्या 17854 दिनंाक 
15.10.2014  के क्रय किए गए मोबाईल हैण्ड सेट संख्या भ्ज्ब् क्मेपतम 816 कनंस  ेपउ  की क्रय राषि रू. 23,000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
          (2)       प्रार्थी अप्रार्थीगण से ंमानसिक संताप पेटे  रू. 10,000   /- एवं  परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी  प्राप्त करने का  अधिकारी होगा ।               
          (3)    क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण  प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 12.01.2017 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 


 

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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