(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
परिवाद संख्या-24/2015
आजाद इन्स्टीट्यूट आफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च, पता नटकुर, पोस्ट चन्द्रावल, बंगला बाजार रोड, सरोजनी नगर, जिला लखनऊ द्वारा संचालक/संरक्षक सुहैल अहमद।
परिवादी
बनाम्
1. एच.डी.एफ.सी. अर्गो जनरल इन्श्योरेन्स कं0लि0, 205-ए, द्वितीय तल, रतन स्क्वायर, विधानसभा मार्ग, लखनऊ द्वारा वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक।
2. एच.डी.एफ.सी. बैंक लिमिटेड, शाखा कार्यालय निखलेश पैलेस, हरतगंज, लखनऊ।
विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
परवादी की ओर से उपस्थित : श्री प्रकाश चन्द्रा।
विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री टी.जे.एस. मक्कड़।
विपक्षी सं0-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 21.10.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. यह परिवाद, बीमित वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है।
2. बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम इस आधार पर नकार दिया गया कि ड्राईवर इसरार अली को वाहन चलाते समय ड्राईवर सीट पर होना बताया गया, जबकि साक्ष्य के अनुसार एक महिला वाहन को चला रही थी, जो ड्राईविंग सीट पर बेहोशी की हालत में मिली थी।
3. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री प्रकाश चन्द्रा तथा विपक्षी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता श्री टी.जे.एस. मक्कड़ उपस्थित आए। विपक्षी संख्या-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: केवल परिवादी एवं विपक्षी
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संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि इस दुर्घटना में ड्राईवर की मृत्यु हुई थी, उन्हें मृत्यु क्लेम प्राप्त हो चुका है, इस तर्क की पुष्टि में उनकी पिटीशन संख्या-1242/2014, श्रीमती शकीरा खान तथा अन्य बनाम एचडीएफसी एरगो जनरल इं0कं0लि0 तथा अन्य में पारित निर्णय की प्रतिलिपि अवलोकनार्थ प्रस्तुत की गई, जो पत्रावली पर रखी गई। इस निर्णय में निष्कर्ष दिया गया है कि दुर्घटना के समय प्रश्नगत वाहन को परिवादिनी संख्या-1 का पति इसरार अली चला रहा था, जिसके पास वैध ड्राईविंग लाइसेन्स था, इसलिए बीमा क्लेम नकारना उचित नहीं था।
5. परिवादी की ओर से अंकन 22,11,392/- रूपये की क्षतिपूर्ति की मांग की गई है साथ ही अंकन 02 लाख रूपये मानसिक प्रताड़ना की मद में मांगे गए हैं। सर्वेयर रिपोर्ट पत्रावली पर उपलब्ध है। सर्वेयर द्वारा क्षति का आंकलन अंकन 13,59,392/- रूपये किया गया है। सर्वेयर द्वारा किए गए आंकलन के विपरीत उचित आधार से क्षतिपूर्ति अदा करने का कोई सबूत पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। अत: सर्वेयर द्वारा किए गए आंकलन के अनुसार ही क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश देना विधिसम्मत है। चूंकि इस राशि पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करने का आदेश दिया जा रहा है, इसलिए किसी भी मद में किसी प्रकार की राशि देय नहीं है। यद्यपि परिवाद व्यय के रूप में अंकन 25 हजार रूपये परिवादी प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। परिवाद तदनुसार स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्ष संख्या-1 को आदेशित किया जाता है कि वह सर्वेयर द्वारा आंकलित धनराशि अंकन 13,59,392/- रूपये परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज के साथ परिवादी को 03 माह के अन्दर अदा करें।
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परिवाद व्यय के रूप में अंकन 25 हजार रूपये भी उपरोक्त अवधि में अदा करें। यदि उपरोक्त अवधि में यह धनराशि अदा नहीं की जाती है तब इस राशि पर भी 06 प्रतिशत ब्याज देय होगा।
चूंकि परिवादी द्वारा ऋण प्राप्त कर वाहन क्रय किया गया है, इसलिए विपक्षी संख्या-1, बीमा कंपनी सर्वप्रथम इस राशि का भुगतान सीधे संबंधित बैंक में करे और यदि कोई राशि बकाया हो तब उसका भुगतान परिवादी को उपरोक्त अवधि में करें।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2