Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/1891

M/S Singh Brother's - Complainant(s)

Versus

Gurnam Singh - Opp.Party(s)

R K Gupta, Miss Tara Gupta

12 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/1891
( Date of Filing : 03 Nov 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/S Singh Brother's
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Gurnam Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

संख्‍या-1891/2009

M/S Singh Brother's Rallis Kisan Kendra

Versus  

Gurnam Singh S/O Sri Amar Singh & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0के0 गुप्‍ता  

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं

दिनांक :12.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            परिवाद संख्‍या-116/2004, गुरनाम सिंह बनाम प्रोपराइटर/मालिक सिंह ब्रदर्स रेलीस व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, शाहजहॉंपुर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 08.04.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.       जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अंकन 1,17,000/-रू0 गेहूं के बीज में कमी होने के कारण क्षतिपूति के रूप में अदा करने का आदेश पारित किया है।
  3.      परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी से दिनांक 11.11.2003 को खाद डी.ए.पी. ओसवाल 10 बोरा कीमत 465/-रूपया प्रति बोरा के हिसाब से मु0 4,650/-रू0 व बीज 5,000/-रू0 गेहूं का खाद यूरिया 4080/-रू0 ट्रील 750/-रू0 व मैट्री 1680/-रू0 की दिनांक 15.12.2003 को, यूरिया खाद रूपया 1275/-रू0 की दिनांक 26.12.2003 को तथा 400/-रू0 की मैट्री दिनांक 06.01.2004 को खरीदी। परिवादी ने जब अपने खेत में नियमानुसार गेहूँ बोया और खाद व दवा नियमानुसार डाली तो गेहूँ के साथ काफी मात्रा में घास जमी। परिवादी ने गेहूँ ठीक प्रकार से न जमने, गेहूँ बीज मिश्रीत होने व दवा से घास नहीं मरने की शिकायत विपक्षी से कई बार की परंतु विपक्षी ने कोई ध्‍यान नहीं दिया तब परिवादी ने यह परिवाद प्रस्‍तुत किया।
  4.       विपक्षी सं0 1  का कथन है कि स्‍वयं परिवादी ने खाद/बीज के उपयोग को स्‍पष्‍ट नहीं किया। मिट्टी का परीक्षण कराया अथवा नहीं, इसकी जानकारी नहीं दी। बीज बोने के बाद कोई लिखित शिकायत कृषि रक्षा इकाई अथवा कृषि विभाग से नहीं की गयी। कृषि विशेषज्ञ से परीक्षण नहीं कराया गया, इसलिए कोई क्षतिपूर्ति देय नहीं है।
  5.         पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि खाद/बीज क्रय की गयी थी। बीज बोने के पश्‍चात फसल उत्‍पन्‍न नहीं हुई, जिसके कारण क्षति कारित हुई, इसलिए 1,17,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है, साथ ही यह निष्‍कर्ष दिया है कि दोषपूर्ण खाद बेचकर सेवा में त्रुटि कारित की है, परंतु यथार्थ में दोषपूर्ण खाद या बीज विक्रय किया गया हो, इस संबंध में कोई विशेषज्ञ साक्ष्‍य पत्रावली पर मौजूद नहीं है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने सरसरी तौर पर निर्णय पारित किया  है। अत: यह निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है। प्रकरण प्रतिप्रेषित किया जाना न्‍यायोचित है।

आदेश

        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-116/2004 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.04.2008 अपास्‍त जाता है तथा प्रकरण सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त परिवाद सं0-116/2004 को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित कर खाद/बीज की गुणवत्‍ता के बिन्‍दु पर साक्ष्‍य की विस्‍तृत व्‍याख्‍या करते हुए तथा क्षतिपूर्ति किस राशि की हुई है, इस संबंध में भी साक्ष्‍य के विश्‍लेषण के पश्‍चात निष्‍कर्ष पारित करते हुए उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर देते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण करना सुनिश्चित करें। 

           पक्षकार दिनांक 05.11.2024 को जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।         

         उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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