Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/2389

Munna Mishra - Complainant(s)

Versus

Gupta Cold Storage - Opp.Party(s)

R K S Chauhan

27 May 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/2389
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Munna Mishra
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Gupta Cold Storage
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-2389/2011

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या-262/2007 में पारित आदेश दिनांक 28.11.2011 के विरूद्ध)

मुन्‍ना मिश्रा पुत्र श्री गेदें लाल मिश्रा निवासी ग्राम व पोस्‍ट दरौली

थाना व परगना व तहसील सफीपुर जिला उन्‍नाव।         .........अपीलार्थी@परिवादी

बनाम्

1.मालिक गुप्‍ता कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री उन्‍नाव हरदोई रोड

सफीपुर जिला उन्‍नाव।

2.मालिक गुप्‍ता कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री उन्‍नाव हरदोई रोड

सफीपुर जिला उन्‍नाव।

3.मालिक आर0के0जे0 कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री उन्‍नाव हरदोई रोड

सफीपुर जिला उन्‍नाव।

4.मैनेजर आर0के0जे0 कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आईस फैक्‍ट्री उन्‍नाव हरदोई रोड

सफीपुर जिला उन्‍नाव।                                  .......प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष:-

1. मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : श्री गोपाल जी शुक्‍ला, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :कोई नहीं।

दिनांक 31.08.2015

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम उन्‍नाव के परिवाद संख्‍या 262/2007 में पारित निर्णय एवं आदेश दि. 28.11.2011 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

      '' परिवाद एतदद्वारा आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्‍या 3 को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 5000/- की राशि व परिवाद व्‍यय के रूप में रू. 500/- की राशि अदा करेगा।''

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि अपीलार्थी ने एक परिवाद जिला मंच के समक्ष इस आशय का प्रस्‍तुत किया कि उसके द्वारा विपक्षी संख्‍या 1 के कोल्‍ड स्‍टोरेज में कुल 47 बोरा आलू रखा था, जिसमें 14 बोरा आलू निकाल लिया गया और शेष आलू प्रत्‍यर्थी ने नहीं दिया।

      प्रत्‍यर्थी संख्‍या 3 व 4 ने परिवाद का प्रतिवाद किया और कहा कि उनके द्वारा

-2-

जनवरी 2008 में इस कोल्‍ड स्‍टोरेज को खरीदा गया था। इसके पहले की कोई जिम्‍मेदारी उस पर कानूनी तौर पर नहीं बनती है। प्रत्‍यर्थी संख्‍या 1 ने परिवाद का प्रतिवाद करते हुए कहा कि दि. 04.01.2007 को प्रत्‍यर्थी संख्‍या 3 व उसके मध्‍य इकरारनामा तहरीर किया गया था तथा कब्‍जा तत्‍काल दे दिया गया था और उसके उपरांत उन्‍होंने कोल्‍ड स्‍टोरेज चलाया।

      पीठ ने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

      अपीलार्थी का कथन है कि उसके द्वारा 47 बोरा आलू भंडारण के लिए दिया था, इसमे से उसे कुल 14 बोरा आलू प्राप्‍त हुआ और शेष में 33 बोरा आलू उसे प्रदान नहीं किया गया।

      जिला मंच ने अपने निर्णय में पाया कि 13 बोरा आलू जो दि. 01.03.2007 को रखा गया और 9 बोरा आलू जो उसी दिन रखा गया वह भीगा हुआ आलू था। ऐसी स्थिति में यह आलू खराब हो गया और उसका दायित्‍व विपक्षीगण को नहीं बनता है। जिला मंच ने परिवाद का आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए उपरोक्‍त आदेश पारित किया है, जिसमें 11 बोरा आलू का क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 5000/- की राशि अपीलार्थी को दिलवाई है। सामान्‍यत: कोई भी कोल्‍ड स्‍टोरेज भीगा आलू अपने कोल्‍ड स्‍टोरेज में नहीं रखता है, क्‍योंकि इससे उस आलू और साथ में अन्‍य रखे गए आलू को खराब होने की आशंका होती है। यदि उसका आलू भंडारण के समय खराब हो गया था तो कोल्‍ड स्‍टोरेज को अपीलार्थी को नोटिस दी जानी चाहिए थी, जिसका कोई साक्ष्‍य पत्रावली पर नहीं है, अत: चूंकि अपीलार्थी द्वारा 47 बोरा आलू रखा था, अत: केवल 11 बोरा आलू प्राप्‍त हुआ है, अत: वह अवशेष 33 बोरा आलू की क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी है। चूंकि पत्रावली पर कोई ऐसा साक्ष्‍य अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं किया गया है कि उस समय आलू की क्‍या कीमत थी, अत: तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते हैं कि वह 33 बोरा आलू की कीमत क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 15000/- पाने का अधिकारी है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

 

 

 

 

-3-

                                    आदेश

     प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच का निर्णय/आदेश दि. 28.11.2011 में आंशिक संशोधन करते हुए विपक्षी संख्‍या 3 को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 15000/- की राशि व परिवाद व्‍यय के रूप में रू. 500/- की राशि अदा करेगा।

      पक्षकारान अपना-अपना अपीलीय व्‍यय वहन करेंगे।

 

 

        (राम चरन चौधरी)                               (राज कमल गुप्‍ता)

         पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

राकेश, आशुलिपिक

      कोर्ट-5 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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