राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या:-21/2022
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रयागराज द्धारा परिवाद सं0-238/2021 में पारित आदेश दिनांक 06.4.2022 के विरूद्ध)
इण्डो स्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड, रजिस्टर्ड ऑफिस-111/125ए, दि्वतीय तल, बंधन बैंक के ऊपर, अशोक नगर, कानपुर उ0प्र0 द्वारा अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
........... पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
गुलफाम रशीद पुत्र गुलाब रशीद, निवासी 223/176 फाफामऊ, गददोपुर, प्रयागराज।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्ता : श्री विकास अग्रवाल के कनिष्ठ अधिवक्ता
श्री विजय प्रताप सिंह
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री रोहित त्रिपाठी
दिनांक :- 02-8-2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण, जिला उपभोक्ता आयोग, प्रयागराज द्वारा परिवाद सं0-238/2021 गुलफाम रशीद बनाम इन्डो स्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड में पारित आदेश दिनांक 06.4.2022 के विरूद्ध इस अनुतोष के लिए योजित किया गया है कि परिवादी की पत्नी के नाम के नाम पंजीकृत वाहन सं0-यू0पी070 जी0टी01313 वापस लौटाया जावे तथा रू0 5,000.00 प्रतिदिन की क्षतिपूर्ति विपक्षी से दिलायी जावे।
परिवाद में वर्णित तथ्यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विपक्षी से ऋण प्राप्त करके स्वरोजगार के लिए एक वाहन सं0-यू0पी070 जी0टी01313 क्रय किया गया था। समय व्यतीत होने के साथ ऋण अदा करने का दायित्व किसी
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दूसरे कम्पनी द्वारा प्राप्त कर लिया गया। परिवादी द्वारा अनेकों किस्त जमा करने के बावजूद यह प्रश्नगत वाहन बल पूर्वक खींच लिया गया। परिवाद के लम्बन के दौरान परिवादी की ओर से अंतरिम अनुतोष के लिए आवेदन इस आशय का प्रस्तुत किया गया कि परिवाद के विचारण के दौरान विपक्षीगण द्वारा खींचे गये वाहन को परिवादी की पत्नी को वापस प्राप्त कराया जावे। जिला उपभोक्ता आयोग ने आवेदन स्वीकार करते हुए अंतिम रूप से विपक्षी को आदेशित किया कि वाहन के खीचें जाने तक जो राशि बकाया है उस राशि को प्राप्त कर वाहन को परिवादी के पक्ष में रिलीज कर दिया जाये।
चूंकि जिला उपभोक्ता आयोग ने सम्यक आधार पर अपना आदेश पारित किया है और परिवादी पर जो राशि बकाया है उसे वसूलने का आदेश दिया गया है और इस राशि को वसूलने के बाद वाहन परिवादी की पत्नी के पक्ष में रिलीज करने का आदेश दिया गया है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित इस आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है, अत: पुनरीक्षण आवेदन खारिज होने योग्य है।
आदेश
पुनरीक्षण आवेदन खारिज किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1