Uttar Pradesh

StateCommission

RP/68/2017

TVS Credit Service LLtd - Complainant(s)

Versus

Gulab Singh - Opp.Party(s)

Shyam Kumar Rai

25 Apr 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/68/2017
(Arisen out of Order Dated 23/09/2016 in Case No. C/446/2014 of District Agra-II)
 
1. TVS Credit Service LLtd
Agra
...........Appellant(s)
Versus
1. Gulab Singh
Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Petitioner:
For the Respondent:
Dated : 25 Apr 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

पुनरीक्षण संख्‍या-68/2017

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या 446/2014 में पारित आदेश दिनांक 23.09.2016 के विरूद्ध)

T.V.S. Credit Services LTD. Having its branch office at BBD Viraj Tower, 7th floor, Vibhuti Khand Lucknow-226010.                           ...................पुनरीक्षणकर्ता

बनाम

Gulab Singh, S/o Maniram R/o 157 A, Lakhanpur, P.S-Sikandra, District-Agra.                 ...................विपक्षी

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री श्‍याम कुमार राय,                           

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 03-07-2017

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-446/2014 गुलाब सिंह बनाम प्रबन्‍धक, सी0वी0 आटो मोबाइल्‍स लि0 आदि में जिला फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा पारित आदेश दिनांक 23.09.2016 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण याचिका धारा-17 (1) (बी) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षी टी0वी0एस0 क्रेडिट सर्विसेज लि0 की ओर से आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।  

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री श्‍याम कुमार राय उपस्थित आए। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया।

हमने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

-2-

पुनरीक्षणकर्ता ने पुनरीक्षण याचिका प्रस्‍तुत करने में हुए विलम्‍ब के सन्‍दर्भ में शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया है, परन्‍तु विलम्‍ब माफी हेतु कोई प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया है। आक्षेपित आदेश                    दिनांक 23.09.2016 परिवाद संख्‍या-446/2014 गुलाब सिंह बनाम प्रबन्‍धक सी0वी0 आटो मोबाइल्‍स लि0 आदि में जिला फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा पारित किया गया है।

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि उपरोक्‍त परिवाद में परिवादी की ओर से अन्‍तरिम आदेश हेतु प्रार्थना पत्र दिनांक 23.09.2016 को ही प्रस्‍तुत किया गया है, परन्‍तु पुनरीक्षणकर्ता को सुने बिना उस पर एकपक्षीय रूप से जिला फोरम ने आदेश पारित किया है।

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अन्‍तरिम आदेश हेतु प्रार्थना पत्र दिनांक 23.09.2016 को जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किए जाने के पहले ही पुनरीक्षणकर्ता, जो परिवाद का विपक्षी है, परिवाद में उपस्थित हो चुका था। फिर भी उसे सुनवाई का अवसर दिए बिना आक्षेपित आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है।

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता ने जिला फोरम के समक्ष विपक्षी, जो परिवाद का परिवादी है, द्वारा प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र वास्‍ते अन्‍तरिम आदेश की प्रति बहस के समय दिखायी है, जिससे यह स्‍पष्‍ट है कि यह प्रार्थना पत्र दिनांक 23.09.2016 को ही जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया है और जिला फोरम के आक्षेपित आदेश दिनांक 23.09.2016 से यह स्‍पष्‍ट है कि उसी दिन  विपक्षीगण  को

 

-3-

इस प्रार्थना पत्र की नोटिस दिए बिना जिला फोरम ने आदेश पारित किया है। अत: यह स्‍पष्‍ट है कि जिला फोरम के समक्ष पुनरीक्षणकर्ता को विपक्षी/परिवादी द्वारा अन्‍तरिम आदेश हेतु प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र पर अपना कथन प्रस्‍तुत करने का अवसर नहीं मिला है।

उपरोक्‍त परिस्थितियों में वर्तमान पुनरीक्षण याचिका इस प्रकार निस्‍तारित की जाती है कि पुनरीक्षणकर्ता जिला फोरम के समक्ष विपक्षी/परिवादी के प्रार्थना पत्र वास्‍ते अन्‍तरिम आदेश के विरूद्ध आपत्ति आज से 15 दिन के अन्‍दर प्रस्‍तुत करेगा। पुनरीक्षणकर्ता की ओर से जिला फोरम के समक्ष इस अवधि में आपत्ति प्रस्‍तुत किए जाने पर जिला फोरम पुनरीक्षणकर्ता की आपत्ति पर उभय पक्ष को सुनकर विधि के अनुसार एक मास के अन्‍दर आदेश पारित करेगा।

पुनरीक्षणकर्ता द्वारा 15 दिन के अन्‍दर जिला फोरम के समक्ष  आपत्ति प्रस्‍तुत किए जाने पर आपत्त्‍िा के निस्‍ता‍रण तक आक्षेपित आदेश के क्रियान्‍वयन हेतु पुनरीक्षणकर्ता के विरूद्ध कोई उत्‍पीड़नात्‍मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।

 

       (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)          (बाल कुमारी)      

           अध्‍यक्ष                    सदस्‍य                      

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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