सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बस्ती द्वारा परिवाद संख्या 627/93 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 01.07.1997 के विरूद्ध)
अपील संख्या 1910 सन 2003
1. इलाहाबाद बैंक द्वारा ब्रांच मैनेजर इलाहाबाद बैंक खलीलाबाद तहसील खलीलाबाद जिला बस्ती ।
2. इलाहाबाद बैंक हेड पोस्ट आफिस नेताजी सुभाष चन्द्र रोड, कलकत्ता ।
.......अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
-बनाम-
गुलाब चन्द्र गुप्ता पुत्र स्व0 रामदुलारे निवासी मोहल्ला शास्त्रीनगर , तहसील खलीलाबाद, बस्ती ।
. .........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री दीपक मेहरोत्रा।
प्रत्यर्थी सं0 01की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री एम0एच0 खान।
दिनांक:-04-12-2019
श्री गोवर्धन यादव, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बस्ती द्वारा परिवाद संख्या 627/93 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 01.07.1997 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है ।
संक्षेप में, प्रकरण के आवश्यक तथ्य इस प्रकार हैं परिवादी ने सरकार द्वारा प्रचालित सेल्फ इम्प्लाइमेंट स्कीम के तहत इलाहाबाद बैंक से 25 हजार रू0 फोटो स्टेट मशीन हेतु ऋण स्वीकृत कराया। इलाहाबाद बैंक द्वारा उक्त 25 हजार रू0 प्रार्थी को न देकर दिल्ली की एक फोटो कापी मशीन बिके्ता को दे दिया जिसके द्वारा घटिया किस्म की फोटो मशीन परिवादी को उपलब्ध करायी गयी जो कुछ दिन में ही खराब हो गयी । परिवादी को जो 25 हजार रू0 का ऋण स्वीकृत हुआ था उसमें 1/4 भाग अनुदान था और शेष भाग डिपाजिट एण्ड इंश्योरेंस एण्ड क्रेडिट गारन्टी कार्पोरेशन से इन्श्योर्ड था जिसके अन्तर्गत यदि कर्जदार कर्जा अदा नहीं कर पाता तो हर्ज का 75 प्रतिशत डिपाजिट एण्ड इंश्योरेंस एण्ड क्रेडिट गारन्टी कार्पोरेशन द्वारा बैंक को अदा करना था । सब्सिडी की धनराशि बैंक को शासन द्वारा पूर्व में ही प्राप्त हो गयी थी इस प्रकार फोटो मशीन खराब होने के कारण परिवादी को कुछ भी देना शेष नहीं था, फिर भी बैंक द्वारा उसके विरूद्ध वसूली प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है, जिससे क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी है।
विपक्षी की ओर से पर्याप्त तामीली के बावजूद कोई उपस्थित न होने के कारण जिला मंच ने उसके विरूद्ध एक पक्षीय सुनवाई करते हुए उक्त वसूली प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया जिससे क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी है।
अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा सम्पूर्ण तथ्यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्त किए जाने योग्य है।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता गण के तर्क विस्तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक अवलोकन किया।
पत्रावली का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी गुलाब चन्द्र गुप्ता पुत्र स्व0 रामदुलारे निवासी मोहल्ला शास्त्रीनगर, तहसील खलीलाबाद, बस्ती द्वारा एक रजिस्टर्ड पत्र इस आयोग के अध्यक्ष को दिनांक 07.12.2010 को इस आशय का भेजा गया है कि '' वाद संख्या 1910/2003 दिनांक 20.04.2005 जो इलाहाबाद बैंक, खलीलाबाद बस्ती/संत कबीरनगर के अधिवक्ता श्री दीपक मल्होत्रा के तरफ से दाखिल किया गया है, जो विचाराधीन है। दिनांक 26.11.2010 को दोनों पक्षों के बीच में उक्त मुकदमा में समझौता हो गया है तथा दिनांक 26.11.2010 को इलाहाबाद बैंक के ब्रांच मैनेजर द्वारा प्रार्थी के नाम व पते से जो नो-डयूज सर्टिफिकेट जारी कर दिया है, ऐसी दशा में अब उक्त वाद का चलना न्याय संगत नहीं है। अत: आप से सादर निवेदन है कि उपरोक्त वाद संख्या वाद संख्या 1910/2003 दिनांक 20.04.2005 की कार्यवाही समाप्त करने की कृपा करें। '' पत्र के साथ इलाहाबाद बैंक खलीलाबाद संत कबीरनगर के ब्रांच मैनेजर द्वारा जारी किए गए नो डयूज प्रमाण पत्र की फोटो प्रति संलग्न की गयी है।
उक्त अभिलेख के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि उभय पक्ष के मध्य विवाद समाप्त हो गया है और पक्षों के मध्य कोई प्रकरण शेष नहीं है। चूंकि उभय पक्ष के मध्य अब कोई विवाद नहीं है, अत: यह अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष इस अपील का अपना अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट-2
(S.K.Srivastav,PA)