Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/344/2021

Lalita Mishra - Complainant(s)

Versus

Green Park - Opp.Party(s)

23 Nov 2022

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/344/2021
( Date of Filing : 11 Nov 2021 )
 
1. Lalita Mishra
luclnow
luclnow
utter Prdesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Green Park
luclnow
luclnow
utter predesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MS. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 HON'BLE MS. sonia Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Nov 2022
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-   344/2021                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

         श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-11.11.2021

परिवाद के निर्णय की तारीख:-23.11.2022

 

ललिता मिश्रा वयस्‍क पत्‍नी श्री अजय कुमार मिश्रा, निवासी-मकान नं0 12, रायल सिटी, औरंगाबाद जागीर, लखनऊ।

                                                 ............परिवादिनी।                                                   

                        बनाम

स्‍वास्तिक मल्‍टीट्रेड प्रा0लिमि0, 2/42, विशाल खण्‍ड, गोमती नगर, लखनऊ, वर्तमान पता-ग्रीन पार्क इन्‍फ्रा प्रोजेक्‍ट लिमिटेड 2/42, विशाल खण्‍ड, गोमती नगर, लखनऊ। द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर प्रवीन खन्‍ना।

                                                     ..........विपक्षी।

                                                  

परिवादिनी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री संदीप कुमार पाण्‍डेय।

विपक्षी के अधिवक्‍ता का नाम:-कोई नहीं।

आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

                               निर्णय

1.   परिवादिनी ने प्रस्‍तुत परिवाद धारा 35 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विपक्षी से, परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि 7,59,220.00 प्रतिकर के रूप में प्‍लाट की वर्तमान दर 60,00,000.00 रूपये वापस, विपक्षी द्वारा अपनायी गयी अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया के कारण परिवादिनी को हुए मानसिक, आर्थिक व शारीरिक कष्‍ट के लिये 5,00,000.00 रूपये एवं वाद व्‍यय के लिये 1,51,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी के पति को विपक्षी द्वारा प्रचारित ‘ ग्रीन पार्क फेज 2 ’ नामक प्रोजेक्‍ट की जानकारी हुई जो उनके द्वारा विकसित की जा रही थी। विपक्षी द्वारा अपनी प्रचार सामग्री में बताया गया कि उक्‍त योजना के लगभग 500 प्‍लाट विभिन्‍न साइजों के विकसित किए जाएंगे और भविष्‍य में मार्केटिंग काम्‍पलेक्‍स के लिये जगह छोड़ी जाएगी तथा सड़कों की चौड़ाई 12 मीटर और 9 मीटर होगी तथा पार्क और अन्‍य सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, सीवर आदि भी दी जाएंगी।

3.   विपक्षी द्वारा यह भी बताया गया कि उनका प्रोजेक्‍ट 03 वर्ष में पूरा हो जाएगा, चॅूंकि प्रोजेक्‍ट के अन्‍तर्गत गेट व स्‍वागत कक्ष तथा डामर रोड का भी निर्माण किया जा रहा था, जिसके कारण विपक्षी के कथनों पर अविश्‍वास का कोई कारण नहीं था।

4.   उक्‍त योजना के अन्‍तर्गत विपक्षी द्वारा प्‍लाटों की विक्रय दर दिनॉंक 01.03.2014 से 1500.00 रूपये प्रति वर्गफिट निर्धारित की गयी थी और एक वर्ष में किस्‍तों के भुगतान की भी सुविधा प्रदान की गयी थीथी, तथा विपक्षी की विक्रय दर शहरी क्षेत्र से दूर स्थित अन्‍य प्रोजेक्‍ट की अपेक्षा काफी अधिक थी, किन्‍तु विपक्षी द्वारा बतायी गयी सुविधाओं और शहरी क्षेत्र से दूर तथा कम भीड़ भाड़ वाली जगह होने के कारण उक्‍त योजना में माह जनवरी 2012 में एक प्‍लाट क्रय करने का निश्‍चय किया। परिवादी ने विपक्षी से प्‍लाट की विक्रय दर कुछ कम करने का अनुरोध किया और विपक्षी के कहने पर परिवादिनी ने प्‍लाट की कुल कीमत को मासिक किस्‍मों में भुगतान किया। कुल रूपये 7,59,220.00 रूपये का पूरा भुगतान कर दिया।

5.   परिवादिनी ने विपक्षी द्वारा दिए गये नक्‍शे का अवलोकन किया तथा कार्नर प्‍लाट जिसका नं0 वी-47 था और एरिया 1500 वर्गफिट था क्रय किया और किस्‍तों   में 7,59,220.00 रूपये का पूरा भुगतान कर दिया, और विपक्षी द्वारा उक्‍त प्‍लाट का आवंटन परिवादिनी को कर दिया गया। विपक्षी द्वारा प्रोजेक्‍ट स्‍थल पर विकास कार्य तेजी से होना बताते हुए शेष धनराशि जमा करने के एक वर्ष के अन्‍दर परिवादी के पक्ष में रजिस्‍ट्री कर देने की बात कही गयी थी।

6.   सम्‍पूर्ण भुगतान के बाद भी विपक्षी द्वारा वर्ष 2017 तक परिवादिनी से संपर्क अथवा फोन आदि नहीं किया गया तो परिवादिनी के पति ने उक्‍त प्रोजेक्‍ट स्‍थल पर भेजकर जानकारी ली तो पता चला कि उक्‍त साइट पर किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं किया गया और न ही कोई कर्मचारी ही उपस्थित था जो कुछ बता सके। प्‍लाट बुक करने के चार वर्ष बाद भी विपक्षी द्वारा कोई भी कार्य न किए जाने से निराश होकर परिवादिनी के पति ने विपक्षी को कई पत्र विभिन्‍न तिथियों पर भेजा और अनुरोध किया कि आपस में मीटिंग के लिये समय तय कर लिया जाए जिससे दोनों पक्ष प्रोजेक्‍ट के विफल होने के कारणों पर आपस में तय कर सके कि अभी कितना समय और लगेगा, परन्‍तु विपक्षी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।

7.   परिवादिनी विपक्षी के इन सब कृत्‍यों से व अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया से दुखी होकर परिवादिनी के पति ने विपक्षी को कई नोटिस भेजा और जमा की गयी धनराशि हर्जाने सहित एक माह में भुगतान करने का अनुरोध किया, किन्‍तु विपक्षी ने न तो उसकी जमा धनराशि वापस की और न ही उक्‍त नोटिस का कोई उत्‍तर ही दिया गया। विपक्षी द्वारा 09 वर्ष से परिवादिनी की जमा धनराशि का इस्‍तेमाल किया जा रहा है और पूरी कीमत लेने के बाद भी न तो विकसित किया जा रहा है और न ही रजिस्‍ट्री ही की जा रही है।

8.   परिवाद का नोटिस विपक्षी को भेजा गया, परन्‍तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्‍तर पत्र दिया गया। अत: दिनॉंक 30.05.2022 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।

9.   परिवादिनी ने अपने साक्ष्‍य में शपथ पत्र तथा नक्‍शा एवं प्रचार सामग्री, भुगतान विवरण, आवंटन पत्र, परिवादिनी द्वारा विपक्षी को भेजे गये पत्र, एवं विधिक नोटिस आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है।

10.  मैने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

11.  परिवादिनी का कथानक है कि उसने विपक्षी की ग्रीन पार्क फेज 2 नामक प्रोजेक्‍ट में विपक्षी के द्वारा किये गये प्रचार से आकर्षित होकर एक प्‍लाट नम्‍बर वी-47 जिसका एरिया 1500 वर्गफिट था क्रय किया और किश्‍तों में कुल 7,59,220.00 रूपये का भुगतान किया। प्‍लाटों की कीमत 1500 रूपये वर्गफिट निर्धारित की गयी थी। विपक्षी द्वारा उक्‍त प्‍लाट का आवंटन भी परिवादिनी के नाम किया गया था। परन्‍तु चार वर्ष का समय व्‍यतीत होने के बाद भी विपक्षी द्वारा उक्‍त प्रोजेक्‍ट पर कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया।

12.  इस संबंध में परिवादिनी के पति ने कई पत्र भी विपक्षी को लिखे, परन्‍तु विपक्षी द्वारा उन पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया गया। परिवादिनी के पति ने विपक्षी को विधिक नोटिस भी भेजा परन्‍तु विपक्षी द्वारा उसका भी जवाब नहीं दिया गया। परिवादिनी ने उक्‍त कथनों को अपने शपथ पत्र पर भी कहा है। पत्रावली पर उपलब्‍ध तथ्‍यों, एवं साक्ष्‍यों के अवलोकन से विदित है कि विपक्षी द्वारा परिवादिनी से 7,59,220.00 रूपये की किस्‍तें प्राप्‍त करने के बावजूद भी परिवादिनी को प्‍लाट की रजिस्‍ट्री नहीं की, और न ही प्रोजेक्‍ट पर कोई विकास कार्य ही किया। विपक्षी द्वारा परिवादिनी के नाम प्‍लाट की रजिस्‍ट्री न करके सेवा में घोर कमी किया, तथा विपक्षी द्वारा कोई ऐसा साक्ष्‍य भी नहीं दिया गया, जिससे परिवादिनी के कथानक पर अविश्‍वास किया जा सके। उपरोक्‍त समस्‍त कृत्‍यों में परिवादिनी को मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक कष्‍ट भी हुआ है। उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है एवं देय धनराशि 7,59,220.00 रूपये परिवादिनी प्राप्‍त करने की अधिकारी है।

आदेश

     परिवादिनी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है, तथा विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि मुबलिग 7,59,220.00 (सात लाख उन्‍सठ हजार दो सौ बीस रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ परिवादिनी द्वारा अन्तिम किस्‍त अदा करने की  तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्‍दर अदा करेंगे। परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्‍ट के लिये मुबलिग 50,000.00 (पचास हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्‍यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है, तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय हो।

 

   (सोनिया सिंह)                                                     (नीलकंठ सहाय)

          सदस्‍य                                       अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                          लखनऊ।          

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

 

                                   

  (सोनिया सिंह)                                                     (नीलकंठ सहाय)

        सदस्‍य                                       अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                          लखनऊ।          

दिनॉंक:-23.11.2022

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MS. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MS. sonia Singh]
MEMBER
 

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