Uttar Pradesh

StateCommission

EA/23/2019

Lalit Khanna - Complainant(s)

Versus

Greater Noida Industrial Development Authority - Opp.Party(s)

Prasoon Srivastava & Puneet Saxena

19 Apr 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Execution Application No. EA/23/2019
( Date of Filing : 01 Mar 2019 )
In
Complaint Case No. CC/50/2015
 
1. Lalit Khanna
A- 88 Radhey Shyam Park Extension Near Jagat Puri Police Station Delhi 110051
...........Appellant(s)
Versus
1. Greater Noida Industrial Development Authority
Represented By its Chief Executive Officer H-169 Chitvan Estate Sector Gamma Greater Noida City Greater Noida, Gautambudhnagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Apr 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

निष्‍पादन वाद संख्‍या:-23/2019

ललित खन्‍ना पुत्र श्री एस0एल0 खन्‍ना, निवासी ए-88, राधेश्‍याम पार्क एक्‍स्‍टेंशन, निकट जगतपुरी पुलिस स्‍टेशन, दिल्‍ली 110051

........... डिक्रीदार/परिवादी

बनाम              

1-    ग्रेटर नोएडा इण्‍डस्ट्रियल डेवलपमेण्‍ट अथारिटी द्वारा चीफ एक्‍जीक्‍यूटिव आफीसर, एच-169, चितवन ऐस्‍टेट, सेक्‍टर-गामा, ग्रेटर नोएडा सिटी, ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर।

2-    मैनेजर (सम्‍पत्ति) ग्रेटर नोएडा इण्‍डस्ट्रियल डेवलप‍मेण्‍ट अथारिटी एच-169, चितवन ऐस्‍टेट, सेक्‍टर-गामा, ग्रेटर नोएडा सिटी, ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर।

…….. निर्णीत ऋणी/विपक्षीगण

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य                     

निष्‍पादनकर्ता/परिवादी के अधिवक्‍ता     : श्री पुनीत कुमार सक्‍सेना

                             एवं श्री प्रसून श्रीवास्‍तव

निर्णीत ऋर्णी/विपक्षीगण के अधिवक्‍ता   : श्री राजेश चडढा

दिनांक :- 10-5-2023

मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत निष्‍पादन वाद डिक्रीदार/परिवादी ललित खन्‍ना द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख निर्णीत ऋर्णी/विपक्षीगण ग्रेटर नोएडा इण्‍डस्ट्रियल डेवलपमेण्‍ट अथॉरिटी व एक अन्‍य के विरूद्ध इस आयोग द्वारा परिवाद सं0-50/2015 में पारित निम्‍न निर्णय/आदेश दिनांक 26.9.2018 का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया गया है।

''परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे प्रश्‍नगत भवन (रिहायस योग्‍य स्थिति में)

-2-

का कब्‍जा परिवादी को निर्णय की तिथि से ०३ माह के अन्‍दर प्रदान करें तथा परिवादी द्वारा जमा की गई धनराशि पर दिनांक २८-०५-२०१२ से भुगतान की तिथि तक १४ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी इस अवधि में परिवादी को अदा करें। विपक्षीगण परिवादी से ६४,४०२/- रू०, इस धनराशि की देय तिथि से भुगतान की तिथि तक १४ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज सहित, प्राप्‍त करने के अधिकारी होंगे तथा परिवादी द्वारा देय यह धनराशि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को देय धनराशि में समायोजित की जायेगी। इसके अतिरिक्‍त विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को ०१.०० लाख रू० क्षितिपूर्ति के रूप में तथा २५,०००/- रू० परिवाद व्‍यय के रूप में निर्धारित अवधि में अदा करें। पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।''

हमारे द्वारा डिक्रीदार/परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍तागण श्री पुनीत कुमार सक्‍सेना एवं श्री प्रसून श्रीवास्‍तव तथा निर्णीत ऋणी/विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चडढा को सुना गया।

प्रश्‍नगत आदेश के संदर्भ में पिछली कई तिथियों पर अनुपालन सुनिश्‍चित कराये जाने हेतु निर्णीत ऋर्णी की ओर से उपस्थित अधिवक्‍ता को निर्देशित किया गया है। उक्‍त के संबंध में निर्णीत ऋणी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा द्वारा दौरान बहस यह कथन किया गया कि निर्णीत ऋणी और डिक्रीदार के मध्‍य इस आयोग द्वारा पारित निर्णय दिनांक 26.9.2018 के पश्‍चात दिनांक 04 जून, 2019 को एक सहमति/समझौता हुआ, जिसके अनुपालन में निर्णीत ऋणी द्वारा डिक्रीदार को कुल रूपया 22,00,000/-(रू0 बाईस लाख) का भुगतान कर दिया गया है।

 

-3-

उक्‍त समझौते की प्रतिलिपि के रूप में निर्णीत ऋणी नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से परिवादी के पत्र दिनांकित 29.5.2019 की प्रतिलिपि प्रस्‍तुत की गई है, जिसके अन्‍त में परिवादी ललित खन्‍ना के हस्‍ताक्षर स्‍पष्‍ट होते है। उक्‍त पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से अंकित किया गया है:-

"......However, after discusion with your officials I have agreed to settle the cae against GINDA amicably agaisnt the delayed payment of Rs.22,00,000.00 (Rupees Twenty Two Lakhs only). The Authority has agreed to handowver the possession within 15 days of this letter after requisite wirk and in a liveable condition.

I undertake to withdraw the execution case filed with Hon'ble State Commission consequent to this settlement."

उक्‍त पत्र से स्‍पष्‍ट होता है कि निर्णीत ऋणी द्वारा दिनांक 29.5.2019 को प्रश्‍नगत भवन सं0-बी 425 ई0डब्‍लू0एस/120 का कब्‍जा दिनांक 17.8.2021 को दिया गया। दिनांक 17.8.2021 का कब्‍जा प्रमाण पत्र भी अभिलेख पर श्री के0के0 यादव, कर्मचारी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी दिनांकित 17.02.2022 के माध्‍यम से संलग्‍नक-2 के रूप में प्रस्‍तुत किया गया है, जिसमें अंकित है:-

"प्रबन्‍धक (सम्‍पत्ति/उद्योग/व्‍यवसायिक/संस्‍थागत) के पत्र संख्‍या-569/..../12 दिनांक 28.5.2012 के आधार पर (अपठनीय) योजना के सेक्‍टर XU III में स्थित भवन बी-425 ई0डब्‍लू0एस0/120 वर्ग मीटर  के भवन का कब्‍जा दिनांक 17.8.2021 को आवंटी श्री ललित खन्‍ना को संतोषजनक स्थिति में स्‍थल पर दिया गया।"

उक्‍त पत्र से स्‍पष्‍ट होता है कि दिनांक 17.8.2021 को उक्‍त समझौता पत्र के अनुसार संतोषजनक स्थिति में प्रश्‍नगत भवन का कब्‍जा परिवादी ललित खन्‍ना को प्राप्‍त करा दिया गया है, इसके अतिरिक्‍त

-4-

परिवादी द्वारा दिये गये उपरोक्‍त पत्र दिनांकित 29.5.2019 के अनुसार कब्‍जे के साथ-साथ रू0 22,00,000.00 की धनराशि भी निर्णय में दिये गये सम्‍पूर्ण धनराशि पर 14 प्रतिशत साधारण ब्‍याज के एवज में रू0 22,00,000.00 चेक सं0-004729 दिनांकित 29.5.2019 एच0डी0एफ0सी0 बैंक के द्वारा भी दिया गया है। उक्‍त चेक की प्रतिलिपि भी अभिलेख पर दी गई है। इस प्रकार निर्णय के निष्‍पादन के संबंध में हुए उभय पक्ष के समझौते में परिवादी ने जमा की गई धनराशि रू0 37,06,278.00 पर 14 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर रू0 22,00,000.00 एवं भवन का कब्‍जा संतोषजनक में दिये जाने का विकल्‍प लिया था जबकि प्रश्‍नगत निर्णय दिनांकित 26.9.2018 में 14 प्रतिशत साधारण ब्‍याज, जमा की गई धनराशि पर दिलाया जाना एवं इसके अतिरिक्‍त अन्‍य क्षतिपूर्ति एवं वाद व्‍यय आज्ञप्‍त हुआ था। निर्णय के उपरांत पत्र दिनां‍कित 29.5.2019 के माध्‍यम से हुए समझौते में परिवादी ने न केवल संतोषजनक स्थिति में प्रश्‍नगत भवन का कब्‍जा ले लिया है बल्कि बिना किसी विरोध के रू0 22,00,000.00 प्राप्‍त किये हैं अत्एव अभिलेख से यह स्‍पष्‍ट होता है कि दोनों पक्षों के मध्‍य हुए समझौते के अनुसरण में परिवादी ने प्रश्‍नगत भवन का कब्‍जा एवं उपरोक्‍त 22,00,000.00 की धनराशि प्राप्‍त कर ली है। अब परिवादी निर्णय में दी गयी शर्तों के अनुसार उक्‍त समझौते को नजर अंदाज करते हुए सम्‍पूर्ण धनराशि भी प्राप्‍त करना चाहता है। पीठ के विचार में दोनो पक्षों के मध्‍य प्रश्‍नगत निर्णय के निष्‍पादन के सम्‍बन्‍ध में न्‍यायालय के बाहर समझौता हो चुका है जिसके सम्‍बन्‍ध में समस्‍त अभिलेख प्रस्‍तुत किये गये हैं। अत: प्रश्‍नगत निर्णय के निष्‍पादन में हुए समझौते के अनुसार निर्णय की पूर्ण संतुष्टि हो गई है अत: निष्‍पादन वाद को चलाये जाने का कोई औचित्‍य नहीं है। तद्नुसार निष्‍पादन वाद पूर्ण संतुष्टि में समाप्‍त किये जाने योग्‍य है।

 

-5-

आदेश

प्रस्‍तुत निष्‍पादन वाद पूर्ण संतुष्टि में समाप्‍त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाए।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

         (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)               (विकास सक्‍सेना)     

                  अध्‍यक्ष                                          सदस्‍य                                                                                       

 

हरीश सिंह,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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