Uttar Pradesh

Faizabad

CC/157/2009

ShivKumar Mishr - Complainant(s)

Versus

Gramin Bank - Opp.Party(s)

09 Feb 2016

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/157/2009
 
1. ShivKumar Mishr
milkipur Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Gramin Bank
FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद । 
        
            
    

़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़                     ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल अध्यक्ष
    
                            (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
                            (3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य


               परिवाद सं0-157/2009

शिव कुमार मिश्र पुत्र श्री देव सरन मिश्र निवासी पूरे छेदी ग्राम कटघरा पोस्ट विरौली झाम, परगना खण्डासा तहसील मिल्कीपुर जिला फैजाबाद  .................... परिवादी

                    बनाम

1-    क्षेत्रीय प्रबन्धक बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक क्षेत्रीय कार्यालय बलदेव निवास कम्पाउंड आचार्य नरेन्द्रदेव मार्ग रीडगंज शहर फैजाबाद परगना हवेली अवध तहसील सदर जिला फैजाबाद।    
2-    शाखा प्रबन्धक बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा खण्डासा तहसील मिल्कीपुर परगना खण्डासा जिला फैजाबाद                      ................. विपक्षीगण

    निर्णय दि0 09.02.2016
                                                             

                  निर्णय

उद्घोषित द्वाराः-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष


    परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध किसान क्रेडिट कार्ड का लिया गया समस्त ऋण मय ब्याज माफ करके नो ड्यूज तथा क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।

    

 

                    (  2  )

    संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी एक कृषक है। परिवादी विपक्षी सं0-2 के यहाॅं दि0 05.12.2006 को किसान क्रेडिट कार्ड सं0-463 चालीस हजार रूपये सीमा तक का बनवाया था और अपने कृषि की आवश्यकता हेतु दि0 07.12.2006 को मु0 25,000=00 तथा दि0 05.02.2007 को मु0 13,000=00 लेकर कृषि कार्य में लगाया था। सन् 2008 के वित्तीय वर्ष में भारत सरकार द्वारा किसानों को दिया गया कृषि ऋण माफ कर दिया गया। 
        
    विपक्षीगण ने अपने जवाब में कहा कि एग्रीकल्चरल रूलर डेट रिलीफ स्कीम (ए.आर.डी.आर.एस.) से सम्बन्धित है जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-2 (1) (डी) की परिभाषा के अनुसार परिवादी उपभोक्ता नहीं है। शासन द्वारा कृषि ऋण माफी राहत योजना 2008 के तहत आने वाले सभी बकायेदारों को दी गयी राहत की एक सूची बैंक शाखा के सामने लगे सूचना पट पर दर्शित किया गया था और यदि किसी ने कोई शंका व्यक्त किया तो उसका निराकरण भी उसी समय कर दिया गया था। परिवादी का किसान क्रेडिट ऋण दि0 05.12.2006 को स्वीकृत किया गया था जिसका वितरण दि0 07.12.2006 व दि0 05.02.2007 को किया गया था। उक्त कथित ऋण के किश्त के भुगतान की तिथि 07.06.08 को थी। जिसके कारण परिवादी के किसान क्रेडिट ऋण खाते को कृषि ऋण माफी योजना में सम्मिलित नहीं किया गया क्योंकि उनका ऋण शासन द्वारा ऋण माफी राहत योजना 2008 के अन्तर्गत नहीं आता था। 

    मैं परिवाद में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। विपक्षी द्वारा दाखिल कृषि ऋण माफी और राहत योजना, 2008 का अवलोकन किया तथा नेशनल कमीशन की नजीर शिया शरण सिंह उर्फ शिया सिंह तथा अन्य बनाम दि ब्रान्च मैनेजर बिहार स्टेट कोआपरेटिव लैण्ड डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड तथा अन्य प्  ;2002) सी0पी0जे0 27 (एन.सी.) तथा ब्रान्च मैंनेजर, इण्डियन बैंक तथा अन्य बनाम बी. राजा रेड्डी तथा अन्य प्प् (1998) सी0पी0जे0 558 स्टेट कमीशन आन्ध्रप्रदेश का अवलोकन किया। परिवादी ने विपक्षीगण से दि0 05.12.2006 को किसान क्रेडिट कार्ड संख्या-463 जिसकी  सीमा चालीस हजार रूपये तक थी बनवाया। कृषि की आवश्यकता हेतु दि0 

 

 


                  (  3  )

07.12.2006 को मु0 25,000=00 तथा दि0 05.02.2007 को मु0 13,000=00 लेकर कृषि कार्य में लगाया। परिवादी ने यह ऋण माफी और राहत योजना 2008 के तहत ऋण माफी की बात कही है। परिवादी को यह ऋण माफी राहत रोजना के तहत ऋण माफी के लिए सीमान्त किसान, लघु किसान तथा अन्य किसान के श्रेणी में आना आवश्यक है। सीमान्त किसान के लिए परिवादी के पास एक हेक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए। लघु किसान के लिए एक से दो हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए। अन्य किसान के लिए दो हेक्टेयर से अधिक की भूमि या मु0 50,000=00 से अधिक मूल ऋण होना चाहिए। परिवादी ने अपने परिवाद में कृषि भूमि का नम्बर नहीं दिया कि कितनी कृषि भूमि परिवादी के पास थी जिससे यह कृषि ऋण लिया है और परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में कृषि भूमि से सम्बन्धित खसरा खतौनी भी प्रेषित नहीं किया। विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावे में कहा गया है कि एग्रीकल्चरल रूलर डेट रिलीफ स्कीम के तहत ऋण लिया था और परिवादी उपभोक्ता नहीं है। इस प्रकार कृषि ऋण माफी और राहत योजना के तहत जो शर्ते दी गयी है उन शर्तो को परिवादी द्वारा प्रेषित साक्ष्य से या परिवाद से साबित नहीं होता है कि वह कृषि ऋण माफी राहत योजना का लाभ पाने का अधिकारी है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध साबित नहीं होता है और खारिज किये जाने योग्य है। 
 
                   आदेश

        परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।     

   (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              (चन्द्र पाल)              
            सदस्य                  सदस्या                     अध्यक्ष     
     
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 09.02.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया  गया।
    

        (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              (चन्द्र पाल)           
      सदस्य                   सदस्या                     अध्यक्ष    

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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