Uttar Pradesh

Barabanki

CC/1/2015

Jashoda Devi - Complainant(s)

Versus

Gramin Bank of Aryawart - Opp.Party(s)

Vivek Kumar Srivastava

14 Sep 2018

ORDER

परिवादिनी ने अपने विद्वान अधिवक्ता के माध्यम से दिनाँक 13/09/2018 को इस आशय का प्रार्थना-पत्र दिया है कि उसका के.सी.सी. ऋण खाता एन.पी.ए. कर दिया गया था जिसे बाद में सरकार द्वारा ऋण मोचन योजना के तहत माफ़ कर दिया गया है, अतः अब वह परिवाद पर बल नहीं देना चाहती है । अतः यह अनुतोष चाहा गया है कि उसके परिवाद को समाप्त कर दिया जाय । प्रार्थना-पत्र पर बैंक के अधिवक्ता द्वारा कोई विरोध नहीं किया गया है ।

चूंकि परिवादिनी के परिवाद में उल्लिखित समस्याओं का समा धान हो चुका है, ऐसी स्थिति में अब इस परिवाद को सुनने की कोई आवश्यकता नहीं है । अतः प्रार्थना-पत्र दिनाँक 13/09/2018 स्वीकार किया जाता है और परिवादिनी के प्रार्थना-पत्र में वर्णित तथ्यों के क्रम में यह परिवाद ख़ारिज किया जाता है ।

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