राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-718/2024
(जिला उपभोक्ता आयोग, फर्रूखाबाद द्धारा परिवाद सं0-14/2019 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 10-08-2023 के विरूद्ध)
प्रेमपाल सिंह पुत्र श्री बाबू सिंह, निवासी ग्राम-कैटहा, पोस्ट-कतरौली पट्टी, जनपद-फर्रूखाबाद, उ0प्र0।
........... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
1. शाखा प्रबन्धक, ग्रामीण बैंक आफ आर्यावर्त, शाखा-खुदागंज, जनपद-फर्रूखाबाद, उ0प्र0।
2. फ्यूचर जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 कार्यालय-74 यूनिट नं0-705, रतन स्काई, 20-ए, विधान सभा मार्ग,लखनऊ 226001
……..प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष :-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री योगेन्द्र कुमार तिवारी विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक :- 28-05-2024.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी द्वारा इस आयोग के सम्मुख उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा-41 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता आयोग, फर्रूखाबाद द्धारा परिवाद सं0-14/2019 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 10-08-2023 के विरूद्ध योजित की गई है। विद्वान जिला आयोग द्वारा उक्त आदेश दिनांक 10-08-2023 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति में अदम पैरवी में परिवाद खारिज किया गया।
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई।
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पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री योगेन्द्र कुमार तिवारी को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं प्रश्नगत आदेश का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय का ध्यान उक्त आदेश दिनांक 10-08-2023 की ओर आकृष्ट करते हुए कथन किया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी के अनुपस्थित रहने के कारण परिवाद अदम पैरवी में दिनांक 10-08-2023 को खारिज कर दिया गया जबकि परिवादी इससे पूर्व निश्चित तिथियों पर विद्वान जिला आयोग के सम्मुख उपस्थित होता रहा। परिवादी ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की।
पीठ द्वारा उपरोक्त आदेश दिनांक 10-08-2023 का सम्यक् रूप से परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त यह पाया गया कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख वर्ष 2019 में योजित किया गया जो एक पक्षीय रूप से उपरोक्त आदेश दिनांक 10-08-2023 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति के कारण अदम पैरवी में खारिज किया गया। विद्वान जिला आयोग ने यद्यपि यह तथ्य उल्लिखित किया कि परिवादी अनुपस्थित है परन्तु जहॉं तक परिवादी के अधिवक्ता अथवा परिवादी की पूर्व में अनुपस्थिति का तथ्य है उक्त सम्बन्ध में कोई उल्लेख नहीं पाया गया अत्एव पीठ के अभिमत में परिवादी को न्यायहित में सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है। तद्नुसार बिना किसी गुणदोष पर विचार किए हुए प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
तद्नुसार अपील स्वीकार की जाती है और जिला उपभोक्ता आयोग, फर्रूखाबाद द्धारा परिवाद सं0-14/2019 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 10-08-2023 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण प्रतिप्रेषित करते हुए विद्वान जिला आयोग से आग्रह किया जाता है कि उक्त परिवाद को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए परिवाद के दोनों
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पक्षकारों को साक्ष्य एवं सुनवाई का विधि अनुसार समुचित अवसर प्रदान करते हुए यथा सम्भव एक वर्ष की अवधि में परिवाद सं0-14/2019 को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जावे। किसी भी पक्षकार को बिना किसी उपयुक्त कारण के स्थगन की अनुमति न प्रदान की जावे।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि अपीलार्थी/परिवादी अथवा उनके अधिवक्ता द्वारा दिनांक 21-06-2024 को अथवा उससे पूर्व सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग, के सम्मुख प्रस्तुत की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1.
कोर्ट नं0-1.