राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-486/2011
प्रमोद कुमार पुत्र श्री नरेन्द्र विक्रम सिंह व एक अन्य
बनाम
गोविन्द जी आईस एण्ड कोल्ड स्टोरेज
समक्ष :-
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
अपीलार्थीगण के अधिवक्ता : कोई नहीं
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :-01.01.2024
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद सं0-210/2008 प्रमोद कुमार व एक अन्य बनाम गोविन्द जी आईस एण्ड कोल्ड स्टोरेज में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.02.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया कि जो आलू शीतगृह में रखा गया था उसके खराब होने पर शीतगृह के मालिक द्वारा कृषकों को भुगतान कर दिया गया है, इसलिए अपीलार्थी/परिवादी के प्रति सेवा में कमी नहीं की गई है।
परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी सं0-1 ने दिनांक 22-3-2007 को 244 बोरी एवं परिवादी संख्या-2 ने 280 बोरी आलू बीज के प्रत्यर्थी/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में जमा कराये थे। दिनांक 11-9-2007 को अपीलार्थी/परिवादीगण के भाई सतीश ने 101 बोरी आलू अपीलार्थी/परिवादी संख्या-2 के खाते से व 39 बोरी अपीलार्थी/परिवादी संख्या-1 के खाते से कुल 140 बोरी निकाल लिए और आलू को छॉटने के बाद 10 बोरी पुनः रख दिये। दिनांक 27-5-2007 को एक बोरी व 05-7-2007 को एक बोरी सतीश कुमार ने तथा अपीलार्थी/परिवादीगण के पिता नरेन्द्र विक्रम सिंह ने 124 बोरी आलू के निकाल लिए, जो पूर्णरूप से
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खराब हो गये थे, जो बाजार में 150/- रू0 प्रति बोरी के हिसाब से बिके। प्रत्यर्थी/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में 306 बोरी जमा रहे। जब 306 बोरी निकालने गया तो गाली गलौज की गई अत: अपीलार्थी/परिवादी द्वारा विपक्षी से 2,07,500/- रू0 मय ब्याज प्राप्त करने हेतु परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
प्रत्यर्थी/विपक्षी का कथन है कि अपीलार्थी/परिवादीगण ने अपना आलू निकालकर बेच दिया। 216 पैकेट कोल्ड स्टोरेज में रह गये थे, जिन्हें बाद में निकाल लिया गया।
स्वयं परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि 256 बोरी आलू ले जाने का उल्लेख स्वयं अपीलार्थी/परिवादी ने किया है, शेष आलू के निकासी के सम्बन्ध में शीतगृह द्वारा रजिस्टर की प्रतिलिपि जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई, जिस पर यह अंकित है कि 280 बोरे आलू निकाले का पर्चा खो गया और अपीलार्थी/परिवादी क्लेम नहीं करेगा, जिस पर नरेन्द्र विक्रम सिंह परमार के भी हस्ताक्षर है। इस प्रकार कोल्ड स्टोरेज में अवशेष आलू के तथ्य को स्थापित नहीं माना गया, तद्नुसार परिवाद खारिज कर दिया गया। यह निर्णय/आदेश साक्ष्य की समुचित व्याख्या पर आधारित है। निकासी के बिन्दु के तथ्य को स्वयं अपीलार्थी/परिवादी द्वारा स्वीकार किया जा चुका है अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप का आधार नहीं है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
हरीश सिंह, वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,कोर्ट नं0-3