जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री सुसई मैनिकम, पिं्रसीपल, सेन्ट एन्सलम सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, केसरगंज, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
गोपी षर्मा, मालिक, मैसर्स सीमा क्राफट्स, गांधी बाजार, मदार गेट, अजमेर ।
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 324/2016
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री उमाकान्त अग्रवाल, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 24.01.2017
1. संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी द्वारा अपने स्कूल के नाम से व चर्च के नाम से दो एल.ई.डी.(स्ण्म्ण्क्) लेटर्स बोर्ड बनवाने के लिए अप्रार्थी से प्राप्त कोटेषन राषि रू. 1,01,000/- की एवज में राषि रू. 50,000/- जरिए चैक भुगतान किया गया । अप्रार्थी द्वारा उक्त बोर्ड की एक वर्ष की वारण्टी दी गई । दिनंाक 30.11.2015 को अप्रार्थी ने उक्त दोनो बोर्ड बना कर देते हुए उसे बकाया राषि रू. 51,000/- में से रू. 40,000/- का एक चैक संख्या 832754 इण्डियन ओवरसीज का तथा ष्षेष राषि रू. 11,000/- बतौर सिक्यूरिटी के प्राप्त की एवं प्रार्थी के बताए स्थान पर अप्रार्थी ने उक्त दोनों बोर्ड लगाए । अप्रार्थी ने लगाए गए बोर्ड के पीछे की ओर बिजली के तारों का जाल खुला छोड़ दिया जिससे बोर्ड के अन्दर धूल, मिट्टी व बारिष का पानी जाने से बोर्ड की चमक निरन्तर कम होती रही, साथ ही लगाए गए बोर्ड के दोनो एडोप्टर को भी खुला छोड़ दिया । काफी निवेदन किए जाने के उपरान्त एक बोर्ड को लोहे के बाक्स में फिट किया किन्तु एक एडोप्टर आज भी खुला हुआ है । अप्रार्थी के इन कृत्यों के कारण बोर्ड में लगे सभी यूनिफाॅर्म लेटर ग्लो नहीं दे रहे है , स्कूल के लोगो( स्व्ळव्) की इमेज भी सहीं नहीं हुई । इस प्रकार अप्रार्थी ने प्रार्थी से उसके द्वारा दिए गए आष्वसनानुसार सही बोर्ड बना कर नहीं देते हुए सेवा में कमी का परिचय दिया है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक 06.10.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि उसने अपने स्कूल के नाम से व चर्च के नाम से दो एल.ई.डी.(स्ण्म्ण्क्) लेटर्स बोर्ड बनवाने के लिए अप्रार्थी से उसके द्वारा दिए गए कोटेषन के अनुसार राषि रू. 1,01,000/- की एवज में रू. 50,000/- का जरिए चैक भुगतान किया गया । अप्रार्थी द्वारा उक्त बोर्ड की एक वर्ष की वारण्टी दी गई । दिनंाक 30.11.2015को अप्रार्थी ने उक्त दोनो बोर्ड बना कर दिए । तो उसने उसे बकाया राषि रू. 51,000/- में से रू. 40,000/- का एक ओर चैक इण्डियन ओवरसीज का तथा ष्षेष राषि रू. 11,000/- बतौर सिक्यूरिटी के प्राप्त की तथा प्रार्थी के बताए स्थान पर अप्रार्थी ने उक्त दोनों बोर्ड लगाए । अप्रार्थी ने लगाए गए बोर्ड के पीछे की ओर बिजली के तारों का जाल खुला छोड दिया जिससे बोर्ड के अन्दर धूल, मिट्टी व बारिष का पानी जाने से बोर्ड की चमक निरन्तर कम होती रही, साथ ही लगाए गए बोर्ड के दोनो एडोप्टरों को भी खुला छोड़ दिया । उसके द्वारा काफी निवेदन किए जाने के उपरान्त एक बोर्ड को लोहे के बाक्स में फिट किया किन्तु एक एडोप्टर आल भी खुला हुआ है । जिसके कारण बोर्ड में लगे सभी यूनिफाॅर्म लेटर ग्लो नहीं दे रहे है , स्कूल के लोगो( स्व्ळव्) की इमेज भी सहीं नहीं हुई । इस प्रकार अप्रार्थी ने प्रार्थी से उसके द्वारा दिए गए आष्वसनानुसार सही बोर्ड बना कर नहीं देते हुए सेवा में कमी का परिचय दिया है । परिवाद स्वीकार किया जाकर अनुतोष प्रदान किया जावें ।
4. हमने प्रार्थी के तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया।
5. प्रार्थी ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा-अप्रार्थी द्वारा दिए गए कोटोषन क्रमांक 470 दिनांक 28.10.15, अप्रार्थी द्वारा निष्पादित तहरीर, अप्रार्थी को अदा की गई राषि का बिल संख्या 469 दिनांक 30.11.2015 राषि रू. 50,000/- नोटिस दिनांक 28.3.2016 की मूल प्रतियों से की है । ये सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है।
6. प्रार्थी के कथन एवं प्रार्थी द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । अप्रार्थी द्वारा एल.ई.डी.(स्ण्म्ण्क्) लेटर्स बोर्ड की सम्पूर्ण राषि प्राप्त कर लिए जाने के बावजूद अपने आष्वान/करार के अनुसार नहीं देकर सेवा में कमी का परिचय दिया है साथ ही अनुचित व्यापार व्यवहार किया है । ऐसी स्थिति में प्रार्थी का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थी के विरूद्व एक पक्षीय स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि:
:ः- आदेष:ः-
7. (1) अप्रार्थी को यह आदेष दिया जाता है कि वह प्रष्नगत दोनों बोर्ड में रही कमियों को एक माह के अन्दर अन्दर प्रार्थी को सूचित करते हुए आदेष से एक माह में दुरूस्त करे अथवा उक्त बोर्ड दुरूस्त नहीं होने की स्थिति में बोर्ड पेटे प्राप्त की गई राषि रू. 91,000/- प्रार्थी को एक माह की अवधि में अदा करें ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी से ं मानसिक संताप पेटे रू. 5000 /- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.5000/-भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) अप्रार्थी यदि प्रष्नगत बोर्ड पेटे अदा की गई राषि प्रार्थी को अदा करना चाहे तो राषि रू. 91,000/- आदेष से एक माह की अवधि में प्रार्थी को अदा करें ।
(4) क्रम संख्या 2 लगायत 3 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से एक माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 24.01.2017 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष