राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1738/1997
ब्रांच मैनेजर, इलाहाबाद बैंक, चर्क ब्रांच जिला सोनभद्र .........अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
बनाम्
1.श्री गोपाल सिंह पुत्र श्री मटुकधारी सिंह सा0अरौली पो0 चुर्क जनापद
सोनभद्र।
2.मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण सोनभद्र।
........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :कोई नहीं।
दिनांक 28.04.2015
मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्या 398/97 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दि0 12.08.97 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है।
अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं है। यह वर्ष 1997 की अपील है। अपील आधार का अवलोकन किया गया एवं जिला फोरम के निर्णय/आदेश दिनांक 12.08.97 का अवलोकन किया गया।
संक्षेप में, केस के तथ्य इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता कृषक व्यक्ति है। शिकायतकर्ता ने विपक्षी संख्या 2 के प्रोत्साहन व आश्वासन पर अपनी उन्नति हेतु मत्स्य पालन हेतु आवेदन किया जिस पर विपक्षी संख्या 2 द्वारा आवश्यक जांच पड़ताल की गई। शिकायतकर्ता जांच के बाद सक्षम व्यक्ति पाया गया तथा विपक्षी संख्या 2 द्वारा शिकायतकर्ता को पात्र व्यक्ति चयनित कर आवश्यक कार्यवाही हेतु विपक्षी संख्या 1 के पास भेज दिया गया। विपक्षी संख्या 2 द्वारा सरकार द्वारा प्रदत्त सब्सिडी भी विपक्षी संख्या 1 के पास प्रेषित कर दी गई। विपक्षी संख्या 1 जिसे कि ऋण स्वीकृत करना था तथा जिसे सरकार द्वारा मत्स्य पालकों को उन्नति हेतु आवश्यक निर्देश भी है वह
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शिकायतकर्ता को हैरान व परेशान करने हेतु तथा अवैध कमीशन प्राप्त करने के उद्देश्य से अड़ंगेबाजी लगा रहा है और ऋण देने में रोक लगा दी है।
विपक्षी का कथन है कि परिवादी उपभोक्ता नहीं है। यह भी कहा गया कि उनका विवाद अपर जिलाधिकारी के न्यायालय में चल रहा है जिस कारण धनराशि आवंटन नहीं किया गया है।
केस के तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए व जिला फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित 12.08.97 के अवलोकन से हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश दि. 12.08.97 विधिसम्मत नहीं है और निरस्त होने योग्य है। तदनुसार अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है तथा जिला मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश दि. 12.08.97 निरस्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाए।
(राम चरन चौधरी) (राज कमल गुप्ता) पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, आशुलिपिक
कोर्ट-5