Uttar Pradesh

StateCommission

A/1998/336

O I Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Gopal Cold Storage - Opp.Party(s)

H. P. Srivastava

16 Nov 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1998/336
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. O I Co. Ltd.
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Gopal Cold Storage
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 16 Nov 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

अपील संख्‍या :336/1998

(जिला मंच, फतेहपुर द्धारा परिवाद सं0-154/1995 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.01.1998 के विरूद्ध)

1        Oriental  Insurance Company Ltd., Office at 1-A Gautam Bagar Fatehpur.

2       Senior Divisional Manager, the Oriental Ins. Company Ltd. Divisional Office-I, 16/98, the Mall Kanpur.

          Through it Deputy Manager Posted at Regional Office at 3-4, Hazaratganj, Lucknow.

                                                       ........... Appellants/Opp. Parties

Versus    

M/s Gopal Cold Storage and Ice Plant through its Manager Sri Chandra Shekhar S/o Sri Gaya Prasad, R/o Gopal Nagar, Fatehpur.

……..…. Respondent/Complainant.

समक्ष :-

मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता :   श्री हरि प्रसाद श्रीवास्‍तव

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता  :   कोई नहीं।

दिनांक :03-01-2017

मा0 श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय    

परिवाद सं0-154/1995 गोपाल कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड आइस प्‍लांट बनाम दि ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड व अन्‍य में  जिला मंच, फतेहपुर द्वारा दिनांक 07.01.1998 को निर्णय पारित करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया है:-

"यह वाद वादी के पक्ष में डिग्री किया जाता है। आदेशित किया जाता है कि प्रतिवादीगण परिवादी को उसके द्वारा खर्च की गई धनराशि के प्रस्‍तुत किये गये वाउचरों के आधार पर धनराशि मु0 19,470.00 रू0 का भुगतान कर दें। यह धनराशि इस आदेश

-2-

की प्रति प्राप्‍त होने से 15 दिन के अन्‍दर प्रतिवादीगण द्वारा वादी को भुगतान कर दी जाय। वादी विपक्षीगण को इस आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराना सुनिश्चित करें। वाद तद्नुसार निर्णीत किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाय।"

उक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षीगण/अपीलार्थी पक्ष की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री हरि प्रसाद श्रीवास्‍तव उपस्थित आये। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है, परन्‍तु उनकी ओर से आपत्ति योजित की जा चुकी है। यह अपील वर्ष-1998 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है, अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को विस्‍तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी फर्म ने अपनी कोल्‍ड स्‍टोरेज की समस्‍त मशीनरी कीमती 12,89,000.00 रू0 का बीमा विपक्षीगण से दिनांक 01.6.1995 से 31.5.1996 तक कराया गया था एवं इस अवधि में दिनांक 14.6.1995 को बीमित मशीनरी का एक किर्लोस्‍कर डीजल इंजन कीमती 1,50,000.00 रू0 क्षतिग्रस्‍त हो गया और काम करना बन्‍द कर दिया जिसकी सूचना विपक्षीगण को दी गयी। उनके सर्वेयर श्री पी0सी0 शुक्‍ला द्वारा दिनांक 17.6.1995 को सर्वे किया गया एवं इंजन खराब पाया गया। परिवादी ने डीजल इंजन की मरम्‍मत करायी, जिसमें उसका 18,870.00 रू0 खर्च हुआ और इंजन को कानपुर लाने ले जाने में 600.00 रू0 खर्च हुआ। इस प्रकार कुल 19,470.00 रू0 खर्च हुए। सर्वेयर ने मात्र 4,887.52 रू0 सभी कटौतियॉ काटकर क्‍लेम बनाया एवं इंजन की कीमत 2,25,000.00 आंकी जो गलत है एवं परिवादी को मान्‍य नहीं है, अत: परिवादी

 

 

-3-

द्वारा विपक्षीगण से रू0 19,470.00 मय ब्‍याज एवं क्षतिपूर्ति का अनुतोष दिलाये जाने हेतु जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया।

जिला मंच के समक्ष विपक्षीगण की ओर से अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत कर यह अभिवचित किया गया कि सर्वेयर द्वारा निर्धारित की गई धनराशि का भुगतान करने के लिए तैयार है, किन्‍तु परिवादी उसे लेने के लिए तैयान नहीं है एवं विपक्षीगण की ओर से सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गई है, इसलिए परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

उभय पक्ष के अभिवचन और अभिलेखों पर विचार करते हुए जिला मंच द्वारा उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया है, जिससे क्षुब्‍ध होकर विपक्षीगण/अपीलार्थी पक्ष की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।

वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा मरम्‍मत के संदर्भ में वाउचर प्रस्‍तुत किये गये है एवं वाउचरों को अस्‍वीकार किये जाने का कोई उचित कारण सर्वेयर द्वारा अपनी आख्‍या में प्रस्‍तुत नहीं किया गया है और जिला मंच द्वारा इस संदर्भ में दिया गया निष्‍कर्ष विधि अनुकूल है, जिसमें किसी प्रकार की त्रुटि होना नहीं पायी जाती है, अत: प्रस्‍तुत अपील खण्डित किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील खण्डित की जाती है।

 

 

         (जे0एन0 सिन्‍हा)                  (संजय कुमार)

         पीठासीन सदस्‍य                     सदस्‍य

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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