जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्रीमति नम्रता जैन पत्नि श्री विषाल जैन, जाति- जैन, निवासी- 43, मंगल काॅलोनी, गायत्रीनगर रोड, ब्यावर, जिला-अजमेर (राजस्थान)
- प्रार्थीया
बनाम
1. मैनेजर/प्रबन्धक/डायरेक्टर/प्रोपराईटर मैसर्स गुडलक वाॅच एण्ड कम्पनी, बंषी भवन, अजमेरी गेट के अंदर, ब्यावर, जिला-अजमेर ।
2. सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्रोनिक्स प्राईवेट लिमिटेड, 101-103, फस्र्ट फलोर, सौफिया काॅरपोरेट, प्लाॅट नं.9, जसोला डिस्ट्रिक्ट सेंटर , न्यू दिल्न्ली-110025 जरिए उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता/मैनेजर/डायरेक्टर
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 68/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री ओम प्रकाष बारोलिया, अधिवक्ता, प्रार्थीया
2.श्री जवाहर लाल षर्मा, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
3. श्री विजय स्वामी, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं.2
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-24 .05.2016
1. प्रार्थीया द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी संख्या 1 से जरिए बिल संख्या 187 दिनंाक 8.4.2011 के एक मोबाईल हैण्ड सेट सैमसंग मैट्रो 5200 रू. 5400/- में क्रय किया । क्रय किए जाने के 1-2 माह बाद ही उक्त सेट में खराबी होने लगी यथा- बार बार स्वतः बंद हो जाता था तथा आउट आफॅ सर्विस होने लगा एवं बार बार चार्ज करने के बावजूद भी चालू नहीं होता था । हर समय नेटवर्क की समस्या भी रहती थी । मोबाईल में आई उक्त खराबियों की उसने अप्रार्थी संख्या- 1 से षिकायत की तो अप्रार्थी संख्या- 1 ने हैण्ड सेट तो प्राप्त कर लिया । किन्तु बार बार निवेदन किए जाने, नोटिस दिए जाने व चक्कर लगाए जाने के बाद भी सेट दुरूस्त करके नहीं लौटाया । प्रार्थीया ने इसे उनकी सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थीया ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 ने जवाब प्रस्तुत कर प्रार्थीया द्वारा प्रष्नगत मोबाईल सेट क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए कथन किया है कि क्रय किए जाते समय हैण्ड सेट पूर्णतया चालू हालत में व दोष रहित था । प्रार्थीया ने सेट क्रय किए जाने के बाद कभी भी सेट में खराबी के संबंध में षिकायत नहीं की । परिवाद खारिज होने योग्य बताया । जवाब के समर्थन में हरभजन सिंह, प्रोपराईटर का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
3. अप्रार्थी संख्या 2 ने जवाब प्रस्तुत कर कथन किया है कि प्रार्थीया ने परिवाद में न तो सेट की षिकायत किए जाने का कोई नम्बर और ना ही जाॅब षीट का उल्लेख किया है । प्रार्थीया ने गलत तथ्यों के आधार पर वारण्टी अवधि समाप्त होने के बाद अनुचित लाभ पाने के लिए यह परिवाद प्रस्तुत किया है जो सव्यय निरस्त किए जाने योग्य है । जवाब के समर्थन में श्री सुनील भार्गव, अधिकृत प्रतिनिधि का ष्षपथपत्र पेष हुआ है ।
4. प्रार्थीया की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया है कि उसके द्वारा प्रष्नगत मोबाईल क्रय किए जाने के 1-2 माह बाद इसमें खराबी होने के कारण अप्रार्थी संख्या 1 को षिकायत की गई तथा उनके द्वारा प्रार्थीया से मोबाईल प्राप्त करने के बाद मात्र आष्वासन दिया गया व उसे ठीक कर वापस नहीं लौटाया गया । बार बार सम्पर्क किए जाने के बावजूद उक्त मोबाईल नहीं लौटाया जाकर देने से मना करते हुए उसके द्वारा सेवा में कमी का परिचय दिया गया है फलस्वरूप परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।
5. अप्रार्थीगण की ओर से मोबाईल क्रए किए जाने के तथ्य को स्वीकार किया गया व अन्य तथ्यों से इन्कार करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थीया द्वारा कभी भी हैण्ड सेट खराब होने बाबत् षिकायत किए जाने से इन्कार किया गया । अप्रार्थीगण द्वारा सेट छोडने के तथ्य को भी मन गढन्त व मिथ्या बताते हुए परिवाद को गलत रूप से प्रस्तुत कर अनुचित लाभ प्राप्त करने की चेष्टा करना बताया व परिवाद को खारिज होने योग्य बताया ।
6. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं तथा पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी अवलोकन कर लिया है ।
7. स्वीकृत रूप से प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत हैण्ड सेट को अप्रार्थी के समक्ष सुधार कर देने हेतु छोड जाने का कोई प्रमाण नहीं है। किन्तु यह स्वीकृत तथ्य है कि उसके द्वारा उक्त हैण्ड सेट दिनांक 8.4.2011 को खरीद किया है । हालांकि परिवाद में हैण्ड सेट खराब होने की न तो तिथि बताई गई है और ना ही अप्रार्थी के समक्ष सम्पर्क करने का कोई प्रमाण दिया गया है। किन्तु इस तथ्य को परिवाद में बताते हुए इस बाबत् अपने अधिवक्ता के माध्यम से अप्रार्थी को नेाटिस दिया जाना भी बताया है जो पत्रावली में होने से प्रथम दृष्टया प्रार्थीया के तथ्य की पुष्टि होती है । यदि हैण्ड सेट में किसी प्रकार की खराबी नहीं थी अथवा यह डीलर अथवा निर्माता के पास सुधरवाने हेतु नहीं पड़ा था, तो उनके लिए यह अपे़िक्षत था कि वे इन तथ्यों की नोटिस के जवाब में इन्कारी करते । जिस प्रकार के परस्पर तथ्य अभिवचनों में आए हंै, को देखते हुए प्रार्थीया का सेट खरीदना व इसे खराब होने पर अप्रार्थी सें सम्पर्क करना व इसकी दुरूस्ती करवाने हेतु सौंपना सामने आया है । इन हालात में प्रार्थीया को मात्र सेट की कीमत दिलवाए जाने से न्याय के उद्देष्यों की पूर्ति हो जाएगी, ऐसी मंच की राय है । फलस्वरूप प्रार्थीया का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थीया अप्रार्थीगण से उसके द्वारा जरिए बिल संख्या 187 दिनंाक 08.04.2011 के द्वारा क्रय किए गए मोबाईल सेमसंग मैट्रो 5200 की कीमत रू. 5400/- प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी ।
(2) क्रम संख्या 1 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण प्रार्थीया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
(3) प्रकरण की परिस्थितियों का मद्देनजर रखते हुए पक्षकारान खर्चा अपना अपना स्वयं वहन करेगें ।
आदेष दिनांक 24.05.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष