(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-547/2012
(जिला आयोग, मीरजापुर द्वारा परिवाद संख्या-247/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.12.2011 के विरूद्ध)
1. पियाजियो ग्रिव्स व्हीकिल लिमिटेड, 101-102, फोनिक्स, बण्ड गार्डेन रोड, अपोजिट रेजिडेन्सी क्लब, पूणे-411001.
2. मैसर्स रितु आटोमोबाइल्स सर्विसेज स्टेशन, शो रूम नम्बर 146, कोलोनगंज, इलाहाबाद।
3. मैसर्स रितु आटोमाबाइल्स, सर्विस स्टेशन, शुक्लहा, मीरजापुर।
अपीलार्थीगण/विपक्षी सं0-1 त 3
बनाम
1. गोलेन्द्र कुमार गुप्ता पुत्र रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, निवासी रतनगंज, मीरजापुर।
2. ब्रांच मैनेजर, केनरा बैंक, धुन्धी कटरा, मीरजापुर।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-4
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री अमित कुमार वर्मा।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री ए.के. पाण्डेय, विद्वान
अधिवक्ता एवं व्यक्तिगत रूप से स्वंय।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित : श्री अखिल प्रताप सिंह।
दिनांक: 18.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-247/2000, गोलेन्द्र कुमार बनाम पियाजियो ग्रिव्य व्हीकिल लि0 तथा तीन अन्य में विद्वान जिला आयोग, मीरजापुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.12.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर उभय पक्ष को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी सं0-1 लगायत 3 को आदेशित किया है कि परिवादी द्वारा क्रय किए गए आटो रिक्शा को वापस प्राप्त कर उसका मूल्य अंकन 85,000/-रू0 6 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस लौटाया जाए तथा अंकन 10,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में भी अदा किए जाए।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने वित्तीय सहायता प्राप्त कर डीजल आटो रिक्शा विपक्षी से क्रय किया, जिसका क्रेंक खराब हो गया, जो अंकन 1600/-रू0 में क्रय किया गया। एजेंसी द्वारा कहा गया था कि कंपनी से मिलने पर क्रेंक की कीमत वापस कर दी जाएगी। यह क्रेंक पुन: खराब हो गया और अंकन 1700/-रू0 में पुन: इसे बनवाया गया, इसका क्लेम भी नहीं दिया गया, इसके 10 माह बाद हाऊसिंग पम्प खराब हो गया, जिसे परिवादी ने अंकन 3000/-रू0 देकर बनवाया। डीलर द्वारा केवल यह कहा गया कि कंपनी से क्लेम प्राप्त होने पर दिया जाएगा। इस आटो के पार्ट्स न मिलने के कारण यह निष्प्रयोज्य घर पर खड़ा है।
4. विपक्षी सं0-2 एवं 3 का कथन है कि वह किसी प्रकार की सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। वारण्टी अवधि के पश्चात परिवादी किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए अधिकृत नहीं है।
5. विद्वान जिला आयोग ने प्रश्नगत निर्णय/आदेश में अंकित किया है कि प्रारम्भ में विपक्षीगण उपस्थित हुए, परन्तु बाद में अनुपस्थित रहे। परिवादी द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत की गई, इस एकपक्षीय साक्ष्य पर विचार करते हुए विद्वान जिला आयोग ने निष्कर्ष दिया कि वाहन नियमित रूप से खराब है, इसलिए वाहन की कीमत वापस की जाए।
6. इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि विद्वान जिला आयोग ने अवैध रूप से निर्णय/आदेश पारित किया है। वारण्टी अवधि समाप्त होने के पश्चात कंपनी उत्तरदायी नहीं है।
7. परिवादी द्वारा विद्वान जिला आयोग के समक्ष परिवाद में वर्णित तथ्यों को शपथ पत्र के माध्यम से साबित किया गया है। प्रश्नगत वाहन निरन्तर खराब रहा। वाहन क्रय करने के पश्चात खराब हुआ है, इसके पश्चात अनेक बार वाहन में खराबी आयी और यह कभी भी पूर्ण रूप से ठीक नहीं हो पाया। इस तथ्य का कोई खण्डन विपक्षीगण की ओर से विद्वान जिला आयोग के समक्ष नहीं किया गया, इसलिए अखण्डनीय साक्ष्य पर आधारित निर्णय/आदेश को परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है। विशेषतया इस स्थिति में जब विपक्षीगण ने लिखित कथन प्रस्तुत किया, यानी उन्हें पर्याप्त सूचना थी, इसके बावजूद लिखित कथन में वर्णित तथ्यों के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
8. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2