Uttar Pradesh

Lucknow-II

690/2013

SRI RAM NIVAS SHUKLA - Complainant(s)

Versus

GOLD RUSH SALES - Opp.Party(s)

10 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 690/2013
 
1. SRI RAM NIVAS SHUKLA
KRISHNA NAGAR ALAMBAGH,LUCKNOW
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani PRESIDENT
 HON'BLE MR. Govardhan Yadav MEMBER
 HON'BLE MRS. Geeta Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय लखनऊ

परिवाद संख्या-690/2013

श्री राम निवास शुक्ला                   - परिवादी
बनाम
मेसर्स गोल्डरश सेल्स एवं सर्विस लि0 एवं
एक अन्य                              - विपक्षीगण  
समक्ष
श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष
श्री गोवर्द्धन यादव,   सदस्य
श्रीमती गीता यादव,  सदस्य

            द्वारा श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष

   निर्णय

परिवाद अन्तर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986

परिवाद पत्र के अनुसार, परिवादी का कथन, संक्षेप में, यह है कि उसने एक टाटा सफारी एक्स माडल ैन्ट माडल कार दि0 23.3.2010 को विपक्षीगण से क्रय किया, जिसकी दो वर्ष की वारंटी परिवादी ने रू0 7000/-अधिक देकर बढ़वायी थी। इस प्रकार से उक्त वाहन की चार वर्ष की वारंटी थी। उक्त वाहन के अगली बायी तरफ के दरवाजे के ग्लासेज आरम्भ से ही डिफेक्टिव थे , जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी से किया। विपक्षी ने कहा कि पहली सर्विस में यह  शिकायत दूर कर दी जायेगी, किन्तु विपक्षी ने पहली सर्विस में उक्त शिकायत दूर नहीं किया और कहा कि अगली सर्विस में यह शिकायत दूर कर दी जायेगी, लेकिन आज तक  विपक्षी  ने  यह  शिकायत  दूर

 

 

नहीं किया।  इस संदर्भ में परिवादी ने कई बार लोकल कार्यालय में शिकायत किया, लेकिन विपक्षी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। दि0 2.3.13 को जब परिवादी ने कमी को दूर करने हेतु विपक्षी से पूछा तो विपक्षी के स्टाफ द्वारा कहा गया कि परिवादी की चैथी कापी वारंटी बढ़ाये जाने वाले कार्ड में डीलर की मोहर नहीं है, इसलिये विपक्षी का स्टाफ बढ़ी हुयी वारंटी में कार्य करने का उत्तरदायी नहीं है। विपक्षी ने बिना मोहर के वारंटी कार्ड उसे निर्गत किया, जबकि विपक्षी द्वारा उससे एक्स्टा धनराशि ली गयी थी। परिवादी ने इस संदर्भ में विपक्षी सं0 1 को दि0 2.5.13 को नोटिस भेजी , इस ओर भी विपक्षी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। परिवादी को उक्त वाहन का प्रयोग करने में परेशानी हो रही थी, जिस कारण उसे मानसिक कष्ट हुआ।,  जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षी से मानसिक कष्ट हेतु             रू0 90000/-एवं रू05100/-नोटिस में हुये व्यय हेतु दिलाये  जाने  की  प्रार्थना  किया  है।
विपक्षी को नोटिस जारी की गयी। नोटिसोंपरान्त भी विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र / शपथपत्र दाखिल नहीं किया है बल्कि लिखित प्रार्थना/लिखित बहस दाखिल किया है । यह दि0 10.3.15 को दाखिल किया जब परिवादी अपनी बहस समाप्त करके निर्णय की तिथि ले चुका था।
परिवादी ने परिवाद पत्र के समर्थन में अपना शपथपत्र दाखिल किया है एवं परिवाद पत्र/शपथपत्र के साथ अभिलेखीय साक्ष्यों की छायाप्रतियाॅ दाखिल किया है।
मंच ने पक्षों के विद्वान अधिवक्तागण को श्रवण किया एवं पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया।

 

परिवादी का तर्क यह है कि उसने एक टाटा सफारी एक्स माडल ैन्ट माडल कार दि0 23.3.2010  को  विपक्षीगण
से क्रय किया, जिसकी दो वर्ष की वारंटी परिवादी ने रू0 7000/-अधिक देकर बढ़वायी थी। इस प्रकार से उक्त वाहन की चार वर्ष की वारंटी थी। उक्त वाहन के दायीं तरफ के ग्लासेज आरम्भ से ही डिफेक्टिव थे , जिस हेतु उसने कई बार विपक्षी से शिकायत किया, जिसे विपक्षी ने सही नहीं किया, , जिस कारण उसे मानसिक कष्ट हुआ, जिसमें उसका            रू0 90,000/-व्यय हुआ,  जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षी से मानसिक कष्ट हेतु             रू0 90000/-एवं रू05100/-नोटिस में हुये व्यय हेतु दिलाये  जाने  की  प्रार्थना  किया  है।
    म्गजमदकमक ॅंततंदजल पर डीलर ने जानबूझकर न तो हस्ताक्षर बनाये और न स्टेम्प ही लगायी जबकि परिवादी ने   रू0 7000/-जमा कर दिये थे। अतः म्गजमदकमक ॅंततंदजल की अवधि दि0 22.5.14 मानी जायेगी। इस तिथि तक बाद में कोई खराबी आती है तो म्गजमदकमक ॅंततंदजल के अन्र्तगत विपक्षी को सर्विस करके देना होगा। वाहन में बायें तरफ के दरवाजे व शीशे स्थायी तौर पर बंद रहते है, जिसके कारण परिवादी को सदैव कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसी दशा में मंच की यह राय है कि विपक्षीगण को दरवाजे के शीशे ठीक करने होगें। परिवादी को अनावश्यक रुप से परेशान किया गया है, वह विपक्षी से मानसिक क्लेश हेतु अनुतोष पाने का अधिकारी है। विपक्षीगण  की  ओर  से श्री  प्रदीप अग्रवाल का शपथपत्र  दाखिल  किया  गया  है।  यह  शपथपत्र विधि के

 

 

विरूद्व है । लुक कोमर के हस्ताक्षर नहीं है और न उनकी मुहर है। यह साक्ष्य में ग्राह्य योग्य नहीं है फलस्वरुप परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
                     आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता  है कि वह इस निर्णय की तिथि सेे छः सप्ताह के अंदर परिवादी के वाहन के बायें तरफ के दरवाजे की खिड़़की को दुरूस्त करें , यदि ऐसा संभव न हो तो बिना अतिरिक्त शुल्क लिये हुये , विवादित शीशे बदलवायें । इसके अतिरिक्त विपक्षी परिवादी को मानसिक क्लेश हेतु रू015000/- तथा रू05000/- वाद व्यय अदा करगें, यदि विपक्षी उक्त निर्धारित अवधि के अंदर परिवादी को यह धनराशि अदा नहीं करते है तो विपक्षी को , समस्त धनराशि पर उक्त तिथि  से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर के साथ अदा करना पड़ेगा।
(गीता यादव)          (गोवर्द्धन यादव)    (संजीव शिरोमणि)       
       सदस्य            सदस्य              अध्यक्ष

            दिनांक 10  मार्च, 2015

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Govardhan Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Geeta Yadav]
MEMBER

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