परिवादी की ओर श्री बिसनाथ निषाद, अधिवकता उपस्थित।
वि.पक्ष क्रमांक-1 से 3 द्वारा श्री पी.सी.पंत, अधिवक्ता।
वि.पक्ष क्रमांक- 4 द्वारा श्री नील कमल कौशिक, अधिवक्ता।
इस परिवादी के अतिरिक्त 16 अन्य परिवादियों ने धारा- 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत प़थक -प़थक परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है, चूंकि प्रकरण के तथ्य समान हैं एवं साक्ष्य की पुनराव़त्ति से बचने के लिए सुविधा के द़ष्टिकोंण से इनका एक ही आदेश से निराकरण करना न्यायोचित प्रतीत होता है, अत: हम कुल- 17 परिवाद क्रमांक- 07/12, 08/12, 09/12, 10/12, 11/12, 12/12, 13/12, 15/12, 16/12, 18/12, 19/12, 20/12, 23/12, 24/12, 25/12, 26/12, 27/12, का एक ही आदेश से निपटारा कर रहे हैं मूल आदेश प्रकरण क्रमॉक - 07/12 में प़थक से दिनांकित हस्ताक्षरित घोषित किया गया इसकी प्रतियों शेष मामलों में लगाई जायें।
परिवादी का मामला ऑशिक रूप से स्वीकार किया गया। परिवाद पत्र की प्रति नि:शुल्क उभयपक्षों को प्रदान की जायें।
परिणाम दर्ज कर प्रकरण अभिलेखागार में जमा हो।