राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या– 894/2019
श्रीमती निधि दीक्षित एडवोकेट पत्नी श्री अंशुल शर्मा
बनाम
गोदरेज एंड वायस मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी व एक अन्य
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस० के० शर्मा एवं श्री नन्द कुमार,
विद्धान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री अतुल कीर्ति, विद्धान अधिवक्ता।
दिनांक 12.06.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्धारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्धारा परिवाद संख्या– 63/2018 श्रीमती निधि दीक्षित बनाम गोदरेज एण्ड वायस मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26.06.2019 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में परिवाद के तथ्य यह है कि परिवादिनी ने दिनांक 01.03.2017 को सुदर्शन रेडियो अंसारी रोड बुलन्दशहर से विपक्षी संख्या-01 द्धारा निर्मित एक वाशिंग मशीन मॉडल नम्बर 620 एफ.एस.एक्स. रू0 12,500.00 में क्रय की थी। उक्त वाशिंग मशीन की विपक्षी द्धारा 24 माह की गारन्टी प्रदान की गई थी। वाशिंग मशीन क्रय करने के उपराक्त समस्या आने लगी जिसके बाद सर्विस सेन्टर से मैकेनिक आकर मशीन को ठीक कर चला देता था लेकिन वह सही नहीं हो पायी। उक्त वाशिंग मशीन में निर्माण कालिक दोष था।
वाशिंग मशीन का कन्ट्रोल पैनल काम करना बन्द कर देता था, उसमे खट-खट की आवाज आती थी तथा स्पिन के वक्त कपड़े स्पिन नहीं होते थे। इस प्रकार विपक्षी ने परिवादिनी को घटिया व अप्रयोज्य वाशिंग मशीन दे दी है। इसी से क्षुब्ध होकर परिवादी ने यह परिवाद योजित किया है।
विपक्षी ने जवाबदावा में कहा है कि वाशिंग मशीन में निर्माण सम्बन्धी कोई दोष नहीं है। वोल्टेज के कमी के कारण भी मशीन में परेशानी हो सकती है।
विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है:-
‘’ परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह 45 दिन के अंदर परिवादिनी को उसकी वाशिंग मशीन पूर्ण रूप से ठीक करके चलने योग्य बनाकर दें। विपक्षीगण द्धारा प्रश्नगत वाशिंग मशीन को ठीक न कर पाने की दशा में बतौर क्षतिपूर्ति अंकन रू0 4,000.00 परिवादिनी को भुगतान करें।
परिवाद की परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगें।‘’
पीठ द्धारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता श्री एस0 के0 शर्मा तथा प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री अतुल कीर्ति को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्चात हमारे अभिमत से जिला आयोग ने उभय पक्षों द्वारा दाखिल सभी अभिलेखों व शर्तो का अवलोकन करते हुए साक्ष्यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्नगत परिवाद में विवेच्य निर्णय पारित किया है, जो कि तथ्यों एवं साक्ष्यों से समर्थित एवं विधि-सम्मत है एवं उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तद्नुसार प्रस्तुत अपील निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है। जिला आयोग द्धारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्धारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
रंजीत, पी.ए.
कोर्ट न0- 1