Rajasthan

Kota

CC/107/2010

Devendra sharma - Complainant(s)

Versus

Girraj Ji Auto Motou pvt. ltd., Manager - Opp.Party(s)

B.L.Yogi

24 Feb 2016

ORDER

देवेन्द्र शर्मा 
बनाम 
    प्रबंधक, गिरीराज जी आॅटोमोटिव (पी.) लि. एंव प्रबंधक इन्टरनेशनल कार्स एण्ड मोटर्स लि. 
परिवाद संख्या 107/2010


24.02.2016            इस प्रकरण में अंतिम बहस की स्टेज पर 27.01.2016 से परिवादी या उसके वकील उपस्थित नहीं हुये हैं। विपक्षी के वकील की बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादी ने विपक्षीगण का संक्षेप में यह दोष बताया है कि विपक्षी- इन्टरनेशनल कार्स एण्ड मोटर्स लि. द्वारा निर्मित रायनो कार (चैचिस नम्बर 004026 व इंजन नम्बर जी. 1408508 जे. 003361) विपक्षी- गिरीराज जी आॅटोमोटिव (पी.) लि.,कोटा से 7,51,000/-रूपये में 27.10.2008 को खरीदी गई थी जिसका फाईनेंन्स कराया था। उसका असल बिल, सैल सर्टिफिकेट एवं पंजीयन कराने हेतु दस्तावेज नहीं दिये गये। वाहन का एवरेज 16-17 कि.मी. प्रति लीटर बताया गया जबकि 10 कि.मी. प्रति लीटर का ही एवरेज है, इंजन सही काम नहीं करता है, एलाइन्मेंट भी बार-बार खराब होता है। विपक्षी-विक्रेता को दस्तावेज देने व वाहन की खराबियों को ठीक करने हेतु बार-बार कहा गया लेकिन सुनवाई नहीं की गई। विपक्षीगण को लीगल नोटिस भेजे गये इसके बावजूद सुनवाई नहीं की गई । परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ है। 
विपक्षी-विक्रेता के जवाब का सार है कि परिवादी पर फाईनेंस बीमा आदि की 1,31,000/-रूपये राशि बकाया है। वाहन में कोई खराबी नहीं है। परिवादी ने सर्विस के समय कोई आपत्ति करने के बजाय संतुष्ट होना प्रकट किया है। परिवादी के नोटिस का उचित जवाब दे दिया गया। परिवाद मियाद बाहर है तथा झूंठा पेश किया है। 
विपक्षी निर्माता के जवाब का सार है कि परिवादी को कोई वादकारण ही नहीं है। उसने फाईनेंस की पूरी राशि अदा नहीं की इस कारण उसका वाहन फाईनेंस कम्पनी ने कब्जे में ले लिया। वाहन में कोई निर्माण-दोष या यांत्रिक दोष नहीं है । वाहन की खराबी के बारे में उन्हें कोई सूचना ही नहीं दी गई । परिवाद झूंठा पेश किया गया है। 
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी-विक्रेता को अदा की गई राशि की रसीदें, डिलीवरी चालान, बीमा कवरनोंट, विपक्षी को प्रेषित लीगल नोटिस, पोस्टल रसीद आदि की प्रति प्रस्तुत की हैं। विपक्षी विक्रेता ने साक्ष्य में पंकज विजय का शपथ-पत्र एवं विपक्षी-निर्माता ने पी.टी. सूद का शपथ-पत्र प्रस्तुत किया है। 
हमने विचार किया। 
परिवादी का वाहन फाईनेंस कम्पनी द्वारा उसकी राशि बकाया होने के कारण कब्जे में ले लिया, इस तथ्य को परिवादी ने छिपाया है, इसी आधार पर परिवाद खारिज होने योग्य है क्योंकि वाहन परिवादी के आधिपत्य में ही नहीं है इसलिये उसे कोई वादकारण भी नहीं है। 
वाहन के दस्तावेज प्राप्त करने के लिये परिवादी ने फाईनेंस की पूरी राशि ही अदा नहीं की इसलिये दस्तावेज नहीं देकर विपक्षी ने सेवा-दोष नहीं  किया है। 
वाहन में खराबी के बाबत् कोई मैकेनिक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है, विपक्षी को इस बाबत् शिकायत करने का भी कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। 
उपरोक्त विवेचन के फलस्वरूप हम पाते हैं कि परिवाद खारिज होने योग्य है।
        अतः परिवाद खारिज किया जाता है।
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।

 

(हेमलता भार्गव)               (महावीर तॅंवर)               (भगवान दास)
   सदस्य                      सदस्य                    अध्यक्ष

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