(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2463/2013
Post Master, Kuchehari Post Office, Basti & other
Versus
Girja Shanker son of Sri Bhagwat Das
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: डा0 उदयवीर सिंह के कनिष्ठ अधिवक्ता
श्री श्रीकृष्ण पाठक
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0डी0 क्रांति, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :05.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-08/2013, गिरजा शंकर बनाम पोस्ट मास्टर व अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 24.07.2013 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता ने प्राप्तकर्ता अशोक कुमार शुक्ला को डाक प्राप्त न होने पर 5,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 02.06.2012 को एक स्पीड पोस्ट से अशोक कुमार शुक्ला, शुक्ला प्रोविजन जनरल स्टोर भगेल नोयडा यू0पी0 पिनकोड सं0 2013011 पर डाक प्रेषित की गयी थी, जो कभी भी इस पते पर नहीं पहुंची। जिला उपभोक्ता आयोग ने इस तथ्य को साबित मानते हुए 5,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
4. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि दस्तावेज सं0 39 पर अशोक कुमार शुक्ला के हस्ताक्षर हैं, जिससे साबित होता है कि उन्हें डाक तामील हुई है। परिवादी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि यह दस्तावेज फर्जी एवं बनावटी है क्योंकि कभी भी जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा स्वयं डाक विभाग को पत्र लिखा गया कि प्राप्तकर्ता को कभी भी डाक प्राप्त नहीं हुई है। यदि यथार्थ में डाक प्रदत्त की रसीद अपीलार्थी के पास तत्समय मौजूद होती तब जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जाती। जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत न करने के आधार पर उपधारणा की जा सकती है कि यह दस्तावेज तत्समय मौजूद नहीं था और बाद में किसी समय फर्जी रूप से तैयार किया गया, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग के निष्कर्ष में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज की जाती है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2