राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनर्विलाकन प्रार्थना पत्र संख्या:-52/2022
सुनील कुमार निगम पुत्र डा0 सूरज नरायण निगम, निवासी आरडीसी-146 राज नगर, जिला गाजियाबाद।
........... अपीलार्थी
बनाम
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण गाजियाबाद द्वारा सेक्रेटरी
…….. प्रत्यर्थी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
पुनर्विलोकनकर्ता के अधिवक्ता : श्री अखिलेश त्रिवेदी
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री पियूष मणि त्रिपाठी
दिनांक :- 24-5-2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनर्विलोकन आवेदन पत्र अपील सं0-1131/2019 गाजियाबाद विकास प्राधिकरण बनाम सुनील कुमार निगम में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.9.2022 के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया है। जिसमें यह आधार लिया गया है कि आवेदक दिनांक 27.7.1996 तक डिफ्लटर नहीं था। प्रत्यर्थी ने स्वयं इस तथ्य को स्वीकार किया है कि परिवादी पर केवल 73,000.00 रू0 की धनराशि बकाया थी। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश के अनुसार ब्याज की गणना करते हुए समस्त धनराशि दिनांक 30.9.2019 को जमा कर दी गई है।
पुनर्विलोकनकर्ता के अधिवक्ता श्री अखिलेश त्रिवेदी एवं विपक्षी के अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी द्वारा परिवाद वर्ष-1999 में प्रस्तुत किया गया था, उसी निर्णय से प्रभावित होकर प्राधिकरण द्वारा अपील प्रस्तुत की गई, अपील
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का निर्णय भी पुराने अधिनियम के प्राविधान के अनुसार हुआ है, इसलिए इस केस में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्राविधान लागू होते हैं, जिसमें पुनर्विलोकन की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है, इसलिए पुनर्विलोकन आवेदन संधारणीय नहीं है, अत: पुनर्विलोकन आवेदन खारिज होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत पुनर्विलोकन आवेदन खारिज किया जाता है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1