जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या-290/2019
उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-13/03/2019
परिवाद के निर्णय की तारीख:-15/09/2020
गणेश सिंह (36 वर्ष) निवासी-610/414, केशव नगर, फैजुल्लागंज, लखनऊ।
..............परिवादी।
बनाम
1-गेट कनेक्टेड शाप नं0 1 श्रीराम टावर, अशोक मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ, द्वारा-प्रोपराइटर।
2-यूनिकार्न इंफोसाल्यूसन्स प्रा0लि0, शाप नं0-23 हलवासिया मार्केट, अपोजिट-प्यूमा स्टोर, हजरतगंज, लखनऊ, द्वारा-प्रबन्धक।
3-एप्पल इण्डिया प्रा0लि0 19वीं मंजिल, कानकॉर्ड टावर सी, यू0बी0 सिटी-24, विटअल माल्या रोड, बंगलौर-560001 द्वारा डायरेक्टर।
..............विपक्षीगण।
आदेश द्वारा-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
निर्णय
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से मोबाइल को बदलकर उसी कीमत का नया मोबाइल अथवा मोबाइल की कीमत मुबलिग-55000/-मय 18% वार्षिक ब्याज सहित क्रय किये जाने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक अदा करने, मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिये 70,000/-रूपये एवं वाद व्यय 25,000/-रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनॉंक-15/05/2018 को एक एप्पल कम्पनी का आईफोन मुबलिग-5500/- में सभी टैक्स अदा करके विपक्षी संख्या-1 से क्रय किया था, जिसकी गारन्टी एक वर्ष की बतायी गयी थी। परिवादी द्वारा क्रय किया गया मोबाइल शुरू से ही खराब था जिसके कारण उक्त मोबाइल में कभी नेटवर्क अपने आप छोड़ देता था, जिससे परिवादी अपने आपश्यक कार्य नहीं कर पाता था। परिवादी ने उक्त मोबाइल विपक्षी संख्या-02 जो कि विपक्षी संख्या-03 का अधिकृत सर्विस सेन्टर है, को लगभग पॉंच बार दिखाया परन्तु विपक्षी द्वारा परिवादी का उक्त मोबाइल हर बार रि-इंस्टाल करके वापस कर दिया जाता था। दिनॉंक-06/03/2019 को परिवादी का मोबाइल पूरी तरह से बन्द हो गया तो परिवादी ने विपक्षी संख्या-02 के यहॉं संपर्क किया और खराब मोबाइल बदलने का अनुरोध किया, किन्तु विपक्षी द्वारा परिवादी का मोबाइल बदलने से मना कर दिया गया। विपक्षी द्वारा बनाकर दिया गया मोबाइल 13 दिन में ही पुन: खराब हो गया तो परिवादी ने दिनॉंक-12/03/2019 को विपक्षी से संपर्क किया तो विपक्षी द्वारा पुन: परिवादी का मोबाइल अपने पास जमा करके परिवादी को एक जॉबशीट दे दी गयी। परिवादी का मोबाइल बिना रिपेयर किये ही वापस कर दिया और जॉबशीट वापस ले ली। विपक्षीगणों ने परिवादी को गलत मोबाइल बेचकर सेवा में कमी की है।
विपक्षी संख्या-03 ने अपना उत्तर पत्र दाखिल करते हुए कथन किया कि परिवादी के मोबाइल में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं थी। विपक्षी संख्या-02 विपक्षी संख्या-03 का सेवा केन्द्र है और परिवादी ने विपक्षी संख्या-02 से कभी भी नेटवर्क की समस्या के विषय में शिकायत नहीं की थी। यह कहना गलत है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या-03 से मोबाइल बदलने का आग्रह किया था। विपक्षी संख्या-02 ने दिनॉंक-07/03/2019 को मोबाइल की त्रुटि दूर करने के लिये कहा था और उसकी लिये उन्होंने उसका निस्तारण भी किया था। परिवादी तत्पश्चात अपना मोबाइल विपक्षी संख्या-02 से वापस ले गया। विपक्षी संख्या-02 के यहॉं दिनॉंक-12/03/2019 को परिवादी ने पुन: शिकायत किया और कहा कि मोबाइल में नेटवर्क तथा स्पीकार की समस्या है, जिसे विपक्षी संख्या-02 ने स्वीकार किया। यह कहना गलत है कि परिवादी को सेवा नहीं दी गयी थी और बिना सेवा दिये हुये उसका मोबाइल वापस किया गया था। परिवादी ने अपना मोबाइल सेवा केन्द्र से प्राप्त नहीं किया और उन्होंने फोरम में अपना वाद दायर कर दिया। जहॉं तक मोबाइल बदलने का प्रश्न है या उसकी कीमत देने का प्रश्न है वह स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, उसकी त्रुटि को दूर करने के लिये ही वारन्टी दी जाती है। परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
उभयपक्ष ने अपना शपथ अपने कथन के समर्थन में दाखिल किया है।
विपक्षी संख्या-01 मोबाइल का विक्रेता है तथा विपक्षी संख्या-02 जो विपक्षी संख्या-03 का सेवाकेन्द्र है ने अपना लिखित उत्तर पत्र दाखिल नहीं किया है। विपक्षी संख्या-01 के विरूद्ध वाद की कार्यवाही एकपक्षीय चल रही है। विपक्षी संख्या-02 की ओर से सिर्फ वकालतनामा प्रस्तुत किया गया है।
परिवादी ने परिवाद के साथ मोबाइल क्रय करने की रसीद दिनॉंकित-15/05/2018 की छायाप्रति दाखिल किया है, जिससे प्रतीत होता है कि परिवादी ने अपना मोबाइल 55,000/-रूपये में क्रय किया था। परिवादी ने पुन: दो जॉबशीट दिनॉंकित-06 मार्च, 2019 एवं 12 मार्च, 2019 की छायाप्रति दाखिल किया है। दिनॉंक-06 मार्च, 2019 को जब परिवादी ने पहली बार मोबाइल के संबंध में शिकायत लेकर विपक्षी संख्या-02 के यहॉं गया तब उसी दिन सेवा देकर और त्रुटि का निवारण कर परिवादी को मोबाइल वापस कर दिया गया था। परन्तु परिवादी ने उसे 08 तारीख को प्राप्त किया। दिनॉंक-12 मार्च, 2019 को दोबारा जब परिवादी अपना मोबाइल लेकर विपक्षी के यहॉं गया और उस संदर्भ में शिकायत दर्ज करायी तब से उक्त मोबाइल विपक्षी संख्या-02 सेवा केन्द्र पर ही पड़ा हुआ है। विपक्षी संख्या-02 ने अपना उत्तर पत्र दाखिल कर देता, किसी तरह मोबाइल की मरम्मत हो गयी होती तब स्थिति दूसरी होता, परन्तु विपक्षी संख्या-02 ने अपना उत्तर पत्र दाखिल ही नहीं किया और विपक्षी संख्या-03 ने यह कहा है कि परिवादी मोबाइल प्राप्त करने नहीं आया। उसने अपने उत्तर पत्र में यह कहीं नहीं कहा है कि परिवादी का मोबाइल बनाकर सेवा केन्द्र पर रखा हुआ है। ऐसी परिस्थिति में विपक्षी के कथनों पर विश्वास नहीं किया जा सकता कि विपक्षी संख्या-02 ने परिवादी का मोबाइल बना दिया है। उत्तर पत्र से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी दो बार मोबाइल लेकर विपक्षी संख्या-02 के यहॉं गया था। विपक्षी संख्या-03 ने अपने उत्तर पत्र में पैरावाइज के पैरा-6 में यह स्पष्ट कहा है कि परिवादी अपना मोबाइल प्राप्त करने के लिये नहीं आया। ऐसी परिस्थिति में परिवादी के कथन पर अविश्वास का कोई कारण नहीं है। यदि विपक्षी संख्या-02 ने मोबाइल मरम्मत कर दिया होता तो परिवादी के दिये हुए मोबाइल नम्बर पर जो जॉबशीट में अंकित है उसे खबर करता, परन्तु यह तथ्य भी विपक्षी संख्या-03 के उत्तर पत्र में अंकित नहीं है। ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या-02 एवं 03 को संयुक्त रूप से एवं एकल रूप से निर्देश दिया जाता है कि वे मोबाइल की कीमत मुबलिग-55,000/-(पचपन हजार रूपया मात्र) मय 09% वार्षिक ब्याज के साथ जो दिनॉंक-12/03/2019 से देय होगा 60 दिनों के अन्दर अदा करेंगे। साथ ही साथ विपक्षी संख्या-02 एवं 03 संयुक्त रूप से एवं एकल रूप से परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट के लिये मुबलिग-3,000/-(तीन हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये मुबलिग-3,000/-(तीन हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
(अशोक कुमार सिंह) (स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।