/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर (छ0ग0)/
प्रकरण क्रमांक:- CC/2015/04
प्रस्तुति दिनांक:- 16/01/2015
1. श्रीमती रेणुका राठौर उम्र-50 वर्ष,
पति शिवकुमार राठौर,
स्वामिनी फर्म सोनू स्पोर्टस,
निवासी शारदा मंदिर के पीछे, जांजगीर
तह. जांजगीर, जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.
2. राजेष राठौर उम्र 27 वर्ष आ. षिवकुमार राठौर
निवासी शारदा मंदिर के पीछे जांजगीर, तह. जांजगीर
3. भूपेन्द्र उर्फ सोनू सिंह उम्र 31 वर्ष
आ. शिवकुमार राठौर
निवासी शारदा मंदिर के पीछे, जांजगीर
तह. जांजगीर, जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. .........आवेदकगण/परिवादीगण
( विरूद्ध )
1. श्रीमान महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे बिलासपुर छ.ग.
2. वरिष्ठ मण्डल अभियंता वाणिज्य
दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे बिलासपुर छ.ग.
3. चीफ कामर्षियल मैनेजर (क्लेम)
दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे बिलासपुर छ.ग.
4. सहायक अभियंता
दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे चाम्पा छ.ग.
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण
///आदेश///
( आज दिनांक 08/09/2015 को पारित)
1. आवेदकगण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत कर अनावेदकगण से अप्राप्त खेल सामग्री का बंडल (44 के.जी.) अथवा अप्राप्त खेल सामग्री का बंडल (44 के.जी.) की कीमत 70,000/-रू. तथा मानसिक क्षतिपूर्ति 2,00,000/-रू., वाद व्यय एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने का दिनांक 16.01.2015 को प्रस्तुत किया है ।
2. प्रकरण में यह अविवादित तथ्य है कि परिवादी क्रमांक 1 की पंजीकृत फर्म है । परिवादी क्रमांक 2 एवं 3 खेल सामग्री कीमत 71,365/-रू. कोलकाता से क्रय कर दो बंडल में पैक किए पहला बंडल 28 के.जी. का तथा दूसरा बंडल 44 के.जी. का । उक्त दोनों बंडल को हावड़ा स्टेषन से चाॅपा स्टेषन के लिए दिनांक 27.10.2013 को बुक कराया गया, जिसमें से 28 के.जी. वाला बंडल रेलवे स्टेषन चाॅपा में डिलीव्हर हुआ तथा 44 के.जी. का बंडल आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है । यह भी स्वीकृत तथ्य है कि आवेदक ने पंजीकृत नोटिस अनावेदक को भेजा था, जिसका जवाब अनावेदगण द्वारा नहीं दिया गया है ।
3. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/आवेदिका क्रमांक 1 का एक पंजीकृत फर्म है, जिसके लिए आवेदिका के पुत्र राजेष राठौर आवेदक क्रमांक 1 एवं परिवादी क्रमांक 2 भूपेष उर्फ सोनू सिंह खेल सामग्री स्पोट्र्स शूज, ट्रेक सूट, लोअर, टीसर्ट, हाफ पैंट कुल कीमत 71,365/-रू. अक्टूबर 2013 को कोलकाता के प्लेस्टेषन थोक दुकान से खरीदा, जिसे दो बंडल में पैक की गई, पहला बंडल जिसमें 28 के.जी. का ट्रेक सूट, लोअर, टीसर्ट, हाफ पैंट पैक किया गया तथा दूसरा बंडल में 44 के.जी. स्पोट्र्स शूज पैक किया गया । उक्त दोनों बंडल को हावड़ा स्टेषन से चाम्पा के लिए दिनांक 27.10.2013 को बुक किया गया । दिनांक 04.11.2013 को 28 के.जी. वाला पहला बंडल जिसमें ट्रेक सूट, लोअर, टीसर्ट, हाफ पैंट था रेल्वे स्टेषन चाॅंपा से डिलीव्हर हुआ, तथा दूसरा बंडल 44 के.जी. वाला उक्त दिनांक को तथा उसके बाद आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ । आवेदिका क्रमांक 1 के पुत्र लेने चाम्पा पहंुचे तब चाम्पा रेल्वे के पार्सल अधिकारी ने केवल एक बंडल 28 के.जी. की अदायगी की परंतु दूसरा बंडल 44 के.जी. की अदायगी नहीं की तथा यह बताया कि वह बंडल भुसावल पुणे चला गया है । पहले बंडल की अदायगी के पूर्व चाम्पा रेल्वे ने मूल बिल्टी पत्र जबरन रख लिया तथा उसके बदले में एक ड्यू स्लिप लिखकर दी है । बुक किए गए बंडल का बिल्टी नंबर -827065 दिनांक 27.10.2013 है । उक्त बंडल चाम्पा में नहीं मिलने के बाद आवेदकगण चाम्पा रेल्वे एवं बिलासपुर रेल्वे से व्यक्तिगत संपर्क कर चक्कर लगा रहे हैं, किंतु अनावेदकगण द्वारा बार-बार टाल मटोल किया जा रहा है, इस बीच आवेदिका ने कई बार चाम्पा एवं बिलासपुर कार्यालय को रजिसटर्ड पत्र लिखकर भी सूचित कर उक्त बंडल अथवा उसकी राषि तथा क्षतिपूर्ति की मांग किए हैं, परंतु अनावेदकगण द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया जा रहा है, जिस पर आवेदकगण द्वारा अधिवक्ता रजिस्टर्ड नोटिस दिनांक 21.04.2014 को उपरोक्त अनावेदकगण को तथा कोलकाता हावड़ा रेल्वे को प्रेषित किये परंतु आज दिनांक तक अनावेदकगण नहीं उक्त बंडल वापस किये और न ही नोटिस का जवाब दिया । इस प्रकार अनावेदकगण ने घोर लापरवाही कर उपेक्षा कारित कर सेवा में कमी की है, जिससे आवेदकगण को आर्थिक, मानसिक, शारीरिक परेषानी का सामना करना पड़ा। अतः आवेदकगण ने अनावेदकगण से अप्राप्त खेल सामग्री का बंडल (44 के.जी.) अथवा अप्राप्त खेल सामग्री का बंडल (44 के.जी.) की कीमत 70,000/-रू. तथा मानसिक क्षतिपूर्ति 2,00,000/-रू., वाद व्यय एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने का अनुरोध किये हैं ।
4. अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण ने प्रारंभिक आपत्ति कि श्री सोनू सिंह द्वारा आर.आर. सं. 827065 के द्वारा हावड़ा से चाम्पा के लिए दिनांक 27.10.2013 को माल (दो बंडल पार्सल) बुक किया था जो पार्सल भेजने तथा पाने वाला एक ही व्यक्ति है, जबकि पस्तुत वाद में श्रीमती रेणुका राठौर आवेदिका है । प्रस्तुत वाद के अनुसार आवेदिका का श्री सोनू सिंह से कोई संबंध नहीं है। श्रीमती रेणुका राठौर का नाम न तो माल भेजने वाले में है न ही पाने वाले में है । रेलवे नियमानुसार शेष पार्सल प्राप्त करने के लिए माल भेजने वाले या माल प्राप्त करने वाले के द्वारा माॅंग सौंपने की तारीख से 6 महीने के अंदर लिखित में बुक किए गए माल हेतु रेलवे प्रषासन से दावा करना चाहिए था, परंतु श्री सोनू सिंह (माॅल भेजने वाले या पाने वाले व्यक्ति) द्वारा ऐसा नहीं किया गया । साथ ही परिवाद पत्र में उल्लेखित विवाद के तथ्यों को इंकार करते हुए अनावेदक ने अभिकथन किया है कि हावड़ा स्टेषन से चाम्पा स्टेषन के लिए बुक कराए गए उक्त दो बंडलों में से एक बंडल पार्सल प्राप्त करने के लिए दावेदार को दिनांक 27.11.2013 को ड्यू स्लिम दिया गया था, लेकिन उक्त ड्यू स्लिप के आधार पर शेष पार्सल के संबंध में दावेदार के द्वारा चाम्पा स्टेषन के पार्सल कार्यालय से किसी भी प्रकार का संपर्क स्थापित नहीं किया गया । चाॅपा स्टेषन के पार्सल लिपिक के द्वारा पार्सल स्टेषन को प्राप्त होने के लिए समुचित कार्यवाही की गई है, जबकि दावेदार के द्वारा पार्सल न मिलने के संबंध में किसी भी प्रकार की लिखित सूचना पार्सल कार्यालय में नहीं दी गई है । अनावेदकगण का यह भी कथन है कि दावेदार द्वारा पार्सल बुक करने में गंभीर चूक की गई है । दावेदार द्वारा बुक किए गए पार्सल पर धनीय दायित्व शून्य था तथा रेल प्रषासन को प्रतिषत प्रभार का भुगतान नहीं किया गया अर्थात् दावेदार द्वारा पार्सल बुक करते समय पार्सल के मूल्य की घोषणा नहीं की गई तथा न ही प्रतिषत प्रभार पार्सल मालिक पर जोखिम वहन किया गया है । उक्त तथ्यात्मक गलती के लिए वा स्वयं जिम्मेदार है, जिसके लिए रेल प्रषासन को किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता । दावेदार का कथन है कि उसने चाॅपा एवं बिलासपुर कार्यालय को रजिस्टर्ड पत्र लिखकर कई बार सूचित किया है, असत्य है, क्योंकि दावेदार ने किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेजी प्रमाण संबंधित कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराये हैं । दावेदार द्वारा दिनांक 21.10.2014 को रजिस्टर्ड नोटिस अनावेदक को भेजा गया था, जिस पर कार्यवाही करते हुए अनावेदक रेल प्रषासन ने तुरंत मामले की जाॅच का आदेष दिया, किंतु कतिपय कारणवष जाॅंच में विलंब होने के कारण समयावधि में उक्त रजिस्टर्ड नोटिस का जवाब नहीं दिया जा सका, किंतु रेल प्रषासन के द्वारा समुचित कार्यवाही की गई है तथा सभी आवष्यक कदम उठाए गए हैं । इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं की गई है । आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र आधारहीन एवं अर्थहीन होने से निरस्त किए जाने का निवेदन किये हैं ।
5. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदकगण ने 44 के.जी. के बंडल आवेदकगण को रेलवे स्टेषन चाॅपा में डिलीव्हर न कर सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
6 परिवाद के समर्थन में आवेदिका क्रमांक 1 श्रीमती रेणुका राठौर ने शपथपत्र तथा सूची अनुसार दस्तावेज रजिस्टर्ड नोटिस दिनांक 21.10.2014 की प्रति, रजिस्टर्ड डाक से भेजे जाने की पोस्ट आॅफिस की रसीदें, हावड़ा से चाॅपा का टिकट दिनांक 27.10.2014, प्ले स्टेषन कोलकाता का सामग्री खरीदी बिल दिनांक 26.10.2013 की फोटोप्रति, ड्यू स्लिप दिनांक 04.11.2013 तथा आवेदकगण की ओर से चिफ कामर्सियल मैनेजर एस.ई.सी.आर. बिलासपुर को लिखा पत्र दिनांक 04.06.2014 की फोटो प्रति प्रस्तुत की गई है । आवेदकगण ने सोनू स्पोट्र्स का पंजीकृत प्रमाण पत्र वैधता दिनांक 08.09.2013 से की कंप्यूटर प्रति प्रस्तुत किये हैं ।
7. अनावेदकगण की ओर से जवाबदावा के समर्थन में रवीष कुमार सिंह, आत्मज श्री रामानंद सिंह, वरि. मंडल वाणिज्य प्रबंधक, बिलासपुर द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया है ।
8. उभय पक्ष की ओर से प्रकट तथ्यों से यह स्वीकृत स्थिति आवेदिका क्रमांक 1 के नाम से सोनू स्पोस्ट्र्स पंजीकृत फर्म है, जिसमें स्पोट्र्स का सामान कोलकाता से खरीद कर दो बंडल क्रमषः 28 के.जी. एवं 44 के.जी. का हावड़ा स्टेषन से चाॅपा स्टेषन के लिए दिनांक 27.10.2013 को बुक कराया गया था। बुक कराए गए दोनों बंडल में से एक 28 के.जी. दिनांक 04.11.2013 को आवेदकगण को प्राप्त हो गया तथा 44 के.जी. वाला बंडल जो आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है ।
9. आवेदकगण द्वारा अनावेदकगण को पंजीकृत नोटिस दिए जाने के बाद भी आवेदकगण को नोटिस का जवाब तथा उक्त 44 के.जी. का बंडल प्राप्त नहीं हुआ है । आवेदकगण के अनुसार उक्त बंडल में स्पोट्र्स सूजस पैक किये गये थे । इस प्रकार अनावेदकगण ने 44 के.जी. के बंडल का स्पोट्र्स सामान से भरे हुए को आवेदकगण को उपलब्ध नहीं करया है, जिसके संबंध में ड्यू स्लिप दिनांक 04.11.2013 अनावेदकगण रेलवे द्वारा आवेदकगण को लिखकर दिया गया है, जिसमें बुक किए गए बंडल का बिल्टी नं 827062 दिनांक 27.10.2013 उल्लेखित है ।
10. आवेदकगण का 44 के.जी. का बंडल अनावेदकगण द्वारा प्रदान नहीं किया गया है, जिसे अनावेदकगण साउथ इस्टर्न सेंट्रल रेलवे चाॅपा देने के लिए दायित्वाधीन हैं ।
11. आवेदकगण ने परिवाद अंतर्गत खेल सामग्री का खेल सामान अनावेदकगण से दिलाए जाने अथवा 44 के.जी. की कीमत 70,000/-रू. दिलाए जाने का निवेदन किये हैं ।
12. अनावेदकगण की ओर से जवाब में आपत्ति किया गया है कि 44 के.जी. सामान की कीमत का उल्लेख नहीं किया गया है । आवेदकगण ने कोलकाता से खेल का सामान क्रय कर दो बंडल क्रमषः 28 के.जी. 44 के.जी. का तैयार कर हावड़ा स्टेषन से चाॅपा स्टेषन बुक कराया गया दूसरा बंडल 44 के.जी. का में केवल स्पोट्र्स सूजस पैक किए गए थे, परिवाद की कंडिका दो में उल्लेखित है, जिसका हावड़ा स्टेषन कोलकाता का बिल दिनांक 26.10.2013 अनुसार 71,365/-रू. के जूते के खरीदी रसीद बिल होना उल्लेखित है ।
13. आवेदकगण द्वारा प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाण से सामान बंडल बुक कराने के बाद दिनांक 04.11.2013 से ही सामान बंडल 44 के.जी. का दावा किये है । पत्राचार करने का दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत किया है । नोटिस प्राप्त होना, जवाब नहीं देना अनावेदकगण ने जवाब में स्वीकार किये हैं । नोटिस में 70,000/-रू. का सामान बंडल 44 के.जी. प्राप्त नहीं होना उल्लेखित है, फलस्वरूप परिवाद करने के पूर्व नोटिस द्वारा आवेदकगण ने अनावेदकगण को सभी जानकारी दे दी थी, स्थापित प्रमाणित है ।
14. आवेदकगण ने बंडल 44 के.जी. जिसकी कीमत 70,000/-रू. दिलाए जाने का निवेदन किया है । अनावेदकगण ने आवेदकगण को परिवाद प्रस्तुत करने तथा वर्तमान स्थिति तक हावड़ा स्टेषन से रेलवे स्टेषन चाॅपा बुक कराए गए 44 के.जी. का डिलवरी नहीं किए जाने से निष्चित रूप से आवेदकगण के प्रति सेवा में कमी की गई है । अतः 44 के.जी. खेल सामान का बंडल अथवा उसकी कीमत आवेदकगण को अनावेदकगण से दिलाने के लिए दायित्वाधीन होना हम पाते हैं ।
15. परिणामस्वरूप विचारणीय प्रष्न का निष्कर्ष सकारात्मक रूप से ’’हाॅं’’ में दिया जाता है ।
16. दिनांक 27.10.2013 को बुक कराये गए स्पोट्र्स सामान 44 के.जी. वाले बंडल आवेदकगण को आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है । अनावेदकगण ने उन्हें भेजे गए नोटिस का का न तो जवाब दिया है और न ही 44 के.जी. बंडल सामान का डिलीव्हर किया है । आवेदकगण ने उक्त सामान की प्राप्ति के लिए पत्राचार किए जाने का दस्तावेज संलग्न किया है, जिससे मानसिक पीड़ा एवं अन्य खर्च के मद में 20,000/-रू. आवेदकगण को अनावेदकगण से दिलाया जाना हम उचित एवं न्यायसंगत पाते हैं ।
17. अतः हम अनावेदकगण के विरूद्ध आवेदकगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करने योग्य पाते हुए स्वीकार कर निम्नांकित निर्देष का आदेष करते हैं :-
अ. अनावेदकगण बिल्टी क्रमांक 827065 दिनांक 27.10.2013 अनुसार 44 के.जी. वाले बंडल आवेदकगण को 30 दिन के भीतर डिलीव्हरी कराएॅं ।
ब. अनावेदकगण उक्त 44 के.जी. बंडल की डिलीव्हर कराने में असमर्थ होने पर परिवाद में उल्लेखित अनुसार बंडल में रखे गए खेल सामग्री की कीमत 70,000/-रू. (सत्तर हजार रूपये) आवेदकगण को 30 दिन के भीतर उपलब्ध कराएॅं ।
स. अनावेदकगण द्वारा 70,000/-रू. (सत्तर हजार रूपये) अदायगी किए जाने की स्थिति में आवेदकगण उक्त 70,000/-रू. पर परिवाद प्रस्तुति दिनांक से अदायगी दिनांक तक 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज प्राप्त करने के अधिकारी होंगे ।
द. अनावेदकगण पत्राचार एवं मानसिक क्षति का 20,000/-रू. (बीस हजार रूपये) आवेदकगण को प्रदान करेंगे ।
इ. अनावेदकगण 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) वादव्यय का आवेदकगण को प्रदान करेंगे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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