Chhattisgarh

Bilaspur

CC/14/209

SHRI HARINDAR SINGH - Complainant(s)

Versus

GAURAV TRANSPORT AND OTHERS - Opp.Party(s)

SHRI B.K. PANDEY

01 Jul 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/209
 
1. SHRI HARINDAR SINGH
SHANKAR NAGAR RAIPUR
RAIPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. GAURAV TRANSPORT AND OTHERS
VYAPAR VIHAR ROAD BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
2. BIHARI LAL GUPTA
DEVARIKHURD MOD THANA TORWA
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:SHRI B.K. PANDEY, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

// जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग.//

                                                                                    प्रकरण क्रमांक CC/2014/209

                                                                                      प्रस्‍तुति दिनांक 15/10/2014

 

 

हरिन्‍दर सिंह पिता श्री दलजीत सिंह, उम्र 27 वर्ष

निवासी- द्वारा -अमित पेन्‍युली, का नं. 604,

ब्‍लाक नं.-27, अशोका रतन, शंकर नगर रायपुर,

तहसील  व जिला रायपुर छ0ग0.                       .....आवेदक/परिवादी

 

                    विरूद्ध

1. गौरव ट्रांसपोर्ट, पैकर्स एण्‍ड मूव्‍हर्स

द्वारा-प्रो. मनीष अग्रवाल पिता श्री बी.एल. अग्रवाल

दुकान नं. 18, भगत सिंह काम्‍पलेक्‍स, व्‍यापार विहार रोड

बिलासपुर,तहसील व जिला बिलासपुर छ0ग0  (ट्रांसपोर्टर)            

 

2. बिहारी लाल गुप्‍ता पिता स्‍व. मातादीन गुप्‍ता

निवासी-देवरीखुर्द मोड पर, थाना-तोरवा

तहसील व जिला बिलासपुर छ0ग0  (वाहन स्‍वामी)     .........अनावेदकगण/विरोधीपक्षकार

 

                                     आदेश

              (आज दिनांक 01/07/2015 को पारित)

 

         1. आवेदक  हरिन्‍दर सिंह ने  उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध कदाचरण का व्‍यवसाय कर सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदकगण से क्षतिपूर्ति के रूप में 5,38,236/-रू. की राशि ब्‍याज के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक क्रेडा एच.पी.सी.एल. बायो फ्यूल्‍स लिमिटेड में कार्य मैनेजमेंट के पद पर पेण्‍ड्रा रोड में पदस्‍थ था, जहॉं से रायपुर स्‍थानांतरण होने पर वह अपने घरेलू एवं ऑफिस के सामानों को रायपुर पहुँचाने के लिए अनावेदक क्रमांक 1 से संपर्क किया, जो गौरव ट्रांसपोर्ट, पैकर्स एण्‍ड मूव्‍हर्स के नाम से ट्रासपोर्ट का व्‍यवसाय करता है, उसने आवेदक के सामानों को रायपुर सुरक्षित पहुंचाने का आश्‍वासन  दिया और इस संबंध में पैकिंग एवं लोडिंग करने के लिए 12,000/-रू. तथा अन्‍य मद में 7,500/-रू. की राशि तय कर  12,000/-रू. प्राप्‍त कर  सामानों को रायपुर पहुंचाने के लिए अनावेदक क्रमांक 2 के स्‍वामित्‍व की वाहन स्‍वराज माजदा क्रमांक सी.जी. 10-सी.-5486 को ड्रायवर एवं पैकिंग करने वालों के साथ आवेदक के पास भेजा, जिन्‍होंने आवेदक के सामानों को पैकिंग कर वाहन में लोड  कर दिनांक 26.07.2014 की शाम चार बजे पेण्‍ड्रा से रवाना हुये ।  दूसरे दिन सुबह अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा उसे मोबाईल से सूचित किया गया कि आग लगने से वाहन में भरा सामान नष्‍ट हो गया है,  तब आवेदक तुरंत बिलासपुर आकर अनावेदक क्रमांक 1 से संपर्क किया और घटना स्‍थल पर जाकर देखा, जहॉं उसका सामान पूरी तरह से जल गया था, आगे कथन है कि उक्‍त घटना  अनावेदकगण के लापवाहीपूर्ण कृत्‍य के कारण हुआ, जिन्‍होंने रास्‍ते में बिलासपुर के पास वाहन को असुरक्षित स्‍थान पर खडा कर दिया था, फलस्‍वरूप  उसने अनावेदक क्रमांक 1 से उक्‍त वाहन में लोड सामानों की लिस्‍ट के आधार पर मात्र 5,38,236/-रू. की क्षतिपूर्ति की मांग किया, जिसे पहले अनावेदक क्रमांक 1 अनावेदक क्रमांक 2 से चर्चा कर देने का आश्‍वासन दिया, किंतु बाद में हीलाहवाला करने लगा, तब उसने दिनांक 11.09.2014 को अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से नोटिस भेजा, जिसके जवाब में अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा कहा गया कि वह केवल कमीशन एजेंट के रूप में कार्य किया था, अत: उसने अनावेदक क्रमांक 1 के इस कदाचरणयुक्‍त व्‍यवसाय के लिए सेवा में कमी के आधार पर यह परिवाद पेश करना बताया है और अनावेदकगण से वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया है।

3. अनावेदक क्रमांक 1  जवाब पेश कर यह तो स्‍वीकार किया कि वह गौरव ट्रांसपोर्ट, पैकर्स एण्‍ड मूव्‍हर्स के नाम से ट्रासपोर्ट का व्‍यवसाय करता है, किंतु इस बात से इंकार किया कि उसने आवेदक के घरेलू सामानों को पेण्‍ड्रा रोड से रायपुर परिवहन कराया था । इस संबंध में उसका कथन है कि उसने कमीशन एजेंट के रूप में कार्य किया था और वाहन मालिक से चर्चा कर उसके ड्रायवर से आवेदक को मिलवाया था । आगे उसने आवेदक से  पैकिंग व लोडिंग चार्ज प्राप्‍त करना भी अस्‍वीकार किया है, साथ ही इस बात से इंकार किया है कि उसने आवेदक को कोई रसीद प्रदान किया था, उसके मुताबिक आवेदक को पहुंची क्षति के लिए वाहन स्‍वामी तथा चालक जिम्‍मेदार है। साथ ही कहा है कि आवेदक स्‍वयं भी जिम्‍मेदार है, जो मना करने के बाद भी गैस सिलेण्‍डर वाहन में लोड करवाया था । उक्‍त आधार पर उसने अपने जिम्‍मेदारी से इंकार करते हुए परिवाद निरस्‍त किये जाने का निवेदन किया है ।

4. अनावेदक क्रमांक 2 मामले में एकपक्षीय रहा । उसके लिए कोई जवाबदावा दाखिल नहीं किया गया है ।

       5. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

 6 देखना यह है कि क्‍या आवेदक, अनावेदकगण  से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी है  \

 

                      सकारण निष्‍कर्ष

     7. इस संबंध में कोई विवाद नहीं कि आवेदक पेण्‍ड्रा रोड से रायपुर स्‍थानांतरण होने पर अपना सामान रायपुर परिवहन के लिए अनावेदक क्रमांक 1 से संपर्क किया था, जो गौरव ट्रांसपोर्ट, पैकर्स एण्‍ड मूव्‍हर्स के नाम से ट्रासपोर्ट का व्‍यवसाय करता है ।   यह भी विवादित नहीं कि आवेदक का सामान दिनांक 26.07.2014 को अनावेदक क्रमांक 2 के स्‍वामित्‍व का वाहन स्‍वराज माजदा क्रमांक सी.जी. 10-सी.-5486 में लोड कर रायपुर के लिए रवाना किया गया था । यह भी विवादित नहीं कि रास्‍ते में बिलासपुर के पास उक्‍त वाहन में आग लगने से उसमें लदा आवेदक का समान पूरी तरह जल गया । यह भी विवादित नहीं कि आवेदक अपने जले सामानों के संबंध में अनावेदक क्रमांक 1 से क्षतिपूर्ति की मांग किया, जिसने अपनी जिम्‍मेदारी से इंकार करते हुए आवेदक को क्षतिपूर्ति देने से इंकार कर दिया ।  

      8. आवेदक का कथन है कि उसने पेण्‍ड्रा रोड से रायपुर स्‍थानांतरण होने पर अपना सामान रायपुर परिवहन के लिए अनावेदक क्रमांक 1 से संपर्क किया जो उसके सामान को रायपुर पहुंचाने के लिए पैकिंग एवं लोडिंग कार्य के लिए 12,000/-रू. एवं अन्‍य मद में 7,500/-रू. की राशि तय किया, जिसमें से उसने पैकिंग एवं लोडिंग का चार्ज 12,000/-रू. अनावेदक क्रमांक 1 को नगद भुगतान किया गया, जिसकी रसीद अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा जारी की गई । आगे कथन है कि अनावेदक क्रमांक 1  ने ही उसके पास अनावेदक क्रमांक 2 के स्‍वामित्‍व की वाहन स्‍वराज माजदा क्रमांक सी.जी. 10-सी.-5486 को उसके ड्रायवर एवं पैकिंग कार्य करने वालों के साथ भेजा था, जिन्‍होंने उसका सामान पैक कर वाहन में लोड किए, जिसकी भी रसीद उसे अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा प्रदान की गई । यह भी कथन है कि दूसरे दिन सुबह अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा आवेदक को मोबाईल से सूचित किया गया कि आग लगने से वाहन में लोड उसका सामान जलकर नष्‍ट हो गया है, तब वह तुरंत बिलासपुर आकर अनावेदक से संपर्क किया और घटना स्‍थल पर जाकर देखा, जहॉं उसका सामान पूरी तरह से जल गया था, तब उसने इस घटना की सूचना उसी दिन थाना सिविल लाईन में दर्ज कराया और अनावेदक क्रमांक 1 से उसके लापरवाही पूर्वक कृत्‍य के लिए सामानों की लिस्‍ट के आधार पर 5,38,236/-रू. की मांग किया, जिसके संबंध में अनावेदक क्रमांक 1 पहले तो आश्‍वासन दिया, किंतु बाद में अपनी जिम्‍मेदारी से मुकर गया, फलस्‍वरूप उसने यह परिवाद पेश करना बताया है ।

      9. अनावेदक क्रमांक 1 अपने जवाब में यह तो स्‍वीकार किया है कि वह गौरव ट्रांसपोर्ट, पैकर्स एण्‍ड मूव्‍हर्स के नाम से ट्रासपोर्ट का व्‍यवसाय करता है । साथ ही यह भी स्‍वीकार किया है कि आवेदक उसके पास अपने सामान को पेण्‍ड्रा रोड से रायपुर पहुंचाने के लिए संपर्क किया था, किंतु उसने विरोध इस आधार पर किया कि उसने आवेदक के ट्रांसफर सामानों को पेण्‍ड्रारोड से रायपुर परिवहन कराने के लिए केवल कमीशन एजेंट के रूप में कार्य किया था और इस संबंध में वाहन मालिक से चर्चा कर वाहन के ड्रायवर से आवेदक को मिलवा दिया था, इसके अलावा उसने अपनी अन्‍य जिम्‍मेदारियों से इंकार किया है तथा कहा है कि वाहन में आग लगने की अप्रिय घटना स्‍वयं आवेदक की लापरवाही से घटित हुई थी, जिसने उसके मना करने के बावजूद भी गैस सिलेण्‍डर वाहन में लोड करवाया था, किंतु अपने इस कथन के समर्थन में अनावेदक क्रमांक 1 ने कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया है, जिससे दर्शित होता हो कि आवेदक द्वारा प्रश्‍नाधीन वाहन में कोई गैस सिलेण्‍डर लोड करवाया गया था और उक्‍त गैस सिलेण्‍डर के कारण ही वाहन में आग लग गई थी, फलस्‍वरूप अनावेदक क्रमांक 1 का इस संबंध में कथन सही प्रतीत नहीं होता ।

      10. इसके अलावा अनावेदक क्रमांक 1 यद्यपि इस बात से इंकार किया है कि वह आवेदक के सामानों का परिवहन पेण्‍ड्रा रोड से रायपुर कराया था, और कहा है कि वह  इस संबंध में केवल कमीशन एजेंट के रूप में कार्य किया था तथा वाहन मालिक से चर्चा कर वाहन के ड्रायवर से आवेदक को मिलवा दिया था, किंतु इस  संबंध में भी अनावेदक क्रमांक 1 ऐसा कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया है, जिससे दर्शित होता हो कि वह मामले में कमीशन एजेंट के रूप में कार्य किया था, बल्कि आवेदक के सामान के परिवहन के संबंध में अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा दिए गए रसीद से यह स्‍पष्‍ट होता है कि अनावेदक क्रमांक 1 आवेदक के सामान के परिवहन के संबंध में कमीशन एजेंट के रूप में कार्य नहीं किया था, बल्कि वह अपने ट्रांसपोर्ट के जरिए अनावेदक क्रमांक 2 के वाहन से परिवहन कार्य कराया था, अत: इस संबंध में भी अनावेदक क्रमांक 1 का कथन सही प्रतीत नहीं होता ।

      11. अनावेदक क्रमांक 1 अपने पक्ष कथन के समर्थन में संबंधित वाहन मालिक अथवा वाहन चालक का शपथ पत्र भी दाखिल नहीं किया है, जिससे भी यह स्‍पष्‍ट प्रकट होता है कि अनावेदक क्रमांक 1 ही ट्रांसपोर्टर के नाते आवेदक  के सामान का परिवहन अनावेदक क्रमांक 2 के वाहन में करवाया था,  जो वाहन रास्‍ते में बिलासपुर के पास आग लग जाने से उसमें लदा आवेदक का सामान जलकर नष्‍ट हो गया । उक्‍त आग के लगने के संबंध में अनावेदक क्रमांक 1 का मामले में ऐसा भी कथन नहीं है कि उक्‍त आग किसी दैविक कृत्‍य के कारण लगा था,  बल्कि वह स्‍वयं अपने जवाबदावा में आग लगने के संबंध में ड्रायवर की लापरवाही के तथ्‍य को स्‍वीकार किया है, फलस्‍वरूप वह संबंधित वाहन में ड्रायवर की लापरवाही के कारण लगी आग के संबंध में अपनी जिम्‍मेदारी से मुकरने को स्‍वतंत्र नहीं।

      12. उपरोक्‍त कारण से हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते हैं कि अनावेदक क्रमांक 1 आवेदक के सामानों को पेण्‍ड्रा रोड से रायपुर पहुंचाने की जिम्‍मेदारी लिया था, जिसके रास्‍ते में आग लग जाने से सामानों के नष्‍ट होने पर अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा अपनी जिम्‍मेदारी से इंकार करना  स्‍पष्‍ट रूप से मामले में उसके घोर कदाचरणयुक्‍त व्‍यवसायिक व्‍यवसाय को प्रकट करता है ।

      13. जहॉं तक क्षतिपूर्ति की मात्रा का संबंध है आवेदक का कथन है कि वाहन में लोड किए गए सामानों के जलने से उसे 5,38,326/-रू. का नुकसान हुआ । अपने इस कथन के समर्थन में आवेदक सामानों की सूची सहित रसीद भी पेश किया है, जिससे उसके कथनों को समर्थन मिलता है, जिसका कोई विरोध अनावेदकगण की ओर से नहीं किया गया है, फलस्‍वरूप हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते हैं कि आवेदक को उसके सामानों के जलने से 5,38,326/-रू. की क्षति हुई है, जिसकी देनदारी की जिम्‍मेदारी अनावेदकगण की है । अत: आवेदक के पक्ष में अनावेदकगण के विरूद्ध निम्‍न आदेश पारित करते  है:-

. अनावेदकगण, आवेदक को संयुक्‍त एवं पृथक-पृथक रूप से आदेश दिनांक से एक माह की अवधि के भीतर क्षतिपूर्ति के रूप में 5,38,236/.रू. (पॉच लाख अडतीस हजार दो सौ छत्‍तीस रू.) की राशि अदा करेंगे तथा उक्‍त रकम पर आवेदन दिनांक 15.10.2014 से ताअदायगी 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी अदा करेंगे । 

. अनावेदकगण, आवेदक को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 50,000/- रू.(पचास हजार रू.) की राशि भी अदा करेंगे। 

. अनावेदकगण, आवेदक को वादव्‍यय के रूप में 3,000/-रू.( तीन हजार रू.) की राशि भी अदा करेंगे । 

 

                               (अशोक कुमार पाठक)                              (प्रमोद वर्मा)

                                               अध्‍यक्ष                                         सदस्‍य

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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