Uttar Pradesh

StateCommission

A/349/2019

Ram Samujh Gas Agency - Complainant(s)

Versus

Ganga Sagar Tripathi - Opp.Party(s)

Rakesh Kumar Pandey

01 Jun 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/349/2019
( Date of Filing : 12 Mar 2019 )
(Arisen out of Order Dated 04/02/2019 in Case No. C/29/2017 of District Azamgarh)
 
1. Ram Samujh Gas Agency
Manager Smt. Pratapi devi Town Area Bilariyaganj P.O. and P.S. Bilariyaganj Distt. Azamgarh Through General Attorny Holder mr. Pramod Kumar Yaadav S/O Raj nath Yadav (Major)
...........Appellant(s)
Versus
1. Ganga Sagar Tripathi
S/O Late Ram nayan Tripathi R/O Vill. Pakhopur Post Raunpar P.S. Raunapar Teh. Saghri Distt. Azamgarh
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Jun 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-349/2019

रामसमुझ गैस एजेन्‍सी

बनाम

गंगासागर त्रिपाठी एवं एक अन्‍य

                       

समक्ष:-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

3. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलाथी की ओर से उपस्थित : श्री राकेश कुमार पाण्‍डेय, अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री राघवेन्‍द्र प्रताप सिंह, अधिवक्‍ता।

दिनांक 01.06.2023

 

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 29/2017 गंगासागर त्रिपाठी बनाम रामसमुझ गैस एजेन्‍सी व एक अन्‍य में पारित निर्णय दि. 04.02.2019 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद का स्‍वीकार करते हुए बीमा कंपनी को निर्देशित किया है कि गैस सिलेन्‍डर में आग लगने के कारण क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादी को अंकन एक लाख रूपये अदा करें। इस राशि पर 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज के लिए भी आदेशित किया गया।

2.   परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार दिनांक 02.04.2014 को परिवादी द्वारा विपक्षी से एक सिलेन्‍डर व गैस पाइप लिया गया, जिसका उपयोग शुरू कर दिया गया। परिवादी दि. 10.01.16 को नया सिलेन्‍डर लेकर गया और 9.30 बजे सिलेन्‍डर लगाया, चूल्‍हा जलाते समय उसमें आग लग गई, जिसके कारण परिवादी का एक लाख रूपये का नुकसान हो गया। आग लगने की सूचना अग्निशमन विभाग

-2-

तथा एस.डी.एम. को दी गई तथा थाने पर भी सूचना दी गई व विपक्षी के कार्यालय में 19.01.2016 को सूचना दी गई। उनके कर्मचारी द्वारा मौके पर मुआयना किया गया तथा क्षतिग्रस्‍त सामानों की सूची तैयार की गई, परन्‍तु क्षतिपूर्ति नहीं दी गई, इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

3.   विपक्षी संख्‍या 1 द्वारा अपना लिखित कथन 45 दिन के अंतर्गत जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं किया गया, इसलिए इस लिखित कथन पर विचार नहीं किया गया। परिवाद के समर्थन में प्रस्‍तुत की गई साक्ष्‍य के आधार पर अंकन एक लाख रूपये की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया गया।

4.   इस निर्णय व आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने साक्ष्‍य विहीन निर्णय पारित किया है, स्‍वयं परिवादी द्वारा रबड़ पाइप के स्‍थान पर प्‍लास्टिक का पाइप लगाया गया तथा एक लाख रूपये की क्षतिपूर्ति का कोई सबूत नहीं दिया गया।

5.   दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

6.   यथार्थ में परिवादी द्वारा जिन तथ्‍यों का उल्‍लेख किया गया वह शपथपत्र से साबित किया गया, उन तथ्‍यों का कोई खंडन अपीलार्थी द्वारा नहीं किया गया है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता, परन्‍तु जिला उपभोक्‍ता मंच ने ब्‍याज अत्‍यधिक ऊंची दर से लगाया है,

 

-3-

जिसे 09 प्रतिशत के स्‍थान पर 07 प्रतिशत का आदेश देना उचित है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

7.   अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि क्षतिपूर्ति के रूप में देय राशि पर ब्‍याज 09 प्रतिशत के स्‍थान पर 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से देय होगा।

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

 

   (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)      (राजेन्‍द्र सिंह)    (सुशील कुमार)                                                                                                                                                    अध्‍यक्ष               सदस्‍य            सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-1

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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