(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-864/2024
वीर सिंह यादव पुत्र राम स्वरूप, निवासी मोहल्ला इन्दिरा नगर काल्पी द्वारा एजेन्ट (अभिकर्ता) सहारा इंडिया काल्पी जिला जालौन
बनाम
गंगा राम पुत्र घसीट, निवासी मिर्जा मण्डी काल्पी परगना काल्पी, जिला जालौन तथा दो अन्य
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री उत्कर्ष श्रीवास्तव।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 25.06.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, इस न्यायालय के सम्मुख विद्वान जिला आयोग, जालौन स्थान उरई द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24.07.2023 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवाद संख्या-100/2019 को स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया गया :-
'' परिवादी का परिवाद विरुद्ध विपक्षीगण एकपक्षीय स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को क्यूशॉप प्लान एच (प्लान एच) के तहत देय धनराशि मु० 2,55,900/- रूपये (दो लाख पच्पन हजार नौ सौ रूपये) व अन्य देय
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लाभ तथा उक्त धनराशि पर दिनांक 31.07.2018 से आयन्दा भुगतान की तिथि सात प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करना सुनिश्चित करें।
विपक्षीगण परिवादी को बाद व्यय मु० 7500/- रुपये (सात हजार पाँच सौ रुपये) एवं शारीरिक व मानसिक कष्ट हेतु मु० 15000/- रूपये (पन्द्रह हजार रूपये) हर्जा भी अदा करना सुनिश्चित करें।
उक्त आदेश का अनुपालन निर्णय की दिनांक से दो माह के अन्दर सुनिश्चित किया जाये। ''
परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 के नियुक्त शाखा कार्यालय यानी विपक्षी संख्या-2 के द्वारा नियुक्त अभिकर्ता विपक्षी संख्या-3 के द्वारा योजना ''प्लान एच'' क्यूशॉप प्लान के तहत विपक्षी संख्या-3 ने परिवादी से मु० 1,08,900/- रुपये नकद प्राप्त कर सर्विस सेंटर, कालपी यानि विपक्षी संख्या-2 के यहाँ दिनांक 31.07.2012 को सटीफिकेट संख्या 562018719172 के द्वारा दिनांक 31.07.2012 को सर्टीफिकेट संख्या 562018719172 कस्टमर आई०डी० 825082001473 जारी किया गया, जिसकी रसीद संख्या 071014583672 है। परिवादी को विपक्षी संख्या-3 ने सर्टीफिकेट के आधार पर अंकित प्लाटो के आवंटन के बारे में तथा यह भी कहा कि दिनांक 31.07.2018 को मु० 2,55,900/- रुपये भी प्राप्त होगा। परिवादी ने उक्त बात व प्लाटो के बाबत विपक्षी संख्या-2 से भी सम्पर्क किया तो विपक्षी
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संख्या-2 ने भी विपक्षी संख्या-3 के कहे शब्दों का समर्थन किया। अतः वह विश्वास में रहा और निश्चिंत हो गया। परिवादी ने दिनांक 31.07.2018 के बाद विपक्षी संख्या-2 व विपक्षी संख्या-3 के पास स्वयं जाकर सम्पर्क किया तो विपक्षी संख्या-2 व 3 बराबर आश्वासन देते रहे और परिवादी बराबर लिखित मौखिक प्लाट व अपनी जमा धनराशि मु० 2,55,900/- रूपये के बावत बात करता रहा, लेकिन विपक्षीगण लगातार टाल-मटोल करते रहे, जिससे क्षुब्ध होकर उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया गया।
विपक्षीगण को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से नोटिस दिनांक 20.04.2019 को भेजा गया, लेकिन पर्याप्त तामीली के बावजूद विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: जिला आयोग ने परिवादी की साक्ष्य पर विचार करने के उपरांत उपरोक्त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री उत्कर्ष श्रीवास्तव को अंगीकरण के बिन्दु पर ही विस्तार से सुना गया तथा प्रत्यर्थीगण को पंजीकृत नोटिस निर्गत किए बिना अंगीकरण के स्तर पर ही प्रस्तुत अपील का निस्तारण किया जा रहा है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने अपील के ज्ञापन में उल्लेख किया है कि उसे प्रश्नगत निर्णय और आदेश दिनांक 24.07.2023 की जानकारी निष्पादन कार्यवाही की नोटिस मिलने के बाद हुई। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा निर्णय और आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है, उसे
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सुनवाई का अवसर प्राप्त नहीं हुआ है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि अपीलार्थी विपक्षी कंपनी का एक एजेंट है और परिवादी ने अंकन 1,08,900/-रू0 की धनराशि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-3 को कंपनी में जमा करने हेतु दी थी, जिसे अपीलार्थी द्वारा विपक्षी कंपनी में जमा कर दिया गया था। उपरोक्त स्कीम से अपीलार्थी का कोई वास्ता नहीं है।
अत: समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए यह स्पष्ट पाया जाता है कि विपक्षी संख्या-3 द्वारा परिवादी से अंकन 1,08,900/-रू0 नकद प्राप्त कर सर्विस सेन्टर कालपी यानि विपक्षी संख्या-2 के यहाँ जमा किए और सटीफिकेट जारी किए गए। पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि क्यू शॉप प्लान एच के तहत विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादी, गंगाराम के नाम जारी किए गए प्रमाण पत्र से इस बात की पुष्टि होती है कि विपक्षी संख्या-1 एवं 2 के एजेंट विपक्षी संख्या-3 के माध्यम से परिवादी ने विपक्षीगण द्वारा संचालित योजना में अंकन 1,08,900/-रू0 नकद जमा किए, जिस पर प्रमाण पत्र जारी हुए और योजना के तहत दिनांक 31.07.2018 को अंकन 2,55,900/-रू0 व स्कीम के तहत देय अन्य लाभ परिवादी को प्राप्त होने थे, लेकिन परिवादी के अनुरोध के बावजूद उपरोक्त धनराशि नहीं दी गई, जिससे क्षुब्ध होकर परिवाद प्रस्तुत किया गया और परिवादी की साक्ष्य पर विचार करने के उपरांत विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 2,55,900/-रू0 की राशि अदा करने का आदेश पारित किया गया। विद्वान जिला आयोग
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द्वारा पारित निर्णय और आदेश में किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है न ही किसी प्रकार की कमी पायी जाती है। प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1