(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2030/2012
इण्डियन ऑयल कारपोरेशन लि0 तथा दो अन्य
बनाम
श्रीमती गंगा देवी पत्नी स्व0 पुद्दन तथा दो अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री कुमार संभव।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 08.04.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-571/1996, पुद्दन (मृतक) द्वारा उत्तराधिकारीगण श्रीमती गंगा देवी तथा एक अन्य बनाम इण्डियन ऑयल कार्पोरेशन लि0 तथा तीन अन्य में विद्वान जिला आयोग, संतकबीरनगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 6.8.2012 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री कुमार संभव को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/ओदश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा गैस सिलेण्डर संख्या-1502 लिया गया था, जिसको दिनांक 7.7.1995 को रिफिल कराया गया था। गैस सिलेण्डर लगाने के पश्चात चाय बनाते
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समय सिलेण्डर में आग लग गयी और विस्फोट हो गया। परिवादी गंभीर रूप से घायल हो गया और घर का हिस्सा भी गिर गया तथा एक रिश्तेदार भी जल गये और बाहर खेल रहे बच्चे की मृत्यु रेलिंग गिर जाने के कारण हो गयी, जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। गैस सिलेण्डर में त्रुटि के कारण यह घटना घटित हुई है, जिसको साबित मानते हुए विद्वान जिला आयोग ने अंकन 3,65,200/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि गैस सिलेण्डर में किसी प्रकार की त्रुटि का तथ्य स्थापित नहीं है। गैस पाईप में कमी के कारण सिलेण्डर में विस्फोट हो सकता था। गैस पाईप को दुरूस्त कराने का दायित्व उपभोक्ता का है, इसलिए क्षतिपूर्ति का आदेश विधिसम्मत नहीं है।
4. प्रस्तुत अपील के विनिश्चय के लिए एक मात्र विनिश्चायक बिन्दु यह उत्पन्न होता है कि क्या यह तथ्य स्थापित है कि गैस सिलेण्डर में किसी प्रकार की त्रुटि थी, जिसके कारण विस्फोट हुआ ? शिकायत मिलने पर फील्ड असफर द्वारा मौके पर जाकर जांच की गयी तब यह पाया गया कि परिवादी की लापरवाही से घटना घटित हुई है, परन्तु परिवादी की लापरवाही का कोई व्यक्तिगत ज्ञान फील्ड अफसर को नहीं है। फिर यह भी कि फील्ड अफसर द्वारा किसी व्यक्ति के बयान भी दर्ज नहीं किये गये, इसलिए फील्ड अफसर की रिपोर्ट के आधार पर यह नहीं माना जा सकता कि परिवादी की लापरवाही के कारण घटना घटित हुई है। सिलेण्डर में विस्फोट स्वंय विपक्षी की लापरवाही का द्योतक है, इसलिए विद्वान
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जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2