न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 54 सन् 2014ई0
1-अरविन्द कुमार श्रीवास्तव
2-अखिलेश श्रीवास्तव पुत्रगण-स्व0 रामअनन्त लाल श्रीवास्तव
3-नीतू श्रीवास्तव निवासीगण-सालेपुर पो0 बल्लीपुर जिला चन्दौली।
4-रीतू श्रीवास्तव
...........परिवादीगण बनाम
1-महामंत्री श्री गाॅधी आश्रम प्रधान कार्यालय लखनऊ।
2-विश्वनाथ सिंह(प्रशासक)गांधी आश्रम उत्पत्ति केन्द्र जैतपुर महोबा उ0प्र0।
3-रमेश चन्द्र मिश्र मंत्री क्षेत्रीय गांधी आश्रम जैतपुर, जिला महोबा उ0प्र0।
4-क्षेत्रीय गांधी आश्रम चन्दौली।
.............................विपक्षीगण
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1- परिवादीगण ने यह परिवाद विपक्षीगण से परिवादीगण के पिता के मृत्यु के उपरान्त उनके प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी आदि की धनराशि मु0 400000/- दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2- परिवादीगण की ओर से परिवाद प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादीगण के दिवंगत पिता स्व0 रामअनन्त लाल दिनांक 6-11-2007 तक विपक्षीगण के कार्यालय जिला महोबा में कार्यरत रहते हुए सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद परिवादी के पिता अपने फण्ड व बकाया राशि की मांग विपक्षीगण से करते रहे लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई माकूल कार्यवाही न करते हुए परिवादीगण के पिता को दौड़ाते रहे जिससे वह बीमार हो गये और पैसे के अभाव में दवा इलाज न हो पाने से दिनांक 23-7-2012 को उनकी मृत्यु हो गयी। परिवादीगण ने अपने पिता के मृत्यु के उपरान्त विपक्षीगण से उनके फण्ड एवं शेष बकाया धनराशि हेतु बराबर मांग करते रहे लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया, जिससे परिवादीगण को आर्थिक,मानसिक, सामाजिक क्षति हुई है। इस प्रार्थना के साथ विपक्षीगण से प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी आदि की धनराशि दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
3- विपक्षी संख्या 3 की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र बिना क्षेत्राधिकार के दाखिल किया गया है। परिवादीगण के पिता स्व0 रामअनन्त लाल का सेवाकाल, स्थान व आपसी समव्यवहार विपक्षीगण के जैतपुर गांधी आश्रम जिला महोबा उ0प्र0 के अन्र्तगत हुआ है इसलिए परिवादीगण को विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद दाखिल करने का स्थान जिला महोबा में है। परिवादीगण द्वारा जिला महोबा उ0प्र0 के जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद संस्थित न करके क्षेत्राधिकार से परे जनपद चन्दौली में संस्थित
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किया गया है इसलिए माननीय जिला फोरम चन्दौली को इस परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादीगण ने सूचना अधिकार के अन्र्तगत मांगी गयी सूचना के आधार पर विपक्षी संख्या 3 द्वारा परिवादी के अधिवक्ता को दिनांक 29-3-2014 को मय ब्याज सहित कुल धनराशि की सूचना दी गयी है। इस आधार पर परिवादीगण के परिवाद को खारिज किये जाने की प्रार्थना विपक्षी संख्या 3 द्वारा किया गया है।
4- इस फोरम द्वारा विपक्षी संख्या 1,2,4 को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी, किन्तु न तो हाजिर आये एवं न ही अपना जबाबदावा प्रस्तुत किये। अतः विपक्षी संख्या 1,2,4 के विरूद्ध परिवाद एक पक्षीय चलाया गया।
5- परिवादीगण की ओर से शपथ पत्र के साथ साक्ष्य के रूप में क्षेत्रीय गांधी आश्रम जैतपुर जिला महोबा का पत्र कागज संख्या 7/1ता 7/2,प्रार्थना पत्र 7/3,विधिक नोटिस 7/4,चेक की छायाप्रति 7/7,गांधी आश्रम जैतपुर जिला महोबा का पत्र 7/8,चेक की छायाप्रति 7/9,मृत्यु प्रमाण पत्र 7/10,रजिस्ट्री रसीद की प्रति 7/11,गांधी आश्रम जैतपुर का पत्र 7/12 दाखिल किया गया है।
6- हम लोगों ने परिवादी एवं विपक्षी संख्या 3 के विद्वान अधिवक्ता के बहस को सुना तथा पत्रावली का भलीभांति अवलोकन किया है।
7- उभय पक्षों के कथनों से यह निर्विवादित तथ्य है कि वादीगण के पिता स्व0 रामअनन्त लाल श्री गांधी आश्रम खादी भण्डार बनवाड़ी जिला महोबा उ0प्र0 में कार्यरत रहते हुए दिनांक 6-11-2007 को सेवानिवृत्त हुए। परिवाद में कहा गया है कि सेवानिवृत्त के बाद श्री राम अनन्तलाल अपने फण्ड ग्रेच्यूटी की राशि की मांग बराबर अपने विभाग के विपक्षीगण से करते रहे लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गयी। अन्ततः दिनांक 23-7-2012 को स्व0 श्री राम अनन्तलाल का स्वर्गवास हो गया। वादी संख्या 1 व 2 स्व0 अनन्तलाल के पुत्र है तथा वादी संख्या 3 व 4 उनकी पुत्रियाॅं है। स्व0 राम अनन्तलाल के विधिक उत्तराधिकारी होने के कारण अब सभी वादीगण का बराबर-बराबर हिस्सा स्व0 राम अनन्तलाल के बकाया प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी की धनराशि में है तथा वही से प्राप्त करने के अधिकारी है। परिवादीगण का कथन है कि विपक्षीगण ने उपरोक्त धनराशि का भुगतान न करके सेवा में कमी किया है और इस आधार पर परिवाद दाखिल किया गया है।
8- विपक्षी संख्या 1,2 व 4 की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत नहीं हुआ तथा इनके विरूद्ध मुकदमा एक पक्षीय सुना गया। विपक्षी संख्या 3 की ओर से प्रस्तुत जबाबदावा में परिवाद का मूल रूप से इस आधार पर विरोध किया गया है कि स्व0 राम अन्नतलाल जैतपुर गांधी आश्रम जिला महोबा उत्तर प्रदेश में कार्य करते हुए वहाॅं से सेवानिवृत्त हुए है इसलिए उनके बकाया फण्ड व ग्रेच्यूटी के संदर्भ में परिवादी जिला महोबा के जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दाखिल कर सकता है। जिला उपभोक्ता फोरम चन्दौली को परिवाद के सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है।
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इस बिन्दू पर हम लोगों ने विचार किया।श्री गांधी आश्रम का प्रधान कार्यालय लखनऊ में स्थित है जिसका प्रत्येक जिले में शाखा हैे। जनपद चन्दौली में भी गांधी आश्रम की शाखा है। गांधी आश्रम में कार्य करने वाले कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के उपरान्त उनके प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी का भुगतान प्रधान कार्यालय की अनुमति से क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा किया जाता है।स्व0 राम अनन्तलाल जिला चन्दौली के ग्राम सालेपुर के मूल निवासी थे और उनका निधन उनके पैत्रृक गांव सालेपुर जनपद चन्दौली में हुआ है। स्व0 रामअनन्त लाल के निधन के उपरान्त उनके बकाया प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी का भुगतान प्राप्त करने के अधिकारी उनके विधिक उत्तराधिकारी परिवादीगण को है। उपरोक्त स्थिति में हम लोगों के विचार से प्रस्तुत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस फोरम को प्राप्त है क्योंकि गांधी आश्रम की शाखा चन्दौली में स्थित है।
9- परिवादीगण ने सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्र्तगत आवेदन देकर स्व0 रामअनन्त लाल के प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी के बकाया धनराशि के बारे में दिनांक 29-3-2014 को क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम जैतपुर जिला महोबा से सूचना प्राप्त किया था जिसकी छायाप्रति कागज संख्या 7/12 पत्रावली में दाखिल किया गया है जिसके अनुसार 31 मार्च 2008 में स्व0 रामअनन्त लाल के जी0पी0एफ0 फण्ड तथा ग्रेच्यूटी में कुल जमा धनराशि मु0 2,12667.90 है। स्व0 रामअनन्त लाल ने अपने जी0पी0एफ0 फण्ड से कर्ज लिया था जिसकी कुल धनराशि मु0 52835/-घटाने पर स्व0 रामअनन्त लाल को कुल देय रकम मु0 1,59,832.90 रहा है। वर्ष 2008-09 से दिनांक 31-3-2014 के बीच में जमा रकम पर संस्था द्वारा दिये गये ब्याज और खण्डों में हुए रकम के भुगतान के बाद दिनांक 31-3-2014 को स्व0 राम अनन्तलाल का उपरोक्त मदों में कुल जमा रकम मु0 1,86613/- अवशेष है। प्रस्तुत जबाबदावा में इस अवशेष धनराशि मु0 1,86613/- का होना विपक्षीगण द्वारा स्वीकार किया गया है। अतः यह पाया जाता है कि वादीगण मु0 186613/- की यह अवशेष धनराशि स्व0 रामअनन्त लाल के विधिक उत्तराधिकारी की हैसियत से प्राप्त करने के अधिकारी है। चारो वादीगण इस धनराशि में बराबर-बराबर अंश प्राप्त करने के अधिकारी पाये जाते है।
10- हम लोगों के समक्ष परिवादीगण की ओर से यह तर्क रखा गया कि स्व0 रामअनन्त लाल का निधन दिनांक 23-7-2012 को हो गया है उनके निधन के बाद उनके प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी के भुगतान के संदर्भ में स्व0 राम अनन्तलाल के नाम से दो चेक सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया का चेक संख्या 038320 दिनांक 20-2-2014 मु0 20000/- एवं चेक संख्या 038321 दिनांक 25-2-2014 मु0 20000/- का गांधी आश्रम की ओर से भुगतान के लिए जारी किया गया था किन्तु यह दोनों चेक स्व0 राम अनन्तलाल के मृत्यु के लगभग 2 वर्ष बाद उनके नाम से जारी हुआ है इसलिए इन दोनों चेकों का भुगतान नही हो पाया है। इन दोनों चेकों की कुल धनराशि मु0 40000/-का भुगतान स्व0 रामअनन्त लाल का निधन हो जाने के बाद उनके नाम का चेक होने के कारण नहीं हुआ है। जबकि जो
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दिनांक 31-3-2014 को कुल बकाया धनराशि मु0 186613/- अवशेष होना विपक्षीगण द्वारा दर्शाया गया है वह उपरोक्त मु0 40000/- का अंशों में भुगतान मानते हुए घटाकर प्रदर्शित किया गया है। अतः यह मु0 40000/- की धनराशि भी दिलाये जाने का निवेदन किया गया है। हम लोगों के विचार से यदि उक्त दोनों चेक की धनराशि मु0 40000/- का आहरण गांधी आश्रम के खाते से न हुआ है तो उसे भी वादीगण प्राप्त करने के अधिकारी है। तद्नुसार प्रस्तुत परिवाद अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत परिवाद अंशतः स्वीकार किया जाता है विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह स्व0 रामअनन्त लाल के प्रोविडेन्ट फण्ड व ग्रेच्यूटी की दिनांक 31-3-2014 की तिथि मे प्रदर्शित किया गया बकाया धनराशि मु0 186613/-(एक लाख छियासी हजार छःसौ तेरह)तथा इस पर दिनांक 31-3-2014 के बाद भुगतान की तिथि तक नियमानुसार देय ब्याज का भुगतान इस निर्णय की तिथि से 2 माह के अन्दर परिवादीगण को करें। यह भी आदेश दिया जाता है कि चेक संख्या 038320 दिनांक 20-2-2014 मु0 20000/- एवं चेक संख्या 038321 दिनांक 25-2-2014 मु0 20000/- का आहरण यदि स्व0 रामअनन्त लाल अथवा परिवादीगण द्वारा नहीं किया गया है तो उक्त दोनों चेक की धनराशि मु0 40000/-(चालीस हजार)का भुगतान भी परिवादीगण को करें। यदि उपरोक्त आदेशानुसार निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं किया जाता है तो वादीगण समस्त देय धनराशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज एवं मु0 10000/-(दस हजार) हर्जा तथा मु0 5000/-(पांच हजार) वाद व्यय विपक्षीगण से प्राप्त करने के अधिकारी होगे।
(मारकण्डेय सिंह) (मुन्नी देबी मौर्या) (जगदीश्वर सिंह)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
दिनांक 27-2-2015