(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-1704/2013
(जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय अगरा द्वारा परिवाद संख्या 25/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.02.2013 के विरूद्ध)
मेसर्स बांगे बिहारी प्रापर्टी लिंकर्स विशम्भर नाथ आयु 35 वर्ष पुत्र श्री वन्दना, निवासी-ग्राम व थाना मलपुरा, जिला आगरा
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
गजेन्द्र सिंह सिकरवार पुत्र श्री डांगर सहाय, निवासी-51, राजीव नगर, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान रोड, बम्बई वाली बगीचा के सामने, जिला आगरा
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री आर0के0 मिश्रा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री टी0एच0 नकवी, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : 11.08.2023
मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा यह अपील, अन्तर्गत धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 विद्वान जिला आयोग द्वितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्या 25/2012 गजेन्द्र सिंह सिकरवार बनाम मेसर्स बांके बिहारी में उदघोषित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.02.2013 के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया है।
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संक्षेप में अपीलार्थी/विपक्षी का कथन है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने मौखिक रूप से तय किया था कि सम्पूर्ण पैसा देकर कुछ भूमि का बैनामा कर दिया जायेगा, किन्तु प्रत्यर्थी/परिवादी ने पैसा नहीं दिया और फोरम में वाद दायर कर दिया। विद्वान जिला फोरम का निर्णय विधि विरूद्ध और तथ्यों से परे है। अत: माननीय आयोग से अनुरोध है कि प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपास्त किया जाये।
हमने अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 मिश्रा, एवं प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0एच0 नकवी को सुना एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों का परिशीलन किया।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/ परिवादी गजेन्द्र सिंह सिकरवार की ओर से विपक्षी/अपीलार्थी मेसर्स बॉके बिहारी प्रापर्टी लिंकर्स विशम्भरनाथ के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर रू0-1,00,000/- मय ब्याज प्राप्त करने के लिये इस आशय का प्रस्तुत किया है कि प्रत्यर्थी/ परिवादी ने एक किता आवासीय प्लाट क्षेत्रफल 295.95 आवासीय प्लाट बांके बिहारी कालोनी टपरा बरौली अहीर रोड आगरा पर क्रय करने हेतु अग्रिम धनराशि चेक सं0-124614 दिनांकित 07.04.2011 मु0-1,00,000/- केनरा बैंक का प्रदत्त किया था। शेष धनराशि विलेख निष्पादित किये जाते समय संदाय किया था। अपीलार्थी/विपक्षी को प्रत्यर्थी/परिवादी ने बैनामा निष्पादन करने के लिये कहा लेकिन बैनामा निष्पादित नहीं किया।
पक्षकारों को स्वीकार है कि मात्र रू0-1,00,000/- का भुगतान हुआ है और विद्वान जिला फोरम ने इसी रू0-1,00,000/- को वापस मात्र 6-प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश किया है। मानसिक उत्पीड़न के मद में रू0-2,000/- और वाद व्यय के मद में रू0-2,000/- दिया गया है। इन दोनों
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धनराशियों को क्रमश: रू0-1,000/- व रू0-1,000/- किया जाता है और शेष निर्णय की पुष्टि होने योग्य है। अपील तद्नुसार निस्तारित की जाती है।
आदेश
अपील आंशिक स्वीकार की जाती है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांकित 27.02.2013 में मानसिक उत्पीड़न के मद में रू0-2,000/- के स्थान पर रू0-1,000/- और वाद व्यय के मद में रू0-2,000/- के स्थान पर रू0-1,000/- किया जाता है। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि अपीलार्थी द्वारा कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उदघोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
नवी हुसैन आशु0 कोट नं0-2