Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/511/2014

Rajesh Kumar - Complainant(s)

Versus

Gaimini Ltd. - Opp.Party(s)

31 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/511/2014
 
1. Rajesh Kumar
Indranagar
Lucknow
up
...........Complainant(s)
Versus
1. Gaimini Ltd.
Hazratganj
Lucknow
up
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vijai Varma PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajarshi Shukla MEMBER
 HON'BLE MRS. Anju Awasthy MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, लखनऊ।
वाद संख्या 511/2014

श्री राजेश कुमार, आयु लगभग 44 वर्ष,
पुत्र श्री राम प्रसाद,
निवासी-मकान सं.16/275, इंदिरा नगर,
लखनऊ।        
                                         ......... परिवादी
बनाम

जैमिनी कैन्टीनेन्टल प्रा0 लि0,
द्वारा प्रबंधक, 10 रानी लक्ष्मीबाई मार्ग,
हजरतगंज, लखनऊ।
                                             ..........विपक्षी
उपस्थितिः-
श्री विजय वर्मा, अध्यक्ष।
श्रीमती अंजु अवस्थी, सदस्या।
श्री राजर्षि शुक्ला, सदस्य।
निर्णय
    परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी से मानसिक क्लेश, अपमान व शिक्षण कार्य में बाधा, हेतु रू.10,000.00 व केच पर रू.25.00 व वाद का हर्जाना रू.5,000.00 कुल रू.20,025.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया गया है।
    संक्षेप में परिवादी का कथन है कि वह अपने मित्रों के साथ दिनांक 25.04.2014 को रात्रि भोज के लिए विपक्षी के यहां गया व खाना खाकर विपक्षी से बिल लाने के लिए आग्रह किया जिस पर विपक्षी द्वारा रू.1,670.00 का बिल परिवादी को दिया गया। परिवादी ने जब बिल का अवलोकन किया तो पाया कि क्रम सं.6 पर मिनरल वाटर (केच) 1 बोतल 1 लीटर का दाम रू.60.00 अंकित करके जोड़ा गया है, जबकि केच 1 लीटर मिनरल वाटर का दाम रू.35.00 बोतल पर अंकित था। जब परिवादी ने केच मिनरल वाटर 1 लीटर के दाम रू.35.00 के स्थान पर रू.60.00 देने से मना किया तो विपक्षी के मैनेजर ने परिवादी 


-2-
से दुव्र्यवहार किया व अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए परिवादी से कहा कि वे प्रत्येक व्यक्ति से केच 1 लीटर बोतल मिनरल वाटर का दाम उसकी एम0आर0पी0 रू.35.00 से ज्यादा रू.60.00 ही लेते हैं व अन्य ग्राहकों के बिल दिखाते हुए बिल के अनुसार पैसे की मांग की। परिवादी ने उक्त बिल रू.1,670.00 का भुगतान कर दिया। परिवादी ने एक नोटिस अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 15.05.2014 को विपक्षी होटल के मैनेजर को रजिस्ट्री डाक से भेजा जिसमें रू.15,025.00 प्रतिकर की मांग की गयी जिसका उत्तर विपक्षी द्वारा नहीं दिया गया। विपक्षी का उपरोक्त कृत्य सेवा में कमी का प्रतीक है। अतः परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी से मानसिक क्लेश हेतु रू.5,000.00, अपमान व शिक्षण कार्य में बाधा हेतु रू.10,000.00 व केच पर रू.25.00 व वाद का हर्जाना रू.5,000.00 कुल रू.20,025.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया गया है।
    विपक्षी को नोटिस भेजा गया, परंतु उनके द्वारा नोटिस लेने से इंकार किया गया जिसके कारण नोटिस की तामिली को पर्याप्त माना गया, अतः उनके विरूद्ध आदेश दिनांक 25.11.2014 के अनुसार एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।
    परिवादी द्वारा अपने शपथ पत्र के साथ रजिस्टर्ड नोटिस तथा बिल की प्रति दाखिल की गयी।
    परिवादी की बहस सुनी गयी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
    इस प्रकरण में परिवादी दिनांक 25.04.2014 को अपने मित्रों के साथ विपक्षी के यहां रात्रि भोज के लिए गया और खाना खाकर उसने बिल की मांग की जिस पर रू.1,670.00 का बिल उसे दिया गया। बिल का अवलोकन करने पर परिवादी ने पाया कि क्रम सं.6 पर मिनरल वाटर (केच) 1 बोतल 1 लीटर का दाम रू.60.00 अंकित करके जोड़ा गया है, जबकि केच 1 लीटर मिनरल वाटर का दाम रू.35.00 बोतल की गर्दन पर अंकित था। जब परिवादी ने केच मिनरल वाटर 1 लीटर के दाम रू.35.00 के स्थान पर रू.60.00 देने से मना किया तो विपक्षी के मैनेजर ने परिवादी से दुव्र्यवहार किया व अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए परिवादी से कहा कि वे प्रत्येक व्यक्ति से केच 1 

-3-
लीटर बोतल मिनरल वाटर का दाम उसकी एम0आर0पी0 रू.35.00 से ज्यादा रू.60.00 ही लेते हैं व अन्य ग्राहकों के बिल दिखाते हुए बिल के अनुसार पैसे की मांग की। परिवादी ने उक्त बिल रू.1,670.00 का भुगतान कर दिया। परिवादी ने विपक्षी को भेजे हुए रजिस्टर्ड नोटिस की प्रति दाखिल की है जिससे स्पष्ट होता है कि उसने विपक्षी को दिनांक 15.05.2014 को रजिस्टर्ड नोटिस भेजा था। परिवादी ने विपक्षी के बिल की प्रति भी दाखिल की है जिससे स्पष्ट होता है कि मिनरल वाटर के मूल्य के रूप में रू.60.00 परिवादी से वसूल किये गये हैं। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है जिसमें उसने परिवाद के सभी तथ्यों का समर्थन किया है। विपक्षी को नोटिस भेजा गया था, किंतु उन्होंने नोटिस को लेने से मना कर दिया जिसके कारण उन पर तामीली पर्याप्त मानी गयी, अतः दिनांक 25.11.2014 के आदेश द्वारा उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी। विपक्षी की तरफ से न तो कोई उत्तर दाखिल किया गया और न ही कोई शपथ पत्र दाखिल किया गया। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा शपथ पत्र पर किये गये कथनों और उसके द्वारा दाखिल किये गये अभिलेखों पर विश्वास न करने का कोई कारण दृृष्टिगत नहीं होता है। परिवादी द्वारा जो साक्ष्य दिये गये हैं उनसे स्पष्ट होता है कि परिवादी से मिनरल वाटर के लिए अधिक धनराशि वसूल की गयी। स्पष्टतः निर्धारित मूल्य से अधिक धनराशि वसूल कर विपक्षी द्वारा अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। परिणामस्वरूप परिवादी विपक्षी से भुगतान की गयी अधिक धनराशि वापस प्राप्त करने का अधिकारी है। साथ ही वह मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय प्राप्त करने का भी अधिकारी है।
    विपक्षी द्वारा मिनरल वाटर का दाम एम0आर0पी0 रू.35.00 के स्थान पर रू.60.00 अन्य ग्राहकों से भी वसूल किये जाने का तथ्य दृष्टिगत होता है। चूंकि यह पहले ही निष्कर्ष निकाला जा चुका है कि मिनरल वाटर के संबंध में निर्धारित मूल्य से अधिक धनराशि वसूल किया जाना अनुचित व्यापार प्रक्रिया है, अतः इस अनुचित व्यापार प्रक्रिया को अविलम्ब रोका जाना आवश्यक है, अतः विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाना आवश्यक है कि वे अविलम्ब मिनरल वाटर पर निर्धारित एम0आर0पी0 से अधिक मूल्य लेना बंद करें।
-4-
आदेश
    परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को रू.25.00 (रूपये पच्चीस) का भुगतान 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित परिवाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक परिवादी को अदा करें।  
    साथ ही विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मानसिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) एवं वाद व्यय के रूप में रू.2,000.00 (रूपये दो हजार मात्र) अदा करें। विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वे अविलम्ब मिनरल वाटर पर निर्धारित एम0आर0पी0 से अधिक मूल्य लेना बंद करें तथा इस संबंध में अनुपालन कर सूचना इस फोरम को भेजना सुनिश्चित करें।
    विपक्षी उपरोक्त आदेश का अनुपालन एक माह में करें।
        
(राजर्षि शुक्ला)        (अंजु अवस्थी)             (विजय वर्मा)
  सदस्य                सदस्या                  अध्यक्ष

दिनांकः    31 मार्च, 2015 

 

 
 
[HON'BLE MR. Vijai Varma]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Rajarshi Shukla]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Anju Awasthy]
MEMBER

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