जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 100/2018 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-14.03.2018
परिवाद के निर्णय की तारीख:-09.02.2023
Sanjay Mishra S/o Late Jagdish Mishra, R/o-B/49/A, Alisha Nagar, Sector-1, Aliganj, Lucknow, Uttar Pradesh-226021.
.............Complainant .
VERSUS
The Proprietor/Manager, Garha Bhandar and Sons, A.B. Tower, B-1/5, Sector-F, Aliganj, Lucknow, Uttar Pradesh-226024.
.............OPPOSITE PARTY.
परिवादीगण के अधिवक्ता का नाम:-श्री विजय कुमार तिवारी ।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षी से कपड़े की कीमत 834.00 रूपये एवं सिलाई 450.00 रूपये कुल 1284.00 रूपये 18 प्रतिशत ब्याज, मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिये 50,000.00 रूपये, तथा वाद व्यय 25,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी से तीन सूट के कपड़े 2,490.00 रूपये डेविट कार्ड के जरिए क्रय किया था, जिसका भुगतान किया गया। उपरोक्त कपड़ो में से एक कपड़े को जब सिलाया गया तो उसमें कुछ डिफेक्ट पाया गया। सिले हुए उस कपड़े को विपक्षी को वापस किया गया। विपक्षी ने यह कहा कि 1,284.00 रूपये वापस कर देगें। उक्त पैसे की वापसी के लिये विपक्षी द्वारा एक माह का समय दिया गया। दिनॉंक 29.11.2016 को परिवादी ने विपक्षी से संपर्क किया, परन्तु विपक्षी द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षी को नोटिस भेजा।
3. परिवाद का नोटिस विपक्षी को भेजा गया, परन्तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई जवाब दिया गया। अत: दिनॉंक 04.10.2018 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
4. परिवादी ने अपने परिवाद के कथन के समर्थन में एकपक्षीय साक्ष्य शपथ पत्र एवं कैश मेमो, रसीद, तथा नोटिस की छायाप्रति दाखिल किया है।
5. मैने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
6. विदित है कि परिवादी के कथानक के अनुसार परिवादी ने विपक्षी गाढ़ा भण्डार से 03 सूट के कपड़े 2,490.00 रूपये में क्रय किया। एक पैन्ट को सिलवाने के बाद उसे लगा कि पैन्ट खराब है और उक्त पैन्ट को परिवादी दुकान पर लेकर गया, तो विपक्षी ने कहा कि मैं इसका पैसा वापस कर दूँगा तथा उन्होंने उसकी प्राप्ति भी दी।
7. विचारणीय बिन्दु यह है कि परिवादी ने तीन सूट का कपड़ा क्रय किया, उसमें से मात्र एक सूट का कपड़ा खराब निकला जिसे परिवादी वापस करने के लिये विपक्षी के यहॉं गया, इससे स्पष्ट है कि विपक्षी ने भी पूर्व में ही स्वीकार करते हुए पैसा वापस करने का आश्वासन दिया। परिवादी जो सूट वापस करने के लिये विपक्षी के यहॉं गया था, वह कपड़ा वास्तव में खराब था। वस्तुत: परिवादी द्वारा यदि तीनों सूट का कपड़ा खराब बताया जाता तो माना जा सकता था कि परिवादी की मंशा अधिकृत लाभ लेने की है। परन्तु परिवादी द्वारा वास्तव में एक ही सूट का कपड़ा खराब होने का परिवाद दाखिल किया है। इससे स्पष्ट है कि परिवादी के कथनों में सत्यता है। विपक्षी ने कपड़ा वापस कर धनराशि का भुगतान करने के लिये कहा, परन्तु विपक्षी द्वारा धनराशि का भुगतान न कर सेवा में कमी व अनुचित व्यापार की प्रक्रिया अपनायी गयी है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को पैंन्ट की कीमत मुबलिग 834.00 एवं सिलाई 450.00 रूपये 834.00+450=1284.00(एक हजार दो सौ चौरासी रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्दर अदा करेंगे। परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं वाद व्यय के लिये सम्मिलित रूप से मुबलिग 5000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज भुगतेय होगा।
निर्णय की प्रति पक्षकारों को नियमानुसार जारी की जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक-09.02.2023