Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/56/2011

VIJAY PRATAP GIRI - Complainant(s)

Versus

G.T.L.INFRASTRUCTURA - Opp.Party(s)

RAM PRATAP SINGH

07 May 2019

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 56 सन् 2011

      प्रस्तुति दिनांक 28.06.2011

                                      निर्णय दिनांक 07-05-2019

  1. विजय प्रताप गिरी..
  2. रामबली गिरी.........   पुत्रगण शिवनाथ गिरी, साकिन मौजा- हसनपुर (कंचनपुर), तप्पा- उतरहा, परगना- बेलहाबास, तहसील- मेंहनगर, जिला- आजमगढ़।..............................................................................परिवादी।

 

बनाम

  1. जीoटीoएलo इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड गिल रजिस्टर्ड ऑफिस ऐट इलेक्ट्रानिक सदन नं. 01 टी.टी.सी. इंडस्ट्रियल एरिया एमoआईoडीoसीo महवे नवी मुम्बई 400710 महाराष्ट्र इण्डिया।
  2. जीoटीoएलo इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड 27/11ए आशा भवन गोखले मार्ग लखनऊ।.............................................................................विपक्षीगण।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने विपक्षी नम्बर 01 से 26.02.2007 को एक अनुबन्ध पत्र अनुबन्ध किया, जिसके अनुसार परिवादी के जमीन में टॉवर लगाने की बात की गयी। जो 10 वर्ष तक वैध था और बाद में बढ़ाया जा सकता था। विपक्षी ने उसके खेत को ऊबड़-खाबड़ कर दिया। जिससे कृषि कार्य बाधित हुआ। शिकायत करने पर विपक्षी ने कहा कि उसे सुधार दिया जाएगा। किराया 2,000/- रुपया प्रतिमाह नियत किया गया था, लेकिन विपक्षी ने अनुबन्ध का उल्लंघन किया और उसके ऊपर 99,500/- रुपया बकाया हो गया। अतः विपक्षी से 99,500/- रुपया दिलवाया जाए और मानसिक व आर्थिक क्षति भी दिलवाया जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कानूनी नोटिस विजय प्रताप को लिखे गए पत्र की नोटिस, लीज डीड की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।

                                                            P.T.O.

2

विपक्षी की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि इस न्यायालय को इस परिवाद के विचारण का क्षेत्राधिकार हासिल नहीं है।

उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। यहां उभय पक्षों के मध्य किए गए एग्रीमेन्ट का उल्लंघन है और परिवादी कन्ज्यूमर की श्रेणी में नहीं आता है। अतः इस मंच को इस परिवाद के विचारण का क्षेत्राधिकार हासिल नहीं है।

आदेश

परिवाद खारिज किया जाता है। परिवादी अन्दर माह उचित न्यायालय में उचित अनुतोष हेतु अपना दावा प्रस्तुत कर सकता है।

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                    (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 07-05-2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 

 

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