MADANLAL JAIN filed a consumer case on 20 Feb 2015 against G.S.S. OFFICE in the Tonk Consumer Court. The case no is CC/199/2014 and the judgment uploaded on 16 Mar 2015.
मदनलाल बनाम राज्य बीमा एवं प्रावधायी विभाग जयपुर/टोंक/भीलवाड़ा
परिवाद संख्या 199/2014
20.02.2015
दोनों पक्षों को सुना जा चुका है। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादी ने विपक्षी विभाग का संक्षेप में यह सेवादोष बताया है कि उसने दिनांक 16.05.1984 को भू प्रबन्ध विभाग में भू-मापक के पद पर राजकीय सेवा प्रारम्भ की तथा विभिन्न स्थानांे पर विभिन्न पदांे पर कार्य करते हुए दिनांक 31.07.2014 को नायब तहसीलदार, तहसील शाहपुरा जिला भीलवाडा के पद से सेवानिवृत हुआ। राजकीय सेवा प्रारम्भ होने से सेवानिवृति तक समय-समय पर उसके वेतन से प्रतिमाह राज्य बीमा की निर्धारित राशि की कटौती हुई। उसकी राज्य बीमा पाॅलिसी का नम्बर 513157 है। उसके वेतन से अन्तिम बीमा किश्त की कटौती दिसम्बर 2013 में हुई थी। उसने बीमा राशि के भुगतान हेतु क्लेम फार्म, मूल पाॅलिसी व पास बुक समय पर प्रस्तुत कर दिये इसके बावजूद उसे राशि का भुगतान नियत तिथि 01.04.2014 को नही हुआ तथा बार-बार यही कारण बताया गया कि मूल बेग उपलब्ध नही हो रहा है। इस प्रकार विपक्षी विभाग ने अपने कर्तव्य में लापरवाही की जिससे उसे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ है।
विपक्षी विभाग ने पर्याप्त अवसर मिलने पर भी जवाब प्रस्तुत नही किया।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी विभाग को प्रेषित नोटिस व शिकायत की प्रतियाॅ प्रस्तुत की है।
हमने विचार किया।
बहस के दौरान परिवादी की ओर से प्रकट किया गया कि उसे देय बीमा राशि का भुगतान विपक्षी विभाग द्वारा नवम्बर 2014 के प्रथम सप्ताह में कर दिया गया है।
अब विवाद केवल देरी से भुगतान करने से सम्बन्धित है।
परिवादी की बीमा कटौती से सम्बन्धित मूलबैग विपक्षी विभाग की अभिरक्षा में ही था यदि वह समय पर नही मिला और इस कारण परिवादी को समय पर भुगतान नही हुआ तब इसके लिए विपक्षी विभाग ही उत्तरदायी है। परिवादी को उसकी बीमा राशि का भुगतान नियमानुसार दिनांक 01.04.2014 को हो जाना चाहिए था जबकि विपक्षी विभाग ने लगभग सात माह की देरी से भुगतान किया है जो कि स्पष्टतः सेवादोष है।
अतः विपक्षी विभाग जरिये उप निदेशक टोंक को निर्देश दिये जाते है कि परिवादी को देय राज्य बीमा राशि पर दिनांक 01.04.2014 से 31.10.2014 तक का ब्याज 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण की दर से एक माह में अदा किया जावे इसके अलावा मानसिक संताप एवं परिवाद व्यय की भरपाई हेतु 2,500/- रूपये भी पृथक से अदा किये जावे।
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।
विष्णु कुमार गुप्ता किरण चैरसिया भगवानदास खण्डेलवाल
(सदस्य) (सदस्या) (अध्यक्ष)
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