U.L.R Reddy filed a consumer case on 08 Dec 2015 against G.M. Akhilesh kumar gupta, BSNL in the Kota Consumer Court. The case no is CC/46/2011 and the judgment uploaded on 11 Dec 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-4611
यू.एल.आर.रेडडी पुत्र आदीनारायण रेडडी आयु 45 वर्ष जाति ब्राहमण निवासी-3293, इन्द्रगांधी नगर, कोटा, राजस्थान। -परिवादी।
बनाम
01. जी.एम. अखिलेश कुमार गुप्ता, बी.एस.एन.एल. विज्ञान नगर, कोटा, राजस्थान।
02. सी.ए.ओ., एन.आर. चौधरी, बी.एस.एन.एल. विज्ञान नगर, कोटा, राजस्थान।
-विपक्षीगण
समक्ष :
अध्यक्ष : भगवान दास
सदस्य : हेमलता भार्गव
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपसिथत :-
1 श्री अमित खारोलीवाल, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 श्री पी0एस0 चौहान, अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 08.12.15
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उनका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि उसने पहले टेलीफोन नम्बर 2361944 पर बी.बी.एच.यू.एल. 750- रूपये मासिक किराये पर अन लिमिटेड का प्लान ले रखा था। उस ब्राड बेण्ड कनेक्शन को निवास के टेलीफोन नं. 2481504 पर स्थानान्तरण करने का आवेदन दिया, जिस पर बताया गया कि पहला कनेक्शन बंद करने पर ही दूसरा चालू होगा, इस पर उसने निवास के उक्त दूरभाष पर ब्राण्ड बेण्ड कनेक्शन ले लिया, जिसका बिल 5,069 - रूपये का दिया गया, जिससे प्रकट होता है कि उसे सूचित किये बिना, उसका ब्राण्ड बेण्ड प्लान बदल कर बी.बी.सी.एच.-6 कर दिया, इसकी शिकायत विपक्षीगण को बार-बार की गर्इ, लेकिन सुनवार्इ नहीं की गर्इ। दिनांक 28.05.10 को उससे 2,000- रूपये जमा करा लिये, लेकिन उसका ब्राण्ड बेण्ड कनेक्शन चालू नहीं किया गया । विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भेजा गया, जिन्हे प्राप्त होने के बावजूद भी ब्राण्ड बेण्ड कनेक्शन चालू नहीं किया गया तथा इनकमिंग सुविधा भी चालू नहीं की गर्इ। इसी कनेक्शन व ब्राण्ड बेण्ड से परिवादी का सारा व्यापार होता आया, सुविधा नहीं होने से उसे व्यापार में लगभग दस लाख रूपये का नुकसान हुआ है।
विपक्षीगण के जवाब का सार है कि परिवादी के आवेदन पर उसके निवास पर लगे टेलीफोन नं. 2481504 पर ब्राण्ड बेण्ड प्लान 500 कोम्बो प्लस 09.02.10 को चालू किया गया। परिवादी के टेलीफोन नं. 2361944 की ब्राण्ड बेण्ड सेवा उसके आवेदन-पत्र दिनांक 17.12.09 से विच्छेद करवा ली। नये आवेदित फोन पर केवल 2.5 जी.बी. फ्री डाउन लोड की ही सुविधा उपलब्ध थी, जबकि परिवादी ने 09.02.10 से 28.02.10 तक ब्राण्ड बेण्ड सुविधा का अत्यधिक उपयोग किया, जिसका उसे सही बिल भेजा गया। बिल राशि की अदायगी नही करने पर नियमानुसार उसका कनेक्शन विच्छेद किया गया। 28.05.10 को उसने बकाया राशि की किस्त 2,000- रूपये जमा करवार्इ थी, अन्य किस्तों की अदायगी नहीं की गर्इ, इसलिये सेवा में कोर्इ कमी नहीं की गर्इ है। परिवाद झूंठा पेश किया है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा टेलीफोन नं. 2481504 के बिल दिनांक 05.03.10, 05.04.10, 05.05.10 टेलीफोन नं. 2361944 के बिल दिनांक 05.10.09, 05.11.09, 05.12.09, 05.01.10, 28.05.10 को अदा की गर्इ, राशि 2,000- रूपये की रसीद, विपक्षीगण को प्रेषित कानूनी नोटिस आदि दस्तावेजात की प्रतिया प्रस्तुत की हैं।
विपक्षीगण की ओर से साक्ष्य में मुकुन्द सिंंह एस.डी.ओ. (फोन्स) तृतीय के शपथ-पत्र के अलावा परिवादी द्वारा टेलीफोन नं. 2361944 पर ब्राण्ड बेण्ड सुविधा बंद करने का आवेदन-पत्र दिनांक 17.12.09, टेलीफोन नं. 2481504 पर ब्राण्ड बेण्ड सुविधा प्राप्त करने का आवेदन-पत्र, उक्त टेलीफोन से संबंधित बिल दिनांक 05.03.10 एवं 05.04.10 व ब्राण्ड बेण्ड उपयोग का विवरण आदि दस्तावेजात की प्रतिया प्रस्तुत की गर्इ है।
हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी ने परिवाद में ही अंकित किया है कि वह टेलीफोन कनेक्शन व ब्राण्ड बेण्ड सुविधा का उपयोग व्यवसाय के लिये करता है तथा उनका उपयोग नहीं होने से व्यवसाय में काफी घाटा हुआ है। अर्थात विपक्षीगण से उसने व्यवसायिक उद्धेश्य के लिये सेवा ली है। ऐसे उद्धेश्य के लिये ली गर्इ सेवा के संबंध में विपक्षीगण सेवा प्रदाता व परिवादी उपभोक्ता नहीं है, इससे संबंधित विवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत नहीं आते है। इसी आधार पर परिवाद खारिज होने योग्य है।
इसके अलावा जहा तक गुण-दोष का प्रश्न है? विपक्षी ने परिवादी द्वारा नया ब्राण्ड बेण्ड कनेक्शन हेतु प्रस्तुत किये गये आवेदन-पत्र की प्रति प्रस्तुत की है जिसमें उसने 500 कोम्बो प्लस प्लान की सुविधा लेना आवेदन-पत्र में अंकित किया हेै, इस सुविधा में परिवादी को सीमित डाउन लोड के उपयोग की ही फ्री सुविधा थी, लेकिन परिवादी ने उससे काफी अधिक सुविधा का उपयोग किया, जिसके प्रमाण हेतु विपक्षी ने परिवादी के ब्राण्ड बेण्ड उपयोग से संबंधित विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर दिया है। उस सुविधा का विपक्षी ने नियमानुसार बिल दिया है,जिसकी परिवादी ने अदायगी नहीं की। इसी आधार पर उसका ब्राण्ड बेण्ड कनेक्शन व इनकमिंग फैसेलिटी बंद की गर्इ है। जो अदायगी की गर्इ है वह पूर्ण अदायगी नहीं की गर्इ, इसलिये अपूर्ण अदायगी करने से उसका कनेक्शन पुन: चालू नहीं हो सकता था। विपक्षीगण ने उसका कनेक्शन चालू नहीं करके सेवामें कोर्इ कमी नहीं की है।
अत: परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनांक 08.12.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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