Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/3112

Shri Ajay Dubey - Complainant(s)

Versus

G. D. A. - Opp.Party(s)

M .H . Khan

21 Feb 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/3112
( Date of Filing : 18 Nov 2003 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Shri Ajay Dubey
New Zealand
...........Appellant(s)
Versus
1. G. D. A.
Ghaziabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Feb 2024
Final Order / Judgement

मौखिक

उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-3112/2003

श्री अजय दुबे आदि

बनाम

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण

समक्ष:-                                                             

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एम0 एच0 खान, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित:   कोई नही

दिनां :21.02.2024 

माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

          प्रस्‍तुत अपील, हरगोविन्‍द नरायन दुबे व अन्‍य की ओर से विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या– 721/1995, अजय कुमार दुबे व अन्‍य बनाम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.10.2003 के विरूद्ध योजित की गयी है। जिला आयोग द्धारा परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि परिवाद स्‍वयं परिवादी द्धारा नहीं अपितु, मुख्‍तारआम की ओर से योजित

 

 

 किया गया है। मुख्‍तारआम को परिवाद प्रस्‍तुत करने का अधिकार नहीं है।

         नजीर कन्‍ज्‍यूमर एजूकेशन एंड रिसर्च सोसायटी व अन्‍य बनाम न्‍यू इंडिया इंश्‍योरेन्‍स कम्‍पनी । (2008) सी पी जे 317(एन सी) में व्‍यवस्‍था दी गई है कि पावर आफ अटार्नी द्धारा उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया जा सकता है। अत: इस माननीय राष्‍ट्रीय आयोग के नजीर के आलोक में कहा जा सकता है कि पावर आफ अटार्नी द्धारा उपभोक्‍ता परिवाद योजित किया जा सकता है।

         समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुये न्‍यायहित में पीठ के विचार से अपीलार्थी/परिवादी को एक अवसर प्रदान किया जाना उचित प्रतीत होता है, तदनुसार इस मामले में बिना किसी गुण दोष पर विचार एवं टिप्‍पणी किये प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्धारा परिवाद संख्‍या-721/1995 में पारित आदेश दिनांक 17.10.2003 अपास्‍त किया जाता है तथा प्रकरण जिला आयोग गाजियाबाद को इस आदेश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग परिवाद संख्‍या-721/1995 को अपने मूल नम्‍बर पर पुर्नस्‍थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुये परिवाद का गुण-दोष के आधार पर 06 माह की अवधि में निस्‍तारण करना सुनिश्चित करें।

       पक्षकार दिनांक 12.03.2024 को जिला उपभोक्‍ता आयोग, गाजियाबाद के समक्ष उपस्थित होवें।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

रंजीत, पी0 ए0,

कोर्ट-03

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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