Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/784

Jaitun - Complainant(s)

Versus

G D A - Opp.Party(s)

S K Verma

08 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/784
( Date of Filing : 05 May 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Jaitun
a
...........Appellant(s)
Versus
1. G D A
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 08 Aug 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-784/2011

Smt. Jaitun W/O Mohd. Haneef

Versus  

Ghaziabad Development Authority & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0के0 वर्मा, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री मनोज कुमार, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :08.08.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.      परिवाद सं0-187/2006 श्रीमती जैतुन बनाम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण व अन्‍य मे विद्धान जिला आयोग,  गाजियाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.01.2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।   
  2.          जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि यह परिवाद समयावधि से बाधित है।
  3.          पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादिनी ने प्राधिकरण के समक्ष 10,777/-रू0 जमा कराये हैं। प्राधिकरण ने कब्‍जा पत्र देने का अवसर दिया, परंतु कभी कब्‍जा पत्र नहीं दिया गया। परिवादिनी अवशेष धनराशि जमा करना चाहती थी, परंतु अवशेष धनराशि भी जमा नहीं की गयी। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने वर्ष 1988 लगायत 93 तक जमा राशि के संबंध में वर्ष 2006 में मुकदमा प्रस्‍तुत करने को समयावधि से बाधित मानते हुए परिवाद खारिज किया है, परंतु चूंकि जब तक परिवादिनी का पैसा प्राधिकरण के पास जमा रहा तब तक इस पैसे को वापस लेने का अधिकार नियमित रूप से बना रहा, इसलिए वाद कारण भी तब तक मौजूद रहा जब तक इस पैसे के संबंध मे कोई निष्‍कर्ष प्राधिकरण द्वारा नहीं दिया गया। अत: समयावधि से बाधित मानने का निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है, परंतु चूंकि परिवादिनी के पक्ष में कोई भवन आवंटित नहीं है। अत: इस स्थिति में जमा राशि वापस करने का आदेश दिया जाना उचित है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।
  4.  

          अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि प्राधिकरण द्वारा परिवादी की जमा राशि 06 प्रतिशत के ब्‍याज के साथ 03 माह के अंदर लौटा दी जाए। यदि यह राशि 03 माह के अंदर नहीं लौटायी जाती तब जमा राशि पर ब्‍याज 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अदा किया जायेगा।

                उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

       प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

   आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।        

 

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

          संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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