जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्री प्रहलाद यादव पुत्र श्री सूरजकरण यादव, निवासी- यादव मौहल्ला, श्रीनगर, जिला-अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. फयूचर जनरली इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, विषाल मेगा मार्ट के उपर, टी.टी. काॅलेज के सामन, मीरषाह अली,जयपुर रोड, अजमेर-305001
2. फयूचर जनरली इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, राॅयल वल्र्ड, प्प्दक फलोर , एससी रोड,जयपुर-302001
3. फयूचर जनरली इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, , 001 ट्रेड प्लाजा, ग्राउण्ड फलोर, 414 वीर सावरकर मार्ग, प्रभा देवी, मुम्बई जरिए इसके प्रबन्ध निदेषक ।
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 88/2013
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री अनिल षर्मा, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 11.11.2014
1. परिवाद के तथ्योनुसार प्रार्थी का एक ट्रेक्टर संख्या आर.जे.01.आर.ए. 4932 अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा अवधि दिनंाक 27.7.2011 से
26.7.2012 तक बीमित था । उक्त वाहन को दिनंाक 4.12.2011 की षाम को प्रार्थी ने अपने बाडे में खडा किया एवं दिनांक 5.12.2011 को प्रार्थी जब अपने बाडे में गया तो प्रार्थी का ट्रेक्टर व ट्राली वहां नहीं मिले । प्रार्थी ने ट्रेक्टर व ट्राली को ढूंढा तो ट्रेक्टर की ट्राली खटीको के पनघट के पास मिली किन्तु ट्रेक्टर नहीं मिला जिसकी रिर्पोट प्रार्थी ने पुलिस थाना श्रीनगर में करवाई एवं अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम प्रस्तुत किया आदि तथ्य स्वीकृतषुदा है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी के क्लेम को इस आधार पर अस्वीकार किया है कि प्रार्थी द्वारा ट्रेक्टर की उचित एवं प्रर्याप्त सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं दिया एवं ऐसा नहीं किया जाना बीमा पाॅलिसी की षर्तो का उल्लंघन था । अप्रार्थी का यह भी कथन रहा है कि ट्रेक्टर के चालक ने ट्रेक्टर की चाबियां ट्रेक्टर में ही लगी छोड दी तथा दूसरी चाबी टूल बाक्स में थी । इस तरह से भी प्रार्थी ने इस ट्रेक्टर की सुरक्षा के संबंध में लापरवाही बरती है ।
2. उपरोक्त विवेचन उपरान्त हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी के क्लेम को सही रूप से अस्वीकार किया है ?
3. इस निर्णय बिन्दु पर हमने पक्षकारान की बहस सुनी तथा प्रार्थी की ओर से पेष प्रथम सूचना रिर्पोट तथा पुलिस द्वारा जो मौका मुआयना आदि किया, का भी अवलोकन किया । अप्रार्थी बीमा कम्पनी का जैसा कि कथन रहा है कि ट्रेक्टर की चाबियां ट्रेक्टर में ही लगी हुई थी तथा दूसरी चाबी भी टूल बाक्स में ही थी तथा ड्राईवर ट्रेक्टर खडा करके चला गया । इस तथ्य को प्रार्थी ने स्वीकार नहीं किया है । अप्रार्थी के जवाब अनुसार इस चोरी का अन्वेषण अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा करवाया गया जिसमें स्वयं प्रार्थी ने यह दर्षाया कि उसके ड्राईवर ने ट्रेक्टर खडे करते वक्त चाबी ट्रेक्टर में ही लगी हुई छोड दी व दूसरा चाबी भी टूल बारक्स में छोड दी लेकिन अन्वेषणकर्ता की ऐसी कोई रिर्पोट पत्रावली पर पेष नहीं हुई है इसके अतिरिक्त पुलिस द्वारा किए गए अनुसन्धान के क्रम में पर बनाई गई नक्षा मौका रिर्पोट जिसकी प्रति प्रार्थी द्वारा पेष की गई है, के अवलोकन सें नक्षे मौका में दर्षाए गए स्थान एक्स (ग्) पर ट्रेक्टर खडा था एवं यह स्थान प्रार्थी के बाडे के भीतर का है । प्रार्थी का बाडा चारों ओर से बन्द है तथा उसमें फाटक भी लगा हुआ है । इसी बाडे में प्रार्थी के मवेषी व अन्य सामान भी रखे जाते हैं । । इन हालात में प्रार्थी ने जिस बाडे में ट्रेक्टर को खडा किया वह उपयुक्त व सुरक्षित स्थान होना पाया जाता है । इसी क्रम में प्रार्थी द्वारा दृष्टान्त 2014;3द्धब्च्त् 300;छब्द्ध छमू प्दकपं ।ेेनतंदबम ब्व स्जक -।दत टे ैीतप ळपतपेी ळनचजंए च्तवच डध्े ळनचजं डमकप म्ुनपचउमदज ब्वण् पेष किया । जिसके तथ्योनुसार वाहन की चाबी वाहन में लगी हुई छोड कर ड्राईवर लघुषंका करने चला गया था और पीछे से वाहन चोरी चला गया । अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के क्लेम को चूंकि चाबी गाडी में ही छोड दी गई थी, के आधार पर अस्वीकार किए जाने को माननीय राष्ट्रीय आयोग ने सहीं नहीं माना । हस्तगत प्रकरण में प्रथमतः प्रार्थी व उसके चालक ने ट्रेक्टर की चाबियां ट्रेक्टर में लगी छोडी, तथ्य स्वीकृतषुदा नहीं है और ना ही अप्रार्थी की ओर से यह तथ्य सिद्व हुआ है । इसके अतिरिक्त प्रार्थी का ट्रेक्टर प्रार्थी के बाडे में रखा हुआ था जो चारों ओर से बन्द है तथा फाटक भी लगा हुआ है तथा प्रार्थी के मवेषी व अन्य सामान भी उसमें रखा गया था, आदि तथ्यों के परिपेक्ष्य में हम पाते है कि प्रार्थी ने अपने इस ट्रेक्टर के संबंध में सुरक्षा संबंधी उपयुक्त या आवष्यक उपाय नहीं किए हो अथवा लापरवाही बरती हो, अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से सिद्व नहीं हुए है और ना ही ऐसा पाया जाता है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी के क्लेम को सहीं आधारों पर अस्वीकार किया जाना हम उचित नहीं पाते है । प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
4. (1) प्रार्थी अपने ट्रेक्टर संख्या आर.जे.01.आर.ए. 4932 की बीमा पाॅलिसी में दर्षाई आई.डी. वी. राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी होगा
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में रू. 2000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र. सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह के अन्दर अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
5. आदेष दिनांक 11.11.2014 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्य सदस्या अध्यक्ष