Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/441/2021

Durgesh Gupta - Complainant(s)

Versus

Firstcry.com - Opp.Party(s)

prerna Mishra

19 Sep 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/441/2021
( Date of Filing : 29 Nov 2021 )
 
1. Durgesh Gupta
Lucknow
Lucknow
utter Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Firstcry.com
Lucknow
Lucknow
utter Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MRS. sonia Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Sep 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-441/2021                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

          श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-29.11.2021

परिवाद के निर्णय की तारीख:-19.09.2023

Durgesh Gupta S/o Late. Indra Kumar Gupta Address-365/107 Campwell Road, Asiyamau, Lucknow-226003.

                                                                                  ..................Complainant.

                                                   Versus

 

1.      Firstcry. Com Address-114, Rajashree Business park, Near Sohrab Hall, 338 Tadiwala road, Samgamvadi, Pune, Maharashtra, 411001.

 

2.      Firstcry. Com Vinayak Krishna Enterprize E-1764 Rajajipuram, Lucknow-226017.

                                                                              ................Opposite Parties.                                                                

                                                   

परिवादी के अधिवक्‍ता का नाम:-परिवादी व्‍यक्तिगत रूप से स्‍वयं।

विपक्षी के अधिवक्‍ता का नाम:-कोई नहीं।

आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

                               निर्णय

1.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के तहत संस्थित किया गया है। परिवादी ने विपक्षी से सेवा में कमी के दृष्टिगत मॉंग की गयी कि कम्‍पनी फ्री कैरी बैग दे अन्‍यथा उस पर से कम्‍पनी का लोगो हटाकर उसका मूल्‍य ले, कैरी बैग का मूल्‍य 17.00 रूपये उसे वापस करे। मानसिक कष्‍ट के लिये 4,00,000.00 रूपये, कंज्‍यूमर लीगल एण्‍ड एकाउन्‍ट के लिये 25,000.00 रूपये मय 12 प्रतिशत ब्‍याज के साथ तथा वाद व्‍यय के लिये 25,000.00 रूपये तथा लीगल नोटिस के लिये 5,500.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया गया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथानक इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 02 से एक सामान दिनॉंक 29.10.2021 को उसकी शाप फर्स्‍ट क्राई विनायक कृष्‍णा इंटरप्राइजेज, ई-1764, राजाजीपुरम, लखनऊ से क्रय किया, जिसकी रसीद संख्‍या टी 1-1667 तथा मूल्‍य 400.00 रूपये था जिसमें कैरीबैग का मूल्‍य भी सम्मिलित था। कैरीबैग का मूल्‍य 17.00 रूपये चार्ज किया गया जिस पर कम्‍पनी का लोगों छपा था, उसे परिवादी को परिवादी के पैसे से ही कम्‍पनी द्वारा अपने प्रचार एजेन्‍ट के रूप में उपयोग किया गया।

3.   उसके पश्‍चात परिवादी ने एक लीगल नोटिस विपक्षी संख्‍या 02 को भेजा जिसमें उसने विपक्षी से कैरीबैग का पैसा वापस करने तथा बैग से कम्‍पनी का लोगों हटाने की नोटिस दी। नोटिस दिनॉंक 02.11.2021 को भेजा गया जिसका कोई उत्‍तर विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा परिवादी को नहीं दिया गया। उसके पश्‍चात परिवादी द्वारा यह परिवाद दाखिल किया गया।

4.   परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्‍तु विपक्षीगण की ओर से केवल वकालतनामा दाखिल किया गया, कोई उत्‍तर पत्र दाखिल नहीं किया गया। अत: दिनॉंक 28.04.2023 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।

5.   परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य  के रूप में बिल की छायाप्रति एवं विधिक नोटिस आदि की छायाप्रति दाखिल की गयी है।

6.   मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।

7.   परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 02 से एक सामान दिनॉंक 29.10.2021 को उसकी शाप फर्स्‍ट क्राई विनायक कृष्‍णा इंटरप्राइजेज, ई-1764, राजाजीपुरम, लखनऊ से क्रय किया, जिसकी रसीद संख्‍या टी 1-1667 तथा मूल्‍य 400.00 रूपये था जिसमें कैरीबैग का मूल्‍य भी सम्मिलित था। कैरीबैग का मूल्‍य 17.00 रूपये चार्ज किया गया, जो विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा परिवादी से अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया तथा सेवा में कमी की गयी है। अत: परिवादी अनुतोष पाने का अधिकारी है।

8.   प्रस्‍तुत परिवाद में विपक्षीगण अनुपस्थित रहे हैं, उनका कोई कथन अथवा शपथ पत्र तथा साक्ष्‍य पत्रावली पर उपलब्‍ध नहीं है। परिवादी विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया गया है। इस प्रकार मात्र परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अभिलेख, साक्ष्‍यों के आधार पर निर्णय लिया जाना है।

9.   प्रश्‍नगत परिवाद में मुख्‍यत: निम्‍न बिन्‍दुओं पर विचार कर निर्णय लिया जाना है:-

1:-   क्‍या विपक्षीगण की ओर से कोई सेवा में कमी की गयी है, या कोई अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है।

2:-   क्‍या परिवादी वांछित अनुतोष पाने का अधिकारी है।

3:-   उसे क्‍या अनुतोष दिया जाए।

बिन्‍दु संख्‍या 01 व 03 के संबंध में परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत मा0 जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, द्वितीय  हैदराबाद के केस Baglekar Akash Kumar Vs. More Megastore Retail Limited, में दिए गये आदेश संख्‍या 310/2019 दिनॉंकित 19.02.2021 दाखिल किया गया है। मैंने मा0 न्‍यायालय द्वारा पारित आदेश का ससम्‍मानपूर्वक अवलोकन किया जिसमें स्‍पष्‍ट व्‍यवस्‍था के तहत परिवादी को उपभोक्‍ता मानते हुए समुचित आदेश पारित किये गये हैं। विपक्षी से क्षतिपूर्ति एवं वाद व्‍यय दिलाया गया है। प्रश्‍नगत परिवाद भी उसी के अनुरूप है।

10.  अत: प्रथम बिन्‍दु के संबंध में विचारणीय है कि विपक्षीगण द्वारा बिना डिस्‍प्‍ले किए कैरीबैग पर कम्‍पनी का लोगो छपवाया गया और अपनी कम्‍पनी का प्रचार किया गया तथा बिना बताए पेमेंट काउन्‍टर पर उस कैरी बैग का पैसा उपभोक्‍ताओं से चार्ज किया गया। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा अपने उपभोक्‍ताओं से कैरीबैग का पैसा लिया गया तथा उपभोक्‍ताओं का उपयोग कम्‍पनी के प्रचार में किया गया। कैरीबैग का अतिरिक्‍त पैसा लेना तथा कैरीबैग पर लोगो छपवाकर उपभोक्‍ता का उपयोग प्रचार के लिये करना सेवा में कमी व अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया को दर्शाता है।

11.  उपभोक्‍ता को यह अधिकार प्रदत्‍त है कि किसी भी रिटेल शाप पर सामग्री क्रय करने से पूर्व शॉप के ऑनर द्वारा यह अवगत करा देना चाहिए कि उससे सामान कैरी करने हेतु कैरी बैग का मूल्‍य अलग से लिया जाएगा। परन्‍तु विपक्षी द्वारा इसे शाप पर डिस्‍प्‍ले नहीं किया जाना अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया है एवं सेवा में कमी भी है। सामान्‍यत: अधिकतर शॉपकीपर द्वारा कैरीबैग का कोई मूल्‍य अलग से उपभोक्‍ताहों से लने की परम्‍परा नहीं है। वस्‍तुत: उपभोक्‍ता चाहे परचून का सामान खरीद रहा है या सब्‍जी खरीद रहा है, या मिठाई खरीद रहा है, सामान्‍यतया शॉप पर उससे पैकिंग/कैरीबैग चार्ज अलग से नहीं लिया जाता है। विपक्षी द्वारा परिवादी से कैरीबैग का चार्ज लेकर सेवा में कमी की गयी है। अत: प्रश्‍नगत परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                             आदेश

     परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि कैरीबैग का चार्ज मुबलिग-17.00 (सत्रह रूपये मात्र) कैरीबैग का भुगतान किये जाने की तिथि से निर्णय की दिनॉंक से 45 दिन के अन्‍दर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ अदा करेगें। उपभोक्‍ता को Logo Vale Carry bag को बेचने तथा उसे प्रचार का साधन बनाने के एवज में परिवादी को हुए मानसिक शोषण के लिये मुबलिग-10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्‍यय के लिये 5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।

पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

 (कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                        (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                         (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ

दिनॉंक-19.09.2023

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 

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