जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-709/2002
इन्द्रजीत पुत्र श्री रामकरन निवासी 703 नई बस्ती मसवानपुर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. उपनिबन्धक, सहकारी समितियां उत्तर कानपुर मण्डल नियर नया बाजार (चुन्नीगंज) कानपुर नगर।
2. षाखा प्रबन्धक, फेडरल कोआॅपरेटिव बैंक लि0 एच0आई0जी0 154 कैलाष बिहार आवास विकास योजना-1 पनकी रोड, कानपुर नगर।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 29.07.2002
निर्णय की तिथिः 01.01.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादपत्र में उल्लिखित सभी एफ.डी.आर. की रकम 15 प्रतिषत ब्याज के हिसाब से परिवादी को विपक्षी से दिलाये जाने का आदेष पारित किया जाये।
2. परिवादी की ओर से परिवाद पत्र प्रस्तुत करके संक्षेप में यह कथन किया है कि परिवादी द्वारा खाता सं0-30 दिनांक 03.11.97 व खाता सं0-02 दिनांक 03.01.98 को क्रमषः रू0 10,000.00 व 5000.00 खोलकर एफ.डी.आर. बनवाया था। उक्त दोनों खाते क्रमषः दिनांक 03.11.02 व दिनांक 02.01.02 को परिपक्व हो गये हैं। उक्त खाते में जमा रकम रू0 10000.00 का 15 प्रतिषत के हिसाब से रू0 20,893.00 व रू0 5000.00 का 15 प्रतिषत के हिसाब से रू0 9479.00 पांच साल में होगा। परिवादी को कुछ घरेलू परिस्थितियों के कारण रूपयों की आवष्यकता हुई। किन्तु विपक्षीगण ने परिवादी की परेषानी को कतई ध्यान में न रखकर भुगतान करने से मना कर दिया। परिवादी ने दिनांक 24.08.98 को उपनिबन्धक
...........2
...2...
प्रषासनिक मण्डल सहकारी समितियां फेडरल कोआपरेटिव बैंक लि0 कानपुर को एक लिखित प्रार्थनापत्र दिया तथा दिनांक 29.06.02 को विधिक नोटिस भी भिजवायी, किन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 27.05.05 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 07.06.06, 16.11.13 एवं 22.11.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में खाता सं0-30 एवं 02 एफ.डी.आर. की छायाप्रतियां, परिवादी द्वारा विपक्षी को दिये गये प्रार्थनापत्र की प्रति, नोटिस की प्रति, रजिस्ट्री पत्र, उपनिबन्धक सहकारी समितियां उ0प्र0 कानपुर मण्डल कानपुर के आदेष की प्रति, अपील सं0-1304/12 की प्रति, विपक्षी द्वारा फोरम को प्रेशित पत्र दिनांकित 08.08.13 की प्रति, समाचार पत्र में प्रकाषित नोटिस की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है तथा अभिकथित एफ.डी.आर. खाता सं0-30 व 02 की छायाप्रतियां प्रस्तुत की गयी हैं। विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की
............3
...3...
ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है।
अतः उपरोक्त तथ्यों परिस्थितियों के आलोक में तथा उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से एवं एकपक्षीय रूप से, प्रस्तुत किये गये उपरोक्त एफ.डी.आर. बावत खाता सं0-30 व 02 में अंकित धनराषि मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से वापस दिलाये जाने तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 15,000.00 मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रष्नगत एफ.डी.आर. की परिपक्वता की तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-709/2002
01.01.2016
मुकद्मा पुकारा गया। निर्णय सुनाया गया।
ःःःआदेषःःः
परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 15,000.00 मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रष्नगत एफ.डी.आर. की परिपक्वता की तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष